वाराणसी में हत्या का आरोपी अरेस्ट, पैसे के विवाद में गई एक की जान

 वाराणसी जिले में गुरुवार की सुबह दो ठेकेदारों के बीच विवाद के बाद बल्ली के हमले में एक की जान चली गई। मामले की जानकारी होने पर सक्रिय हुए पुलिस ने आरोपी को चार घंटे में अरेस्ट कर लिया।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी ।  जिले की पुलिस ने गुरुवार को हत्या की घटना के चार घंटे बाद ही आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। घटना सुबह कैंट थाना क्षेत्र के कचहरी चौराहे के समीप निर्माणाधीन भवन में हुई थी। बकाया पैसे के विवाद में एक ठेकेदार ने दूसरे ठेकेदार के सिर पर बल्ली से प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल को मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। 

 

उधर, घटना के बाद आरोपी ठेकेदार बजरडीहा के सरायसुर्जन निवासी सोहराब आलम फरात हो गया। घटना की जानकारी होने पर सक्रिय हुई कैंट पुलिस ने उसे चार घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया। वह बेगूसराय भागने के फिराक में था।


यह है मामला
एडीसीपी वरुणा जोन सरवणन टी. और एसीपी कैंट विदुष सक्सेना ने पुलिस लाइन स्थित कार्यालय में हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी। बताया कि बड़ागांव के सातो महुआ निवासी इजहार अहमद उर्फ बाबर (35) और सोहराब आलम दोनों मकान निर्माण का ठेका लेते थे। सोहराब कॉन्ट्रेक्ट लेता था, जबकि सोहराब के जिम्मे काम करवाना था। दोनों साथ-साथ ही काम करते थे।

 

 पिछले काम के पैसे को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। इजहार के पिता मो. कमालुद्दीन ने बताया कि उनके पुत्र का 50 हजार रुपया सोहराबुद्दीन पर बकाया है। कचहरी चौराहे के पास दोनों एक मकान निर्माण में काम करा रहे थे। रात में दोनों ने शराब भी पी थी। पैसे को लेकर ही रात दो बजे से विवाद शुरू हुआ। भोर में करीब चार बजे दोनों में मारपीट हो गई। 

मारपीट के दौरान इजहार ने सरिया से वार किया तो सोहराब ने बल्ली के टुकड़े से उसके सिर पर प्रहार कर दिया। जिससे इजहार का सिर फट गया और वह वहीं गिर पड़ा। मौके पर काम कर रहे मजदूरों ने उसे मंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई। कैंट पुलिस ने आरोपी को सरायसुर्जन स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। वह तीसरी मंजिल पर छिपकर बैठा था। 

गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक कैंट अजय राज वर्मा, उप निरीक्षक पवन पाठक, कैंट थाने की क्राइम टीम के सब इंस्पेक्टर आयुष पांडेय, हेड कांस्टेबल बृज बिहारी ओझा, कांस्टेबल सचिन मिश्रा, क्राइम ब्रांच से उप निरीक्षक गौरव सिंह, सर्विलांस सेल के दिवाकर वत्स थे। एडीसीपी ने टीम को 15 हजार रुपये इनाम की घोषणा की।

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