पीएफआई पर बैन के बाद वडोदरा के मदरसे में रची जा रही थी बड़ी साजिश, गुजरात एटीएस ने किया सील 

After the ban on PFI, a big conspiracy was being hatched in the madrassa of Vadodara, Gujarat ATS sealed
चरमपंथी मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) सहित उससे जुड़े 8 संगठनों पर केंद्र सरकार द्वारा 5 साल का बैन लगाने के बाद गुजरात पुलिस और ATS ने एक बड़ी कार्रवाई की है। PFI के साथ संबंध की आशंका पर वडोदरा पुलिस और गुजरात ATS ने एक मदरसे को सील किया है। NIA और ED सहित तमाम जांच एजेंसियों की (पहला-22 सितंबर और दूसरा 27 सितंबर) छापेमार कार्रवाई के बाद 28 सितंबर को केंद्र सरकार ने PFI पर बैन लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इस संगठन पर देश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और साम्प्रदायिक आधार पर लोगों में नफरत पैदा करने का आरोप है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वडोदरा चरमपंथी मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) सहित उससे जुड़े 8 संगठनों पर केंद्र सरकार द्वारा 5 साल का बैन लगाने के बाद गुजरात पुलिस और ATS ने एक बड़ी कार्रवाई की है। PFI के साथ संबंध की आशंका पर वडोदरा पुलिस और गुजरात ATS ने एक मदरसे को सील किया है। NIA और ED सहित तमाम जांच एजेंसियों की (पहला-22 सितंबर और दूसरा 27 सितंबर) छापेमार कार्रवाई के बाद 28 सितंबर को केंद्र सरकार ने PFI पर बैन लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इस संगठन पर देश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और साम्प्रदायिक आधार पर लोगों में नफरत पैदा करने का आरोप है।

A madrassa sealed in Gujarat after the central government imposed a 5-year ban on Popular Front of India kpa

मस्जिद के ट्रस्टी को पूछताछ के लिए बुलाया
ACP क्राइम एएच राठौड़ा ने कहा-स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप(Special Operations Group-SoG) की टीम को जानकारी मिली थी कि एक मस्जिद में कुछ गतिविधि चल रही हैं। प्रतिबंधित संगठन ऑल इंडिया इमाम काउंसिल की बैठक भी हुई थी, जिसको लेकर हमने छानबीन की और उस जगह को सील किया है। हम मस्जिद के ट्रस्टी को बुलाकर पूछताछ कर रहे हैं। क्लिक करके बैन लगाने का पूरा मामला

जानकारी छुपाने पर हो सकती है UAPA के तहत कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार(28 सितंबर) सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया था। PFI के अलावा इससे जुड़े 8 और संगठनों पर सख्त एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत की है।  UAPA कानून के तहत केंद्र सरकार किसी भी संगठन या शख्स, जो गैरकानूनी या आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, उसे आतंकवादी घोषित कर सकती है। ऐसे में कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि पीएफआई पर बैन के बाद अगर कोई शख्स इस संगठन से जुड़ा है तो उसे फौरन अपनी सदस्यता छोड़ देनी चाहिए। UAPA कानून के तहत  दर्ज केस में एंटीसिपेटरी बेल यानी अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती। 

A madrassa sealed in Gujarat after the central government imposed a 5-year ban on Popular Front of India kpa

(तस्वीर-पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया-PFI के पदाधिकारी, (ऊपर बाएं से लेफ्ट-एनईसी सदस्य अब्दुल वाहिद सैत, राष्ट्रीय सचिव अफसर पाशा, राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद, पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष और एम्पावर इंडिया फाउंडेशन के संपर्क अधिकारी मिनारुल शेख, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम अब्दुर रहमान, राष्ट्रीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य व एनसीएचआरओ के राष्ट्रीय महासचिव पी कोया, अध्यक्ष ओमा सलाम, राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया एवं जनसंपर्क प्रभारी मोहम्मद शाकिब और राजस्थान के अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ के सचिव वीपी नजरुद्दीन एलाराम, जिन्हें राष्ट्रव्यापी छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया है। केंद्र ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के कड़े प्रावधानों के तहत PFI पर प्रतिबंध लगा दिया है)


बैन के बाद प्रतिक्रियाएं
PFI पर बैन को लेकर देशभर में प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। राजद प्रमुख लालू यादव ने RSS पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि PFI पर लगाए बैन का समर्थन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सांप्रदायिकता फैलाने वाला व्यक्ति या संगठन बहुसंख्यक समाज से है या अल्पसंख्यक समाज से। इधर, यूपी के बरेली में भी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बयान जारी कर बैन के समर्थन में सरकार का शुक्रिया अदा किया था। इसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच कर दी है।  

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