सुप्रीम कोर्ट का फरमान दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा, केजरीवाल बोले- अब दिल्ली में बड़ा बदलाव करेंगे

 सुप्रीम कोर्ट का फरमान दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा, केजरीवाल बोले- अब दिल्ली में बड़ा बदलाव करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली सरकार ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे को उनके पद से हटा दिया।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया के सामने आए। जेब से पर्चा निकाला, चश्मा चढ़ाया और बोले- चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सभी जजों का शुक्रिया। दिल्ली के लोगों के साथ आज सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया।

करीब 15 मिनट मीडिया के सामने बोलते रहे। प्रधानमंत्री को राज्यों का पिता बताया, कहा कि एलजी से निवेदन करेंगे कि काम में टांग ना अड़ाएं। ऐलान किया कि नाकाबिल और भ्रष्टाचारी अफसरों को हटाएंगे, ईमानदारों को ऊंचे पदों पर बैठाएंगे। जनता का काम रोकने वालों को कर्म का फल भुगतना होगा।

10 पॉइंट में केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस...
1. दिल्ली के लोगों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया

केजरीवाल बोले- 'आज सुप्रीम कोर्ट का जो ऑर्डर आया है, वो कई मायनों में ऐतिहासिक ऑर्डर है। दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है। दिल्ली के लोगों के साथ जो अन्याय हुआ, उनके साथ सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया है।'

2. पीएम ने हमसे ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार छीने
उन्होंने कहा, 'आज से 8 साल पहले 14 फरवरी 2015 को हमारी सरकार बनी। सरकार बनने के 3 महीने के भीतर ही प्रधानमंत्रीजी ने केंद्र सरकार से एक आदेश पारित करवाया कि दिल्ली के सर्विसेस के मामले अब मुख्यमंत्री के पास नहीं रहेंगे, केंद्र या एलजी के पास रहेंगे। मतलब यह हुआ कि दिल्ली में काम करने वाले जितने अफसर-कर्मचारी हैं, IAS से चपरासियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, अपॉइंटमेंट, पोस्ट बनाना इसका अधिकार दिल्ली सरकार के पास नहीं होगा।'

3. अफसरों के जरिए दिल्ली का काम रोका गया
केजरीवाल बोले, 'यानी मैं मुख्यमंत्री हूं और मेरे सामने कोई रिश्वत ले रहा है तो मैं उस पर एक्शन नहीं ले सकता हूं। स्वास्थ्य और शिक्षा का सचिव कौन होगा, हम तय नहीं कर सकते थे। 8 साल हो गए, इसका इस्तेमाल करके दिल्ली के काम को रोका गया। जानबूझकर। वो ऐसा एजुकेशन सेक्रेटरी रखेंगे जो काम ना करें। अड़ंगा लगाने वालों को बनाया जाएगा। दिल्ली के हर काम को रोका गया। मेरे दोनों हाथ पीछे बांध दिए गए थे। मुझे नदी में तैरने के लिए फेंक दिया गया। ये ऊपरवाले का शुक्र है कि किसी तरह से तैरते रहे।'

4. जनता का शुक्रिया, जीत उनके आशीर्वाद का नतीजा
उन्होंने कहा, 'इसके बावजूद दिल्ली के अंदर हम लोगों ने शानदार काम किया। आप सोच सकते हैं कि हमारे पास पूरी ताकत होती तो हम कितना ज्यादा काम कर सकते थे। आज हम सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस चंद्रचूड़ और सभी जजों का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने न्याय दिया। दिल्ली की जनता को बधाई देता हूं, उन्होंने मेरा साथ संघर्ष में दिया है। उनके आशीर्वाद और साथ का नतीजा है ये जीत।'

5. 10 गुना ज्यादा स्पीड से काम होगा
केजरीवाल बोले, 'अब हमें मौका मिला है कि दिल्ली का काम 10 गुना स्पीड से होगा। सबसे जरूरी है कि हमें ऐसा प्रशासन देना है, जो काम करे, जरूरतों के लिए संवेदनशील हो। अगले कुछ दिनों में बहुत बड़ा प्रशासनिक बदलाव होगा। काम के आधार पर अधिकारियों का ट्रांसफर होगा। कुछ ऐसे कर्मचारी हैं और अफसर हैं, जिन्होंने दिल्ली की जनता के काम रोके, दवाइयां बंद करा दीं, पानी बंद करा दिया। ऐसे कर्मचारियों और अफसरों की पहचान करेंगे, उन्हें कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।

कुछ ऐसे थे जो घुटन महसूस कर रहे थे, वो काम करना चाहते थे। उन्हें काम करने का मौका मिलेगा। भ्रष्टाचारियों और नाकाबिल हैं, उन्हें अच्छी पोस्टों से हटाया जाएगा। काम करने वालों को मौका दिया जाएगा।'

6. देश को गवर्नेंस का आदर्श मॉडल देंगे
केजरीवाल बोले, 'व्यवस्था के अंदर जितनी कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। पूरे सिस्टम, कर्मचारियों और अफसरों को जनता के लिए जिम्मेदार बनाया जाएगा। जैसे दिल्ली ने देश को शिक्षा और हेल्थ का मॉडल दिया, वैसे ही गवर्नेंस का मॉडल रखेंगे। कई ऐसी पोस्ट हैं, जिनकी जरूरत नहीं है। कोई भी कर्मचारी-अधिकारी बैठकर जनता के काम में 4 अड़चनें लगा देता है। ऐसी पोस्ट खाली कर देंगे या खत्म कर देंगे। जहां ज्यादा पोस्ट हैं, वहां कम कर दी जाएंगी।'

