वाराणसी में 3000 लोगों से 50 करोड़ की ठगी:2 साल में पैसा 3 गुना करने की स्कीम दिखाई

वाराणसी में 3000 लोगों से 50 करोड़ की ठगी
कंपनी के लोगों ने पहले उनसे महंगी डिजिटल करेंसी की खरीदारी कराई। फिर लालच दिया और बाद में उनके दाम सस्ते बताकर कंपनी को घाटा दिखाकर बंद कर दिया। साइबर क्राइम पुलिस ने कंपनी के कथित MD, CEO, सुपरवाइजर, एरिया मैनेजर समेत 8 पर FIR दर्ज किया है। इसके अलावा उनके मददगारों को अज्ञात में रखा है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

वाराणसी । दो साल में तीन गुना पैसा करने की स्कीम दिखाकर 50 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। यहां करीब 3000 लोगों से डिजिटल करेंसी में इन्वेस्ट करवाकर यह ठगी की गई है। एप और वेबसाइट के माध्यम से इस करेंसी में निवेश करवाया गया, इसके बाद एप की वर्किंग ही बंद हो गई। निवेश करने वालों में वाराणसी, रामनगर, प्रतापगढ़, गोपालगंज, प्रयागराज समेत आसपास के जनपदों के लोग शामिल हैं।

कंपनी के लोगों ने पहले उनसे महंगी डिजिटल करेंसी की खरीदारी कराई। फिर लालच दिया और बाद में उनके दाम सस्ते बताकर कंपनी को घाटा दिखाकर बंद कर दिया। साइबर क्राइम पुलिस ने कंपनी के कथित MD, CEO, सुपरवाइजर, एरिया मैनेजर समेत 8 पर FIR दर्ज किया है। इसके अलावा उनके मददगारों को अज्ञात में रखा है।

वहीं सभी आरोपियों ने आफिस पर ताला लगाकर अपने फोन बंद कर दिए हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

 

वाराणसी के बड़े होटल में सेमिनार आयोजित कर कराते थे क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी।

(वाराणसी के बड़े होटल में सेमिनार आयोजित कर कराते थे क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी।)

ठगी के मामले में चंदौली के कमालपुर रामनगर निवासी राजू कुमार पुत्र संतोष, रामनगर निवासी आशुतोष कुमार पुत्र काशी प्रसाद, हर्ष गुप्ता पुत्र दीपक गुप्ता और अंशु सिंह पटेल ने आरोपियों के खिलाफ साइबर थाने में केस दर्ज कराया है।

पीड़ित युवकों ने बताया- एक दोस्त के जरिए BUSD GLOBAL कंपनी की जानकारी मिली। उसके सेमिनार में शामिल हुए। इसके बाद अपना और रिश्तेदारों का रुपए डिजिटल करेंसी में लगा दिया।

राजू कुमार ने अपने साथ लगभग 15 करोड़ रुपए कंपनी में जमा कराकर बीएसजी क्वाइन खरीद लिया। पहले तो खरीद के बाद क्वाइन की कीमतें बढ़ी फिर बड़ी धनराशि जमा होते ही गिरने लगी। 16 हजार रुपए में खरीदा गया क्वाइन 100 रुपए में आ गया।

आरोप है कि कंपनी निदेशकों ने अपना सभी रुपए रियल स्टेट में लगाकर कंपनी को बंद कर दिया। लोगों ने रुपए मांगे तो पहले टालमटोल किया, बाद में डिजिटल क्वाइन का दाम बढ़ने का हवाला देकर फोन बंद कर लिया।

वाराणसी के सितारा होटल में 14 सितंबर 2022 को हुई थी बीएसजी कंपनी की लाचिंग।

केस में इनको किया गया नामजद

  • अर्जुन कुमार शर्मा पुत्र पुट्‌टी लाल निवासी उन्नाव।
  • राजकुमार मौर्या पुत्र लटूरी सिंह, निवासी बुदौन बदायूं।
  • प्रकाश जोशी निवासी नीमकरौली उत्तराखंड (डायरेक्टर)।
  • नवनीत सिंह पुत्र विजय सिंह, मच्छरहट्‌टा भीटी रामनगर।
  • शुभम मौर्या पुत्र रामचरण मच्छरहट्‌टा भीटी रामनगर।
  • विकास नंदा निवासी भीटी पंचवटी रामनगर।
  • दानिश खान पुत्र नौशाद खान गोलाघाट भीटी वाराणसी।
  • सत्यम पांडे निवासी रामेशवर पंचवटी।

हम आपको बताते हैं बीएसजी कंपनी की शुरूआत...
कपंनी के संचालकों ने बनारस के 3000 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया। वाराणसी के सितारा होटल में 14 सितंबर 2022 को BSG की लांचिंग की गई थी। इसमें कंपनी ने दो सैकड़ा भर लोगों की मौजूदगी में कई लोगों को ज्वाइनिंग दी गई।

कंपनी के डायरेक्टर राजकुमार, प्रकाश चंद्र जोशी, अर्जुन कुमार समेत सुपरवाइजर नवनीत सिंह ने सेमिनार में युवाओं से संवाद किया। उन्हें बीएसजी से क्रिप्टोकरेंसी खरीदने को प्रेरित किया। बनारस के रामनगर में आफिस खोला। बिहार निवासी नवनीत सिंह ने रामनगर से अपना आधार कार्ड और किराएदारी बनवाई और स्थानीय परिचय देकर लोगों से मिलने लगा।

14 सितंबर 2022 को हुई थी, बीएसजी कंपनी की लाचिंग। ज्वाइन के बाद इस तरह का डिजिटल क्वाइन देते थे निवेशक।

(14 सितंबर 2022 को हुई थी, बीएसजी कंपनी की लाचिंग। ज्वाइन के बाद इस तरह का डिजिटल क्वाइन देते थे निवेशक।)

वादा किया 600 दिन में जमा धनराशि तीन गुना
नवनीत सिंह ने अपने साथियों के साथ आफिस का संचालन शुरू कर दिया। वहां पर लोगों को जोड़ने लगा। सबसे ज्यादा लोगों को बनारस, रामनगर और चंदौली में जोड़ा। इन सभी को वादा किया कि 600 दिन में उनकी जमा धनराशि तीन गुना से अधिक हो जाएगी। पहले पैसा जमा करने वालों को लाभांश ओर उपहार भी दिए। जिसके बाद लोगों ने नगदी लगाना शुरू कर दिया।

15 अक्टूबर 2023 को नकदी जमा करने के बाद बीएसजी ने सभी एकाउंट के पेमेंट रोक दिए। मिलने वाला लाभांश भी बंद हो गया, तो निवेशकों ने दबाव बनाया। इसके बाद कंपनी का घाटा बताते हुए नई कंपनी में काम करने का लालच दिया।

देखते ही देखते सभी क्रिप्टोकरेंसी क्वाइन की कीमत रुपए में गिरने लगी और लगभग एक डालर के पास पहुंच गई। कंपनी के लोगों ने रेट सस्ता दिखाकर बड़ी राशि लगवाई। फिर पूरे क्वाइन की कीमत को 100 रुपए से कम में ला दिया।

महीनों प्रयास के बाद भी नहीं मिला निवेशक का पैसा
पीड़ितों ने बताया कि महीनों प्रयास के बाद भी किसी भी निवेशक का पैसा नहीं मिला, ज्यादा दबाव बनाने पर कंपनी के लोग धमकी देते हैं। वहीं इस मामले में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। कि पुलिस की नाक के नीचे गोरखधंधा फलता फूलता रहा। लेकिन उसे कानोकान खबर तक नहीं हुई।

Share this story