भारत अगले 3 वर्षों में 10 हजार किमी. रेंज की अग्नि-6 मिसाइल का करेगा परीक्षण,अग्नि-5 मिसाइल के पूरे हो चुके हैं परीक्षण

India will cover 10 thousand km in the next 3 years. Range's Agni-6 missile will be tested

Newspoint24/ newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के बाद आईसीबीएम ग्रुप में होगी भारत की गिनती

नई दिल्ली । यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से सबक लेते हुए भारत ने इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) यानी 5000 किमी. से आगे की रेंज वाली अग्नि मिसाइल का परीक्षण शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। आने वाले तीन अग्नि-6 मिसाइल का परीक्षण करने के पीछे भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित करने के साथ ही चीन के सबसे दूरस्थ इलाकों को अपनी जद में लेना है। इसके साथ ही भारत की गिनती उन देशों में हो जाएगी जिनके पास आईसीबीएम है। भारत से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ने इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की ताकत हासिल की है।

आगे की रेंज वाली मिसाइल को इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) कहा जाएगा

भारत ने जनवरी, 2018 में इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) परमाणु सक्षम अग्नि-5 का हैट्रिक प्री-इंडक्शन ट्रायल करने के बाद इसकी आधिकारिक सीमा 5000 किमी. तक सीमित कर दी थी। साथ ही यह भी ऐलान किया था कि इसके आगे की रेंज वाली मिसाइल को इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) कहा जाएगा। अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5000 किमी. बताई गई है, जिसके दायरे में भारत के मुख्य भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी चीन के महत्वपूर्ण शहर बीजिंग, ग्वांगझू, शंघाई और हांगकांग आते हैं। इसके अलावा सभी एशियाई देशों, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों को अपनी जद में लेने में सक्षम है। अब अग्नि-6 मिसाइल के जरिये चीन के सबसे दूरस्थ इलाकों को भी अपनी जद में लेना है।

इसके बाद इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) अग्नि-5 का पहला उपयोगकर्ता परीक्षण 23 सितम्बर, 2021 को किया जाना था लेकिन अग्नि-5 मिसाइल की लॉन्चिंग से पहले ही चीन में खौफ पैदा हो गया। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव का हवाला देते हुए भारत के मिसाइल कार्यक्रम पर सवाल उठाया। परीक्षण के दिन 23 सितम्बर को दिन भर इन्तजार के बाद डीआरडीओ प्रमुख जी.सतीश रेड्डी ने देर रात अग्नि-5 को यूजर ट्रायल किये बिना ही सेना और वायुसेना में शामिल किये जाने के संकेत दिए। हालांकि, अभी तक अग्नि-5 को चीन या पाकिस्तान की किसी भी सीमा पर तैनात किये जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

भारत अग्नि श्रृंखला की चार प्रकार की मिसाइलों से लैस है

अभी तक भारत अग्नि श्रृंखला की चार प्रकार की मिसाइलों से लैस है, जिसमें 700 किमी. की रेंज वाली अग्नि-1, दो हजार किमी. तक मारक क्षमता के साथ अग्नि-2, 2.5 हजार किमी. रेंज के साथ अग्नि-3 और 3.5 हजार किमी. दूर तक लक्ष्य को भेदने वाली अग्नि-4 शामिल हैं। डीआरडीओ अधिकारियों ने बताया कि किसी भी मिसाइल में कम पेलोड, बेहतर नेविगेशन के साथ उसकी रेंज बढ़ाई जा सकती है और इसके लिए परीक्षण की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि 5000 किमी. की सीमा वाली अग्नि-5 का ट्रायल होने तक भारत ने आधिकारिक तौर पर इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) रेंज की सीमा को पार नहीं किया था।

मौजूदा समय में यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से सबक लेते हुए भारत ने इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) यानी 5000 किमी. से आगे की रेंज वाली अग्नि मिसाइल का परीक्षण शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। अग्नि-6 परियोजना के तहत भारत ने आवश्यक कई महत्वपूर्ण तकनीकों को विकसित कर लिया है। आने वाले तीन वर्षों में कंप्यूटर सिमुलेशन को मान्य करके अग्नि-6 मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी है। अग्नि-6 का परीक्षण करने के पीछे भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित करने के साथ ही चीन के सबसे दूरस्थ इलाकों को अपनी जद में लेना है। नई तकनीकों पर शोध करने में अधिक समकालीन सामग्री, बेहतर नेविगेशन और 10 हजार किलोमीटर तक की रेंज शामिल हैं। साथ ही अग्नि-6 मिसाइल को पनडुब्बी से भी लॉन्च करने की तकनीक विकसित की जा रही है। 

यह भी पढ़ें : वायु सेना बदलेगी 'लड़ाकू वर्दी', नया डिजिटल पैटर्न 'एयर फोर्स डे' पर होगा लॉन्च
 

Share this story