नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के सीएम बने:बोले-जहां थे वहीं आ गए, अब कहीं नहीं जाऊंगा 

 नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के सीएम बने:बोले-जहां थे वहीं आ गए, अब कहीं नहीं जाऊंगा

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

पटना । नीतीश कुमार ने रविवार शाम 5 बजे 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। शपथ ग्रहण के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा। साथ ही कहा कि अब कहीं जाने का कोई सवाल नहीं है।

नीतीश ने आज सुबह 11 बजे ही इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद दोपहर में भाजपा ने नई सरकार को समर्थन का औपचारिक ऐलान किया था।

शाम पांच बजे हुए समारोह में नीतीश के साथ कुल 8 मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्रियों में मुख्यमंत्री समेत 2 कुर्मी, 2 भूमिहार, 1-1 राजपूत, दलित, कहार, कोइरी और यादव हैं। सभी का संक्षिप्त ब्योरा नीचे दिया गया है...

उपमुख्यमंत्री

1. सम्राट चौधरी (भाजपा)

2. विजय सिन्हा (भाजपा)

 

मंत्री

3. डॉ. प्रेम कुमार (भाजपा)

4, विजेंद्र प्रसाद (जदयू)

5. श्रवण कुमार (जदयू)

6. विजय कुमार चौधरी (जदयू)

7. संतोष कुमार सुमन (हम)

8. सुमित सिंह (निर्दलीय)


 

बिहार में मजबूती से सरकार चलाकर अपनी साख बनाई
एक मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में विवादों से दूर रहे हैं। इससे प्रदेश में उनकी साख मजबूत हुई है। बीजेपी नेता अरुण जेटली ने 2005 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। उनका यह फैसला सटीक बैठा। लालू यादव के शासन के बाद 2005 और 2010 के बीच नीतीश कुमार ने बिहार में बिजली, सड़क और अपराध रोकने पर अच्छा काम किया। इससे उनकी छवि मजबूत हुई। लोग उन्हें 'सुशासन बाबू' कहने लगे। इस तरह नीतीश कुमार प्रदेश में पसंदीदा सीएम बनकर उभरे।

बिहार में खुद को एक विकासवादी मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया
बीजेपी के साथ गठबंधन में रहकर नीतीश कुमार पहले से ज्यादा मजबूत नेता बनकर उभरे। इस गठबंधन के पक्ष में एक खास बात यह है कि बीजेपी का वोटर बेस सवर्ण जाति, गैर-यादव अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) है।

वहीं, नीतीश की पार्टी का EBC, गैर-यादव OBC के साथ-साथ लव-कुश (कुर्मी-कोइरी), महादलित (SC) मुख्य वोट बैंक है। यही वजह है कि गठबंधन में होने पर इन जातियों के वोट दोनों दलों को थोक में मिलते हैं।

नीतीश ने बिहार में खुद को एक विकासवादी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया है। वहीं, बीजेपी में नरेंद्र मोदी की इमेज भी विकास पुरुष की है। लंबे समय तक साथ रहने के कारण JDU और BJP के विधायक आपस में सामंजस्य के साथ काम करते नजर आते रहे हैं। बीजेपी के साथ रहने से नीतीश की पार्टी को फायदा ही मिला है।

प्रशांत किशोर बोले- नीतीश की तरह मोदी-शाह भी पलटूमार हैं

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश के NDA में मिलने को लेकर कहा- मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि नीतीश किसी भी समय पलट सकते हैं। यह उनकी राजनीति का हिस्सा बन चुका है, लेकिन आज के घटनाक्रम ने बता दिया कि बिहार में सब पलटूमार है। अमित शाह, नरेंद्र मोदी और भाजपा वाले भी नीतीश जितने ही पलटूमार हैं। 

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