निरहुआ की गरीबी से हाईएस्ट पेड एक्टर बनने तक का सफर

Nirahua

  दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ भोजपुरी इंडस्ट्री के हाईएस्ट पेड अभिनेताओं में से एक हैं. उनकी फिल्में फैंस को काफी पसंद आती है. हालांकि एक वक्त था जब वह काफी गरीब हुआ करते थे. उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपनी खुद की पहचान बनाई है. निरहुआ जाने-माने भोजपुरी एक्टर होने के साथ-साथ फेमस गायक भी है. आज वे जिन ऊंचाइयों पर है वहां तक पहुंचाने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है. एक समय था जब निरहुआ के पास खाने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन निरहुआ ने बड़े सपने देखना नहीं छोड़ा. अपनी डेडीकेशन से कामयाबी को हासिल करके दिखाया. आइए जानते हैं निरहुआ की प्रेरणा से भरी जर्नी के बारे में.


गरीबी से उठकर निरहुआ ने बनाई पहचान
निरहुआ गाजीपुर के गांव टंडवा के रहने वाले थे. उनके परिवार में कुल सात लोग थे. सभी उनके पिता की कमाई पर निर्भर थे. उनके पिता मात्र 3500 रुपए की सैलरी पर एक फैक्ट्री में काम करते थे. घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. जिसके बाद उनका परिवार कोलकाता चला गया. यहां भी उनकी स्थिति नहीं सुधरी और उन लोगों को झोपड़ी में रात गुजारनी पड़ी.

भाई से आया गायन का शौक
निरहुआ ने किसी तरह बी कॉम तक की पढ़ाई की, लेकिन पढ़ाई-लिखाई से कहीं ज्यादा उन्हें गाने का शौक था. उनके पिता चाहते थे कि निरहुआ विदेश जाकर काम ढूंढे और परिवार को गरीबी से मुक्त करें. लेकिन निरहुआ अपने चचेरे भाई विजय लाल यादव की गायन से काफी प्रभावित थे. निरहुआ ने उनकी ही तरह भोजपुरी सिंगर बनने का फैसला किया. बस यही से उनके जीवन में नया मोड़ आया. निरहुआ का पहला एल्बम ‘निरहुआ सटल रहे’ साल 2003 में आते ही मशहूर हो गया. लोग उन्हें जानने लगे. फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.


एक्टिंग से भी जीता लोगों का दिल
गाना गाने के साथ उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में भी कदम रखा. साल 2006 में उनकी पहली फिल्म ‘चलत मुसाफिर मोह लियो रे’ पर्दे पर आई . इसके बाद से उन्होंने दर्जनों फिल्म किए जो सुपरहिट हो गई. निरहुआ और आम्रपाली दुबे की जोड़ी को पर्दे पर काफी पसंद किया जाता है. हाल ही में उनकी फिल्म ‘माई: द प्राइड ऑफ भोजपुरी’ रिलीज हुई, जिसने आते ही धमाल मचा दिया. अब एक्टिंग और सिंगिंग के साथ दिनेश लाल यादव ने राजनीति में भी कदम रख दिया है.

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