सागर में ड्रैगन ने आंख दिखाई तो इंडियन नेवी का यह युद्धपोत सिखाएगा सबक, ब्रह्मोस मिसाइल है मुख्य हथियार

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली। एक तरफ चीन एलएसी पर भारत की जमीन पर नजर गड़ाए बैठा है दूसरी तरफ हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। इसे देखते हुए भारत सरकार नौसेना की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।

नौसेना को ताकतवर युद्धपोतों से लैस किया जा रहा है। इसी क्रम में एक और युद्धपोत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है। सागर में ड्रैगन ने आंख दिखाई तो यह उसे सबक सिखाएगा। ब्रह्मोस मिसाइल इसका मुख्य हथियार है। 

इस नए युद्धपोत का नाम आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) है। यह स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। इसे रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर ऐसे युद्धपोत को कहते हैं जिसका मुख्य हथियार गाइडेड मिसाइल (क्रूज मिसाइल) हो। 

163 मीटर लंबा है युद्धपोत

भारतीय नौसेना के अनुसार यह युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर, रडार और सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट 7,400 टन है। यह 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है।

यह भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा। इसके लिए मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में कार्यक्रम आयोजित होगा। 

55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है अधिकतम रफ्तार

युद्धपोत का नामकरण गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर मोरमुगाओ के नाम पर किया गया है। INS मोरमुगाओ चार 'विशाखापत्तनम' क्लास के डिस्ट्रॉयरों में से दूसरा है। इसे स्वदेशी रूप से भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है।

इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। जहाज में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

नौसेना ने कहा कि यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। यह पानी के अंदर छिपी पनडुब्बियों को भी खोजकर उसे नष्ट कर सकता है। इसमें स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और टारपीडो लॉन्चर लगे हैं। 

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