हिमाचल प्रदेश में जनता ने रिवाज कायम रखते हुए राज बदला, कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन शुरू

हिमाचल प्रदेश में जनता ने रिवाज कायम रखते हुए राज बदला,  कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन शुरू
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में जीत के बाद कांग्रेस में CM चेहरे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। नई सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक शुक्रवार को चंडीगढ़ में रखी गई है। इसमें हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के लिए हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर विचार किया जा रहा है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जनता ने रिवाज कायम रखते हुए राज बदल दिया है। यानी, हर चुनाव की तरह इस बार भी सत्ता बदली है। राज्य की 68 सीटों पर वोटों की गिनती समाप्त हो गई है। अंतिम नतीजों में कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी 35 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है। कांग्रेस 40 सीटें जीत चुकी है।

वहीं, भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई। 2017 के मुकाबले उसे 19 सीटों का नुकसान हुआ। 3 सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की है। MCD चुनाव में भाजपा को हराने वाली आम आदमी पार्टी पहाड़ में खाता भी नहीं खोल पाई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नतीजों के बाद इस्तीफा दे दिया। इधर, कांग्रेस ने नए सरकार के गठन के लिए चंडीगढ़ में निर्वाचित विधायकों की कल बैठक बुलाई है।

भाजपा के 8 मंत्री चुनाव हारे
हिमाचल में हर चुनाव में 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का रिकॉर्ड है। इस बार भी जयराम ठाकुर कैबिनेट के 10 में से 8 मंत्री चुनाव हार गए। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं। जयराम ठाकुर के अलावा बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाए।

पिछले 4 चुनाव में करीब आधे मंत्रियों के हारने का रिकॉर्ड
पिछले चार चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो हर बार करीब आधे या उससे ज्यादा मंत्री चुनाव हार गए हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के CM वीरभद्र सिंह कैबिनेट के 11 में से 5 मंत्री चुनाव हार गए। 2012 में BJP सरकार में CM प्रेम कुमार धूमल के 10 में से 4 मंत्री चुनाव हार गए। 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए, लेकिन उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट हार गए। इसी तरह 2003 में BJP के CM प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री जीत नहीं सके।

कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन शुरू
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में जीत के बाद कांग्रेस में CM चेहरे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। नई सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक शुक्रवार को चंडीगढ़ में रखी गई है। इसमें हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के लिए हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर विचार किया जा रहा है। प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं और मंडी लोकसभा सीट से सांसद भी हैं।

हिमाचल रिजल्ट को लेकर पीएम और खड़गे क्या बोलें...

हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी की हार पर कहा- भाजपा को स्नेह, समर्थन के लिए हिमाचल की जनता का धन्यवाद। हम राज्य की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करते रहेंगे, जनता के मुद्दे उठाएंगे। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने कहा- यह हिमाचल की जनता के मुद्दों की जीत है। जनादेश के लिए जनता का धन्यवाद।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हिमाचल प्रदेश हम जीते हैं उसके लिए मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं। हमारे प्रेक्षक जा रहे हैं और वह तय करेंगे की राज्यपाल से कब मिलना है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रियंका गांधी को धन्यवाद देते हैं क्योंकि उनकी वजह से हम जीते हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- हिमाचल प्रदेश में बड़ी जीत हुई है। वहां की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे जी के अध्यक्ष बनने की बाद यह पहली जीत है और प्रियंका जी ने भी खूब प्रचार किया। यह जीत वहां के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं की जीत है।

हिमाचल में हार के बाद CM रहे जयराम ठाकुर ने कहा- लोकतंत्र की सबसे बड़ी खासियत है कि जनमत का सम्मान होना चाहिए। हमने जनमत का सम्मान किया है। मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। हम राज्य में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
 

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