हिमाचल में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 कांग्रेस विधायक अयोग्य: स्पीकर बोले- जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी 

हिमाचल में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 कांग्रेस विधायक अयोग्य: स्पीकर बोले- जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी
अयोग्य करार दिए गए विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्‌टो, बड़सर से आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा शामिल हैं। इन्होंने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा के हर्ष महाजन को वोट दिया है। इससे सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

शिमला । हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 कांग्रेसी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। उन्हें पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी माना गया है।

स्पीकर ने कहा, "सरकार को जनादेश मिला। जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी और ये लोग आया राम, गया राम की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इन लोगों ने खुद एंटी डिफेक्शन लॉ को न्योता दिया।"

अयोग्य करार दिए गए विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्‌टो, बड़सर से आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा शामिल हैं। इन्होंने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा के हर्ष महाजन को वोट दिया है। इससे सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए।

उधर, सरकार गिरने और मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनने की चर्चाओं के बीच CM सुखविंदर सुक्खू ने गुरूवार सुबह विधायकों को ब्रेकफास्ट पर सरकारी आवास में बुलाया था। सुबह साढ़े 9 बजे का समय दिया गया था।

अभी तक मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विक्रमादित्य सिंह नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने इस्तीफे के बाद कहा था कि इस पर फैसला हाईकमान के ऑब्जर्वर लेंगे। इतना जरूर है कि वे अपने इस्तीफे को आगे नहीं बढ़ाएंगे।

हिमाचल के CM का सरकारी आवास ओक ओवर। यहीं पर सभी विधायकों को सुबह बुलाया गया था।

(हिमाचल के CM का सरकारी आवास ओक ओवर। यहीं पर सभी विधायकों को सुबह बुलाया गया था।)

देर रात तक कांग्रेस विधायकों से बात करते रहे ऑब्जर्वर

हिमाचल कांग्रेस सरकार में आए संकट को दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 2 ऑब्जर्वर भेजे हैं। इनमें हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार शिमला में हैं। उन्होंने देर रात तक शिमला में विधायकों की नब्ज टटोली। वे आज अपनी रिपोर्ट बनाकर हाईकमान को भेजेंगे। इसके आधार पर मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कोई फैसला संभव है।

सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव तक सुखविंदर सुक्खू अपने पद पर बने रहेंगे। कांग्रेस हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल ऐसा लग रहा है कि हिमाचल सरकार पर संकट टल गया है।

यही वजह है कि मंगलवार सुबह 10.30 बजे रिजाइन की बात करने वाले विक्रमादित्य सिंह ने रात 8.30 बजे सरकार के मजबूत होने का दावा कर सबको चौंका डाला।

CM सुखविंदर सुक्खू के आवास पर पहुंचे डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री।

(CM सुखविंदर सुक्खू के आवास पर पहुंचे डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री।)

भाजपा विधायक दल की भी देर रात हुई मीटिंग
सूचना के अनुसार, भाजपा विधायक दल की भी रात में शिमला के मरीना होटल में गुप्त मीटिंग हुई है। इसमें मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों की माने तो भाजपा छह विधायकों को लेकर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रही है। यदि इन विधायकों की सदस्यता खत्म की जाती है तो भाजपा इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकती है।

कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को संभालने के लिए डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। वे शाम को करीब 5 बजे शिमला पहुंचे।

कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को संभालने के लिए डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। वे शाम को करीब 5 बजे शिमला पहुंचे।

खतरा भी विपक्ष ने पैदा किया; संकट से उबारा भी
इस पूरे घटनाक्रम में दिलचस्प यह है कि BJP के कारण ही कांग्रेस सरकार के गिरने का खतरा पैदा हुआ और विपक्ष की कुछ गलती की वजह से सरकार से संकट टल गया। विपक्ष पर आरोप है कि इन्होंने स्पीकर के चैंबर के बाहर मार्शल के साथ धक्का-मुक्की की, यदि ऐसा नहीं किया होता तो सुक्खू सरकार के लिए वित्त विधेयक और बजट पास कराना मुश्किल हो जाता।

इसे पास करने में सदस्यों का नंबर गेम आड़े आता। मगर, स्पीकर ने विपक्ष के व्यवहार को देखते हुए सदन की कार्यवाही की शुरुआत में ही BJP के 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया। इससे सुक्खू सरकार पर आया संवैधानिक संकट टल गया। कांग्रेस सरकार को इससे संभलने का मौका मिला है।

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