रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, दिन 5 : मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा में भगवान की आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते
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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
अयोध्या । 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शनिवार 20 जनवरी को पांचवां दिन है। 19 जनवरी (चौथे दिन) को रामलला की प्रतिमा की पूरी तस्वीर सामने आई। इसमें पहली बार रामलला का पूरा चेहरा दिखा।
प्रतिमा को लेकर शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा में भगवान की आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते। प्रतिमा में आंखों पर कपड़ा नहीं दिख रहा है तो यह गलत है। इसकी जांच होनी चाहिए।
वहीं, राम मंदिर और नई प्रतिमा को लेकर नेताओं के उठाए सवालों पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा- विनाशकाले विपरीत बुद्धि। उन्हें कुछ नहीं पता।
हाइलाइट्स
- शुक्रवार शाम 7 बजे से अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन बंद हुए, श्रद्धालु 23 जनवरी से नए मंदिर में दर्शन कर सकेंगे
- आज वास्तु शांति के बाद रामलला सिंहासन पर विराजेंगे। सुबह भगवान का शर्कराधिवास, फलाधिवास हुआ
22 जनवरी को सुबह 10.30 बजे आएंगे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 22 जनवरी यानी प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही अयोध्या आएंगे। वह 4 घंटे रामनगरी में रुकेंगे। सुबह 10.30 बजे विमान से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेंगे। 11 बजे राम मंदिर पहुंच जाएंगे। यहां 3 घंटे रुकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से पहले PM राम मंदिर परिसर में लगी जटायु की प्रतिमा का इनॉगरेशन करके पूजा करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 12.20 से 1 बजे तक होगा। PM के सामने रामलला की आंखों से पट्टी खोली जाएगी। वे रामलला को सोने की सलाई से काजल लगाकर उनको शीशा दिखाएंगे। इसके बाद मोदी, मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास अपने विचार रखेंगे। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
22 जनवरी को दिल्ली में आधे दिन की छुट्टी
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम के कारण 22 जनवरी को दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी को मंजूरी दी।
रामलला के पूजन के लिए दुनिया के कई देशों का जल आया
रामलला की रजत मूर्ति का पुष्प अधिवास कराया गया
7 प्रमुख नदियों में से 3 का जल लाया हूं- मंजूनाथ शर्मा
शैव शारदा कमेटी के सदस्य मंजूनाथ शर्मा ने बताया- भारत में 7 नदियों का महत्व है। इसका वर्णन पुराणों में भी मिलता है। गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु। वर्तमान में पांच नदियां भारत में है। मैं तीन नदियों सरस्वती, सिंधु, कावेरी का जल लेकर अयोध्या आया हूं।
सरस्वती, सिंधु आज पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बहती हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जैसा ऐतिहासिक कार्यक्रम एक हजार सालों में हो रहा है। शैव शारदा कमेटी को इस सेवा का मौका मिला। इसके फाउंडर दिल्ली के रहने वाले कश्मीरी पंडिता रवींद्र पंडिता ने PoK में रहने वाले सिविल सोसाइटी से संपर्क किया। इस सोसाइटी में मुस्लिम हैं। इन लोगों ने जल भेजा। ये जल सीधे भारत नहीं आ सकता। पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश से है। लिहाजा कई देशों से होकर मुंबई आया। मुंबई में रवींद्र पंडित जी के पास गया। मैं और रवींद्र जी जल लेकर शृंगेरी महाराज के पास गए थे। उनके आशीर्वाद से अयोध्या पहुंचे।
तीन नदियों का जल अयोध्या लाया गया
प्राण प्रतिष्ठा पर रामलला के अभिषेक के लिए देशभर से पवित्र जल एकत्र किया गया है। इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से तीन नदियों का जल लाया गया है। बेंगलुरु (कर्नाटक) के रहने वाले शैव शारदा कमेटी के सक्रिय सदस्य मंजूनाथ शर्मा ने तीनों पवित्र नदियों का जल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा।