भीमा कोरेगांव मामला: SC में NIA की याचिका खारिज, आरोपी तेलतुंबड़े को बॉम्बे HC से मिली जमानत बरकरार

भीमा कोरेगांव मामला: SC में NIA की याचिका खारिज, आरोपी तेलतुंबड़े को बॉम्बे HC से मिली जमानत बरकरार

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

नई दिल्‍ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency, NIA) की याचिका खारिज कर दी। इसमें दलित अधिकारों के कार्यकर्ता और स्‍कॉलर आनंद तेल्‍तुमबडे को दी गई जमानत रद करने की मांग की गई थी। भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी तेल्‍तुमबडे (Anand Teltumbde) को UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत गिरफ्तार किया गया था।

 

हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट का इन्‍कार 
चीफ जस्टि‍स डी वाई चंद्रचूड़ ( D Y Chandrachud) और जस्टिस हिमा कोहली (Hima Kohli) की बेंच ने कहा कि यह बॉम्‍बे हाई कोर्ट के आदेश में दखल नहीं देगी। 18 नवंबर को हाई कोर्ट ने तेल्‍तुम्‍बडे के जमानत की मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि केवल तेल्‍तुम्‍बडे का संपर्क कथ‍ित आतंकी समूह के साथ सामने आया है। इसके लिए अधिकतम सजा 10 साल की कैद है।

 

मामले में तीसरे आरोपी को मिली है जमानत 
हालांकि हाई कोर्ट ने अपने जमानत के फैसले पर एक सप्‍ताह के लिए रोक लगा दी थी कि जांच एजेंसी NIA सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका रख सके। मामले में गि‍रफ्तार 16 में से तीसरा आरोपी 73 वर्षीय तेल्‍तुम्‍बडे है, जिसे जमानत दी गई है। स्‍वास्‍थ्‍य कारणों के आधार पर कवि वारवरा राव अभी जमानत पर रिहा हैं वहीं वकील सुधा भारद्वाज को नियमित जमानत पर रिहाई मिली हुई है।

इससे पहले 82 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पी वारवरा राव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। NIA की दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने राव को जमानत का आदेश दिया था। इस मामले में सुनवाई कर रहे जस्टि‍स यूयू ललित ने कहा था कि जमानत केवल चिकित्सा आधार पर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राव को अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, किसी गवाह के भी संपर्क में नहीं रहना चाहिए।

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