ED का दावा : महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान दिया 

ED का दावा : महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान दिया

 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

रायपुर । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। ED ने यह दावा- गुरुवार को गिरफ्तार किए गए कैश कूरियर असीम दास के हवाले से किया है। साथ ही ED ने कहा है कि अब इसकी जांच की जा रही है।

ED ने गुरुवार को कूरियर असीम दास उर्फ बप्पा दास के पास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप और उसके प्रमोटरों की ED मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत जांच कर रही है। ED ने प्रेस रिलीज कर इसका दावा किया है।

असीम दास और उसके साथी कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को रायपुर की विशेष अदालत में शुक्रवार शाम करीब 5 बजे पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की ED की रिमांड पर भेज दिया है। अब अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।

ED ने शुक्रवार शाम प्रेस रिलीज जारी करके इस पूरे मामले की जानकारी दी।

ED ने शुक्रवार शाम प्रेस रिलीज जारी करके इस पूरे मामले की जानकारी दी।

कॉन्स्टेबल 3 बार दुबई गया, वहां महादेव ऐप के प्रमोटर्स से मिला
ED के वकील ने कहा कि, भीम सिंह यादव सुपेला पुलिस में कॉन्स्टेबल है। हमें जानकारी मिली थी कि यह 3 बार दुबई गया है। 2 यात्राओं में यह महादेव प्रमोटर्स से भी मिला। साथ ही उसकी बुकिंग भी इन लोगों ने ही कराई थी। इसके अलावा जो पैसा आया है वह भी इलेक्शन के समय में पॉलिटिकल पार्टी को डिस्ट्रिब्यूट हो रहा था।

ED ने गुरुवार को कूरियर असीम दास के पास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद किए। इन्हें गिनने के लिए SBI से मशीन मंगवाई गई।

ED ने गुरुवार को कूरियर असीम दास के पास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद किए। इन्हें गिनने के लिए SBI से मशीन मंगवाई गई।

मकान का ताला तोड़कर घुसी थी ED की टीम
बताया जा रहा है कि असीम दास पेशे से ड्राइवर है और ऑनलाइन सट्टा ऐप चलाता है। ED को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा ऐप का है जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। जिसके बाद गुरुवार को कार्रवाई के लिए ED के अधिकारी ताला तोड़कर मकान में घुसे थे।

असीम दास और कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को ED ने कोर्ट में पेश किया।

असीम दास और कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को ED ने कोर्ट में पेश किया।

 

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2019 में जूस बेचने वाले सौरभ ने शुरू किया था महादेव बेटिंग ऐप
छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही 'जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी।

सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।

इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।

कंपनी यूजर्स को पैसे देकर लगवाती है गेम खेलने की लत
‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए। इसने जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते थे। इसके यूजर्स इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे।

कोरोना महामारी और इसके बाद ‘महादेव ऐप’ का कारोबार तेज रफ्तार से आगे बढ़ा। 2021 में कोरोना की वजह से बिना दर्शकों के IPL का आयोजन हुआ। उस वक्त महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी हुई थी।

महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि फिलहाल 99 लाख से ज्यादा लोग उसके साथ जुड़े हैं।

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