क्या है वेदांता-फॉक्सकॉन डील जिसे लेकर खड़ा हुआ विवाद, डील से जुड़ा वो सबकुछ जो जानना चाहते हैं आप

क्या है वेदांता-फॉक्सकॉन डील जिसे लेकर खड़ा हुआ विवाद, डील से जुड़ा वो सबकुछ जो जानना चाहते हैं आप

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में वेदांता-फॉक्सकॉन डील को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है। बता दें कि इस डील के तहत वेदांता समूह (Vedanta Group) और ताइवान की फॉक्सकॉन (Foxconn) मिलकर सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने जा रहे हैं।

पहले यह प्लांट महाराष्ट्र के पुणे में लगना था। लेकिन वेदांता-फॉक्सकॉन ने 13 सितंबर को गुजरात सरकार के साथ एक एमओयू साइन किया, जिसके बाद अब यह यूनिट गुजरात में लगेगी। इसके बाद से शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी मिलकर शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साध रही है। 

क्या है वेदांता-फॉक्सकॉन डील?

वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी।

वेदांत-फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम की डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग इकाई राज्य के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित की  जाएगी। इस संयुक्त उद्यम में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमश: 60 और 40 प्रतिशत होगी।

इतने लाख लोगों को मिलेगा रोजगार :

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मुताबिक, सेमीकंडक्टर प्लांट और डिस्प्ले एफएबी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने से करीब 1 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

गुजरात सरकार इसके लिए दोनों कंपनियों को पूरा सहयोग देगी। गौरतलब है कि इस साल फरवरी में, वेदांता ने फॉक्सकॉन के साथ एक संयुक्त उद्यम में प्रवेश किया था और भारत सरकार की सेमीकंडक्टर निर्माण योजना के लिए आवेदन किया था.

आखिर क्या है पूरा विवाद : 

वेदांता-फॉक्सकॉन की सेमीकंडक्टर प्लांट और डिस्प्ले एफएबी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पहले पुणे के पास स्थापित होनी थी। लेकिन 13 सितंबर को दोनों कंपनियों ने गुजरात सरकार के साथ एक एमओयू साइन कर लिया।

इसके बाद ये यूनिट गुजरात में लगाई जाएगी। इसके बाद से एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। डील के महाराष्ट्र से गुजरात जाने के बाद से ही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। 

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