ब्याज दर नहीं बदली, लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बदलेगी ,6.50% ही रहेगा  रेपो रेट 

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने गुरुवार को रेपो रेट में इजाफा न करने का फैसला किया है। यानी ब्याज दर 6.50% बनी रहेगी। इससे पहले RBI ने रेपो रेट में लगातार 6 बार इजाफा किया था। आज के RBI के फैसले से पहले एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे थे कि रेपो रेट में 0.25% का इजाफा किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में फेडरल रिजर्व, यूरोपियन सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड समेत दुनिया के तमाम सेंट्रल बैंकों ने ब्‍याज दरें बढ़ाई थीं।

क्या हुआ: रिजर्व बैंक ने बीते एक साल में लगातार 6 बार ब्याज दरें बढ़ाने के बाद बढ़ोतरी रोकी
RBI ने 2022-23 में 6 बार में ब्याज दरों में 2.50% की बढ़ोतरी की है। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। पिछले वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया। 22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था।

इसके बाद 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई। सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गईं। फिर दिसंबर में 6.25% पर पहुंच गईं। इसके बाद फरवरी 2023 में ब्याज दरें 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दी गईं थीं।

क्यों नहीं बदला: RBI इकोनॉमी की रिकवरी को बरकरार रखना चाहती है, इसलिए दरें नहीं बढ़ाई
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए हमने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम स्थिति के हिसाब से कदम उठाएंगे। तमाम ग्लोबल टेंशन के बीच भारत की इकोनॉमी मजबूत बनी हुई है।

इस फैसले से क्या होगा: रेपो रेट में बदलाव न होने से लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी
RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

शेयर बाजार पर क्या असर होगा: स्थिरता आएगी, दरों का फायदा रियल्टी कंपनियों को मिलेगा
RBI के इस फैसले के बाद सरकारी बैंकों और रियल्टी शेयरों में तेजी देखने को मिली। PNB का शेयर करीब 2% तो बैंक ऑफ महाराष्ट्र, SBI, पंजाब एंड सिंध बैंक में 1% से ज्यादा की तेजी दिखी। IIFL के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा, 'RBI ने मार्केट में स्थिरता लाने के लिए ये कदम उठाया है। ऐसे में आने वाले दिनों में बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।'

वहीं नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, 'महंगाई के साथ-साथ रेपो रेट और लेंडिंग रेट में कोई और बढ़ोतरी संभावित रूप से कंज्यूमर्स की खर्च करने की क्षमता को कम कर सकती थी। ऐसा होता तो इसका असर भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ता।' इकोनॉमिक ग्रोथ की सुस्ती शेयर बाजार पर भी असर डाल सकती थी।

महंगाई बढ़ेगी या घटेगी: महंगाई से राहत मिल सकती है, RBI ने महंगाई अनुमान घटा दिया है
RBI ने आज अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महंगाई के अनुमान में कटौती की जानकारी दी है। यानी आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिल सकती है। वहीं वायसरॉय प्रॉपर्टीज के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर साइरस मोदी के मुताबिक, इकोनॉमी में सुधार के संकेत दिख रहे हैं लेकिन सेंट्रल बैंक महंगाई को काबू में रखना चाहता है।

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आगे चलकर RBI इस स्तर पर दरों को रोक देगा और कैलेंडर ईयर 2025 से दरों को कम करना शुरू कर देगा। सेंट्रल बैंक का लक्ष्य ग्रोथ रेट और महंगाई के बीच संतुलन बनाना है। हमें उम्मीद है कि एक रेगुलर मानसून ईयर महंगाई को कम करने में मदद करेगा जिससे ब्याज दरों में कमी आएगी।

RBI के टारगेट से ऊपर बनी हुई है महंगाई
RBI गवर्नर ने महंगाई को लेकर कहा कि ये अभी भी महंगाई RBI के टारगेट के ऊपर बनी हुई है। RBI गवर्नर ने भारत के बैंकिंग और NBFC सेक्टर को बहुत मजबूत बताया। उन्होंने बेहतर रबी फसल से ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद भी जताई।

रुपए को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि 2022 में रुपए की चाल काफी व्यवस्थित रही है और 2023 में भी इसके बरकरार रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रुपए की स्थिरता और मजबूती को बनाए रखने पर RBI का लगातार फोकस है।

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