भारतीय सेना POK पर कब्जा करने पूरी तरह तैयार, बस सरकार के इशारे का इंतजार, चिनार कॉर्प्स कमांडर ने कही ये बात

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan issue) के मुद्दे को उठाने और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के शेष हिस्सों पर फिर से भारत का कब्जा करने पर जोर देने के कुछ दिनों बाद चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला(Chinar Corps Commander Lt Gen ADS Aujla) ने कहा है कि इसके लिए सरकार के आदेश पर कोई भी कार्रवाई करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
पहले जानिए राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात 1947 में बडगाम हवाई अड्डे पर भारतीय सेना के हवाई लैंडिंग ऑपरेशन के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में 27 अक्टूबर, 2022 को श्रीनगर (J & K) में आयोजित 'शौर्य दिवस' समारोह में कही थी।
राजनाथ सिंह ने कहा था-" POK में निर्दोष भारतीयों के खिलाफ अमानवीय घटनाओं के लिए पूरी तरह से पाकिस्तान जिम्मेदार है। आने वाले समय में पाकिस्तान को उसके अत्याचारों का परिणाम भुगतना होगा।
रक्षामंत्री ने यह भी कहा था-आज, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह सिर्फ शुरुआत है। हमारा उद्देश्य संकल्प को लागू करना है, गिलगित और बाल्टिस्तान जैसे शेष हिस्सों को फिर से हासिल करने के लिए 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। (File Photo)
राजनाथ सिंह के बयान पर बोले कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला
रक्षा मंत्री के इस हालिया बयान और कश्मीर और सीमावर्ती इलाकों के मौजूदा हालात पर मीडिया को संबोधित करते हुए एडीएस औजला ने कहा-''केंद्र सरकार जब भी ऐसा फैसला करेगी, हमारे पास आदेश आएंगे, तो हम पूरी तरह से तैयार हैं।
हमारी परंपरागत ताकत है, हम भी आधुनिक रूप से खुद को मजबूत कर रहे हैं, ताकि हमें ऐसी स्थिति में पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़े।
बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान के पश्चिम में अफगानिस्तान और इसके दक्षिण में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) है। चिनार कॉर्प्स कमांडर ने आश्वासन दिया कि नियंत्रण रेखा (LOC) पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और सेना सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी ताकत से तैयार है।
सेना के अधिकारी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों में उल्लेखनीय कमी आई है। 32 साल में सबसे कम घुसपैठ दिखाते हुए घाटी में शांति बहाली को देखते हुए यह साल बहुत अच्छा रहा, इस पूरे साल में अक्टूबर महीने तक सिर्फ आठ आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की, जिनमें से तीन का सफाया कर दिया गया।"