हम चीन से नहीं डरते जयशंकर बोले- ध्यान से सुनिएगा मैं CHINA का नाम ले रहा हूं , राहुल को जवाब- चीनी कब्जा 1962 में हुआ, आरोप मोदी पर लगा रहे

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम चीन से नहीं डरते हैं। अगर डरते होते तो बॉर्डर पर सेना तैनात नहीं करते। कांग्रेस को तो ईमानदारी से ये देखना चाहिए कि 1962 में क्या हुआ था। लद्दाख में पैंगोंग झील के पास का इलाका 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है।
न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाने वाले विदेशी मीडिया, कांग्रेस पार्टी, BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री और अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के बयानों की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक हालात और भारत उसके असर पर भी बात की।
जयशंकर बोले- ध्यान से सुनिएगा मैं CHINA का नाम ले रहा हूं
चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी और कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- हम पर आरोप लगता है कि हम चीन से डरते हैं, उसका नाम भी नहीं लेते हैं। मैं बता दूं कि हम चीन से नहीं डरते। अगर हम डरते हैं तो भारतीय सेना को चीन बॉर्डर पर किसने भेजा? ये सेना राहुल गांधी ने नहीं भेजी, नरेंद्र मोदी ने भेजी है।
जयशंकर ने कहा- कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती हैं कि लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन ब्रिज बना रहा है। मैं आपको बता दूं कि यह इलाका 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। इस वक्त भारत के इतिहास का सबसे बड़ा पीस टाइम डिप्लॉयमेंट चीन बॉर्डर पर तैनात है। और प्लीज आप इस बात को नोट कीजिए… मैंने चीन कहा… CHINA…
जयशंकर ने कहा कि इस वक्त भारत के इतिहास का सबसे बड़ा पीस टाइम डिप्लॉयमेंट चीन बॉर्डर पर तैनात है। क्या ये सेना राहुल गांधी ने भेजी है?
अगर चीन के मामले में राहुल मुझसे ज्यादा जानते हैं, तो उन्हें सुनने को तैयार हूं
जयशंकर ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाती है कि हम चीन के प्रति उदार हैं, लेकिन ये सच नहीं है। हम बड़े खर्च पर और बड़ी कोशिशों के साथ चीन बॉर्डर पर सेना को तैनात किए हुए हैं। इस सरकार के तहत हमने बॉर्डर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अपना खर्च 5 गुना बढ़ा दिया है। अब आप बताइए क्या इसे चीन के प्रति उदार होना या या बचाव की भूमिका में आना कहेंगे? आप देखिए कौन सच बता रहा है, चीजें जैसी हैं उन्हें वैसा ही दिखा रहा है और कौन इतिहास के साथ खेल रहा है।
जब उनसे राहुल गांधी के बयान को लेकर सवाल पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था एस जयशंकर को विदेश नीति के बारे में ज्यादा नहीं पता और उन्हें कुछ चीजें सीखने की जरूरत है, तो जयशंकर ने कहा कि अगर चीन के मामले में राहुल के पास बेहतर ज्ञान और बुद्धिमत्ता है तो वे उनकी बात सुनने को तैयार हैं।
एस जयशंकर ने कहा कि चीन बॉर्डर की सुरक्षा की खातिर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए हमने जो खर्च किया है उसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि हम चीन के प्रति उदार हैं।
1984 में दिल्ली में जो हुआ, उस पर डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनी
BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जयशंककर ने कहा कि आजकल विदेशी मीडिया और विदेशी ताकतें पीएम मोदी को टारगेट कर रही हैं। एक कहावत है- वॉर बाय अदर मीन्स, यानी युद्ध छेड़ने के दूसरे उपाय। ऐसे ही यहां पॉलिटिक्स बाय अदर मीन्स यानी दूसरे उपायों से पॉलिटिक्स की जा रही है।
जयशंकर बोले- आप सोचिए अचानक क्यों इतनी सारी रिपोर्ट्स आ रही हैं, इतनी बातें की जा रही हैं, ये सब पहले क्यों नहीं हो रहा था। अगर आपको डॉक्यूमेंट्री बनाने का शौक है तो दिल्ली में 1984 में बहुत कुछ हुआ। हमें उस घटना पर डॉक्यूमेंट्री देखने को क्यों नहीं मिली।
लंदन और न्यूयॉर्क में चुनावी मौसम आ गया है
विदेश मंत्री से पूछा गया कि हाल ही में अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था, भाजपा इसे साजिश बता रही है। इस पर जयशंकर ने कहा कि ये सब कुछ साजिश के तहत किया जा रहा है। BBC की डॉक्यूमेंट्री और जॉर्ज सोरोस के बयान की टाइमिंग कोई संयोग नहीं है। इसका सीधा मतलब ये है कि भारत में चुनावी मौसम शुरू हुआ हो या नहीं, लंदन और न्यूयॉर्क में हो चुका है।
सोरोस ने पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कहा था कि वे लोकतंत्रिक देश के नेता हैं, लेकिन खुद लोकतांत्रिक नहीं हैं। वो मुसलमानों के साथ हिंसा कर तेजी से बड़े नेता बने हैं। इस पर जयशंकर ने जवाब दिया था कि अमेरिका के बिलेनियर कारोबारी जॉर्ज सोरोस बूढ़े, अमीर, जिद्दी और खतरनाक हैं।