पुंछ में जवानों के हमलावरों को तलाश रहे ड्रोन-स्निफर डॉग:घायल जवान बोला- 7 आतंकियों ने ग्रेनेड अटैक किया

पुंछ में जवानों के हमलावरों को तलाश रहे ड्रोन-स्निफर डॉग

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

श्रीनगर । कश्मीर में सेना के ट्रक पर आतंकी हमले के मामले में नई जानकारी सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में घायल एक जवान ने बताया कि रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड अटैक में कम से कम 7 आतंकी शामिल हो सकते हैं।

उधर, जवानों पर आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और 8 सदस्यीय फोरेंसिक टीम पुंछ रवाना हो गई है। दोपहर तक घटनास्थल भीमबेर गली इलाके में पहुंचेगी। बम डिसपोजल स्कॉड और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम ने सुबह जाकर पूरे इलाके में जांच की।

भीमबेर गली पुंछ से 90 किलोमीटर दूर है। यह इलाका लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से 7 किमी दूर है। यहां बेहद घना जंगल है। इस इलाके में पाकिस्तानी बेस्ड आतंकियों के मौजूदगी के इंटेलीजेंट इनपुट्स थे।पूरे इलाके में सुरक्षा बलों ने ड्रोन-स्निफर डॉग से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

हमला दोपहर 3 बजे किया गया। ग्रेनेड और फायरिंग से ट्रक में आग लग गई।

हमला दोपहर 3 बजे किया गया। ग्रेनेड और फायरिंग से ट्रक में आग लग गई।

हमला गुरुवार को दोपहर 3 बजे राजौरी सेक्टर में तब हुआ, जब सेना के तीन वाहन जवानों को लेकर राजौरी-पुंछ नेशनल हाइवे पर भीमबेर गली से पुंछ की तरफ जा रहे थे। तेज बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाकर आतंकियों ने घात लगाकर एक वाहन को घेरा। इसके बाद ग्रेनेड फेंके और करीब 50 राउंड फायर किए। इससे वाहन में आग लग गई।

इस हमले में राष्ट्रीय रायफल्स यूनिट के 5 जवान शहीद हो गए थे। एक जवान जख्मी हुआ था। हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। कल दोपहर में सेना ने इसे हादसा बताया था, लेकिन शाम 6:33 बजे पुष्टि की कि यह आतंकी हमला है।

हमले के बाद की तस्वीरें

भीमबेर गली जगह लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से 7 किमी दूर है।

भीमबेर गली जगह लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से 7 किमी दूर है।

हमले में ट्रक बुरी क्षतिग्रस्त हो गया।

हमले में ट्रक बुरी क्षतिग्रस्त हो गया।

तेज बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाकर आतंकियों ने घात लगाकर वाहन को घेरा। फिर हमला किया।

तेज बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाकर आतंकियों ने घात लगाकर वाहन को घेरा। फिर हमला किया।

ट्रक में ब्लास्ट के बाद जवान दूर जा गिरे।

ट्रक में ब्लास्ट के बाद जवान दूर जा गिरे।

कौन है PAFF... अनुच्छेद 370 हटाने के बाद नाम सामने आया था
पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद समर्थित समूह है। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही PAFF का नाम सामने आने लगा था। यह संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है, जो आतंकी संगठन अल-कायदा का वफादार माना जाता है।

ओडिशा और पंजाब के रहने वाले थे शहीद जवान
शहीदों की पहचान लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह, सिपाही सेवक सिंह और हवलदार मनदीप सिंह के रूप में हुई है। इनमें से लांस नायक देबाशीष बसवाल ओडिशा के रहने वाले हैं, अन्य चार शहीद पंजाब के निवासी हैं।

डिफेंस एक्सपर्ट बोले- G-20 की टूरिज्म मीट की वजह से पाकिस्तान ने कराया हमला
डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल (रिटायर्ड) पीके सहगल ने इस हमले की वजह सतर्कता की कमी बताई। उन्होंने कहा, 'ये स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर है कि जब खराब मौसम होता है, बारिश हो, फॉग हो उस समय इस तरह के हमले हो सकते हैं। राष्ट्रीय रायफल्स के जवान हाईलेवल ट्रेंड होते हैं। ऐसे समय जब हमला हो सकता था, तब उनकी कंपनी को सतर्क रहना चाहिए था। सतर्कता में खामी का फायदा पाकिस्तान ने उठाया और ये हमला हुआ।'

इस साल दूसरा हमला, मंशा जी-20 की बैठक में खलल डालना
श्रीनगर में 22 से 24 मई के बीच जी-20 समूह के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक होने जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों की मंशा इसकी तैयारियों में खलल डालना तो नहीं है। जम्मू-कश्मीर में इससे पहले बड़ा आतंकी हमला इसी साल 1 जनवरी को हुआ था। तब राजौरी के डांगरी गांव में हमले में सात नागरिकों की मौत हो गई थी।

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