भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे:नितिन गडकरी 

Despite India becoming the fifth largest economy in the world, its people are facing poverty, hunger, unemployment, casteism, untouchability and inflation: Nitin Gadkari

नितिन गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं। यहां अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और गहरी होती जा रही है, इस खाईं को पाटने की जरूरत है। 


वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक अन्य संगठन भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने कहा कि हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम एक गरीब आबादी वाले समृद्ध राष्ट्र हैं।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 
नागपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को खत्म करने पर बल दिया है। उन्होंने गुरुवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए देश में आर्थिक और सामाजिक समानता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के भीतर समाजिक एवं आर्थिक समानता की जरूरत है। समाज के गरीबों और अमीर लोगों के बीच फासला बढ़ा है। इतना ही नहीं, आर्थिक विषमता भी सामाजिक असमानता की तरह बढ़ी है।

नितिन गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं। यहां अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और गहरी होती जा रही है, इस खाईं को पाटने की जरूरत है। 


वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक अन्य संगठन भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने कहा कि हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम एक गरीब आबादी वाले समृद्ध राष्ट्र हैं। हमारा देश समृद्ध है, लेकिन हमारी जनसंख्या भुखमरी, बेरोजगारी, गरीबी, मुद्रास्फीति, जातिवाद, छुआछूत का सामना कर रही है। ये कारक समाज की प्रगति के लिए अच्छे नहीं हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमीर-गरीब की खाई को पाटने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सहित ऐसे अन्य क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है। उन्होंने देश में 124 आकांक्षी जिलों को विकसित करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि देश के ये 124 आकांक्षी जिले सामाजिक और शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में पिछड़ रहे हैं। देश में शहरी क्षेत्रों में खूब विकास हुआ है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं और अवसरों की कमी के कारण एक बड़ी आबादी शहरों की ओर पलायन कर कर रही है। उन्होंने भारत विकास परिषद से ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने पर काम करने की अपील भी की। 


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