7. विजिलेंस हमारे हाथ में भ्रष्टाचारियों पर एक्शन लेंगे
उन्होंने कहा, 'ACB चुनी हुई सरकार के पास नहीं है, लेकिन विजिलेंस आ गया है। जो गलत काम करेंगे, भ्रष्टाचार करेंगे, उन पर हम एक्शन ले सकते हैं। मैं अब LG से आशीर्वाद लेने जा रहा हूं। पहले जिम्मेदारी थी पर ताकत नहीं। अब जितने असेंबली में बजट रखते हैं और बातें करते हैं, उन्हें अब हम कर पाएंगे। LG के कई फैसले गलत हैं और कई मामले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं। अब लगता है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अपने स्तर पर फैसला ले लेंगे।'

केजरीवाल बोले- अब दिल्ली का काम 10 गुना स्पीड से होगा। हमें ऐसा प्रशासन देना है, जो काम करे, जरूरतों के लिए संवेदनशील हो।

केजरीवाल बोले- अब दिल्ली का काम 10 गुना स्पीड से होगा। हमें ऐसा प्रशासन देना है, जो काम करे, जरूरतों के लिए संवेदनशील हो।

8. प्रधानमंत्रीजी राज्यों के पिता समान, मुश्किल में उन्हीं की ओर देखेंगे
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्रीजी पिता समान होते हैं। परिवार में जैसे पिता का स्थान होता है। उसकी जिम्मेदारी होती है कि सारे बच्चों को सही तरह से पालन-पोषण करे। अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है तो वो हमारे भी प्रधानमंत्री हैं। किसी राज्य में भाजपा की सरकार है, किसी में कांग्रेस की सरकार है, वो सभी पीएम को पिता समान देखते हैं कि कोई मुसीबत आएगी तो वो मदद करेंगे।'

9. केंद्र का मकसद हमारी सरकार को फेल करना था
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, '2015 में हमारी ताकत छीन ली गई थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि केंद्र सरकार का ऑर्डर गलत था। इतना गलत ऑर्डर पास करने का उनका मकसद दिल्ली की आम आदमी पार्टी को फेल करना था। ये नहीं करना था। चुनाव में लड़ते हैं, वहां लड़ लो, लेकिन चुनाव के बाद मिलकर काम करना होगा।'

10. एलजी से निवेदन है कि हमें काम कर लेने दीजिए
केजरीवाल बोले, 'मेरी एलजी से यही निवेदन है कि हमें काम करने दीजिए। आपने इतना वक्त तो बर्बाद कर दिया। अगर आपको दिल्ली पर राज करना है तो दिल्ली के लोगों का दिल जीतो ना कि अगली बार आम आदमी को वोट ना दें लोग ऐसा काम करो। हमारे काम में टांग मत अड़ाओ। तुम जीतना तो तुम काम कर लेना।'

AAP सरकार सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंची?
पहला मामला: दिल्ली में विधानसभा और सरकार का कामकाज तय करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) अधिनियम, 1991 है। केंद्र सरकार ने 2021 में इसमें बदलाव कर दिया। कहा गया- विधानसभा के बनाए किसी भी कानून में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा। सरकार किसी भी फैसले में एलजी की राय जरूर लेगी।

दूसरा मामला: दिल्ली में जॉइंट सेक्रेट्री और इस रैंक से ऊपर के अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकारों के मुद्दे पर सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव था। दिल्ली सरकार उपराज्यपाल का दखल नहीं चाहती थी। इन दोनों मामलों को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया है?

  • पुलिस, कानून-व्यवस्था और प्रॉपर्टी को छोड़कर दिल्ली में प्रशासन पर नियंत्रण चुनी हुई सरकार का होना चाहिए।
  • चुनी हुई सरकार के पास अफसरों पर नियंत्रण की ताकत ना हो, अधिकारी मंत्रियों को रिपोर्ट करना बंद कर दें या फिर उनके निर्देशों का पालन ना करें तो जवाबदेही के नियम के मायने नहीं रह जाएंगे।
  • राज्य के मामलों में केंद्र का इतना दखल ना हो कि नियंत्रण उसी के हाथ में चला जाए।
  • दिल्ली का किरदार अनूठा है, वह दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों जैसी नहीं है। दिल्ली भले ही पूर्ण राज्य ना हो, लेकिन इसके पास कानून बनाने के अधिकार हैं।

कोर्ट के फैसले का प्रभाव क्या होगा?
दिल्ली सरकार अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर अपने हिसाब से कर सकेगी। सरकार को हर फैसले के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी भी नहीं लेनी होगी। LG को राज्य सरकार की सलाह माननी पड़ेगी। जिन मुद्दों पर केंद्र के कानून नहीं हैं, उन पर दिल्ली सरकार कानून बना सकेगी।

इस फैसले के बाद केंद्र के पास क्या विकल्प हैं?
केंद्र अब रिव्यू पिटीशन दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को फैसले की समीक्षा के लिए कह सकता है। अगर फैसला तब भी कायम रखा जाता है तो केंद्र क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर सकती है। यानी वह नए सिरे से इन मामलों पर अपनी दलीलें रख सकती हैं। केंद्र के पास एक और रास्ता है। वह संसद में कानून लाकर कोर्ट का फैसला बदल सकता है। हालांकि नया कानून कानून बन जाता है तो उसे भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

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