Central Vista Avenue: कर्तव्यपथ की 10 खास बातें

Central Vista Avenue: 10 Highlights of Duty Path

सेंट्रल विस्टा मतलब राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का 3.2 किलोमीटर का एरिया। यह 111 साल पहले अस्तित्व में आया था।बंगाल में अपने विरोध से डरे किंग जॉर्ज पंचम को भारत की राजधानी कलकत्ता(अब कोलकाता) से दिल्ली शिफ्ट करनी पड़ी थी।

इसकी डिजाइन प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने की थी। 1931 में सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन हुआ था।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

 

नई दिल्ली।  ये है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट(Revamped Central Vista Avenue)  के एक प्रमुख हिस्से सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (विजय चौक से इंडिया गेट तक के राजपथ-अब कर्तव्यपथ के दोनों ओर का क्षेत्र) का विहंगम दृश्य। 8 सितंबर को  PM मोदी के उद्घाटन के साथ ही आप इस 'कर्तव्यपथ' का आनंद उठा सकेंगे। 9 सितंबर से यह आम पब्लिक के लिए ओपन हो जाएगा। इसे पूरा करने के लिए 19 महीने तक 24 घंटे तक लगातार मजदूरों काम करते रहे। आइए जानते हैं इससे जुड़ीं 10 महत्वपूर्ण बातें...

1. सेंट्रल विस्टा मतलब राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का 3.2 किलोमीटर का एरिया। यह 111 साल पहले अस्तित्व में आया था।बंगाल में अपने विरोध से डरे किंग जॉर्ज पंचम को भारत की राजधानी कलकत्ता(अब कोलकाता) से दिल्ली शिफ्ट करनी पड़ी थी। इसकी डिजाइन प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने की थी। 1931 में सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन हुआ था।

2. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में रोड के दोनों और शॉप, राज्यों के फूड स्टॉल खोले जाएंगे। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक कर्तव्यपाथ के चारों तरफ हरियाली छा गई है। यहां पार्क और नहरें बनाई गई हैं। यानी इस एरिया का कायापलट हो गया है।

3. खाने-पीने के शौकीनों के लिए यहां विशेष इंतजाम हैं। यानी यहां अलग-अलग राज्यों के फूड स्टॉल मिलेंगे। लेकिन अब कोई भी यहां लॉन में बैठकर खा-पी नहीं सकेगा। वेंडर्स के स्टॉल के लिए भी स्पेशल जोन हैं। 

4. यहां दो पार्किंग बनाई गई हैं। इनमें 1100 से ज्यादा गाड़ियां पार्क हो सकेंगी। सिक्योरिटी के मकसद से 300 से ज्यादा CCTV कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं।

5. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के रि-डेवलपमेंट के लिए सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) ने जनवरी 2021 में 502 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था। जिसे 487.08 करोड़ रुपए की बिड पर शापूरजी पालोनजी कंपनी ने हासिल किया। 4 फरवरी 2021 से प्रोजेक्ट पर वर्क शुरू हुआ। 300 दिनों के अंदर यानी नवंबर, 2021 तक यह काम पूरा करना था, लेकिन यह10 महीने लेट हो गया।  हालांकि कोरोना लॉकडाउन में भी यहां का कंस्ट्रक्शन वर्क चलता रहा। यह अलग बात है कि यह मामला कोर्ट तक चला गया था।

5. सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत तिकोने आकार का नया संसद भवन भी तैयार है। इसे फाइनल टच दिया जा रहा है। यहां अब पहले की तरह शास्त्री भवन, उद्योग भवन, रेल भवन, विज्ञान भवन और इंदिरा गांधी नेशनल म्यूजियम की पुरानी बिल्डिंग नहीं दिखेंगी। यानी सबकुछ नया है। यानी इस प्रोजेक्ट में ही अब नया संसद भवन-लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी, मंत्रालय के ऑफिसों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति आवास भी इसमें शामिल हैं।

6. यह दिल्ली में सबसे लोकप्रिय पब्लिक प्लेस माना जाता है। रीडेवलप्ड खंड में लाल ग्रेनाइट वॉकवे हैं, जो चारों ओर हरियाली के साथ लगभग 1.1 लाख वर्ग मीटर फैले हुए हैं। कर्तव्यपथ के साथ 133 से अधिक लाइट पोल्स, 4,087 पेड़, 114 आधुनिक संकेत मार्डन साइनेज(modern signages) और स्टेप्ड गार्डन हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।

7. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में 8 सुविधा ब्लॉक(amenity blocks) बनाए गए हैं, जबकि पूरे ब्लॉक में चार पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं, जिनमें 422 लाल ग्रेनाइट बेंच हैं। इसके साथ 1,10,457 वर्ग मीटर में फैले नए लाल ग्रेनाइट फुटपाथ बनाए गए हैं, जो बजरी रेत की जगह लेंगे।

8. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले दिनों बताया था कि 51 मंत्रालयों के लिए ऑफिस, मेट्रो के साथ जोड़ना, नया संसद भवन, 9 ऑफिस के भवन, न्यू इंदिरा गांधी सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स सब मिलाकर सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर खर्चा करीब 13,000-15,000 करोड़ आएगा।

9. प्रधानमंत्री मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था। 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की इस प्रतिमा को सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी स्ट्रक्चर भी बनाया गया है।

10. करीब 100 साल बाद देश को नया संसद भवन मिलेगा। अहमदाबाद के आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने नए संसद भवन की डिजाइन तैयार की है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। प्रत्येक संसद सदस्य के पास पुनर्विकसित श्रम शक्ति भवन में 40 वर्ग मीटर का कार्यालय स्थान होगा, जो 2024 तक पूरा हो जाएगा।

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