लंदन जा रही पत्नी को एयरपोर्ट पर रोके जाने के 2 दिन बाद अमृतपाल ने गुरुद्वारा में किया सरेंडर, असम के जेल में होगा बंद

लंदन जा रही पत्नी को एयरपोर्ट पर रोके जाने के 2 दिन बाद अमृतपाल ने गुरुद्वारा में किया सरेंडर, असम के जेल में होगा बंद
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। पंजाब पुलिस ने ट्वीट किया, "अमृतपाल को मोगा में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस द्वारा आगे जानकारी दी जाएगी। लोगों से अपील है कि शांति और सद्भाव बनाए रखें, फर्जी खबर शेयर नहीं करें। खबर शेयर करने से पहले जरूर उसकी पुष्टि कर लें।"

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मोगा। भगोड़े खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात मोगा जिले के रोड़ेवाल गुरुद्वारा में सरेंडर कर दिया है। गुरुद्वारा के ग्रंथी ने पुलिस को सूचना दी थी। इसके बाद पुलिस टीम आई और अमृतपाल को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। सूत्रों से यह जानकारी मिली है। वह एक महीने से पुलिस से भागा फिर रहा था। पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी। सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे थे।

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। पंजाब पुलिस ने ट्वीट किया, "अमृतपाल को मोगा में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस द्वारा आगे जानकारी दी जाएगी। लोगों से अपील है कि शांति और सद्भाव बनाए रखें, फर्जी खबर शेयर नहीं करें। खबर शेयर करने से पहले जरूर उसकी पुष्टि कर लें।"


डिब्रूगढ़ जेल होगा बंद
अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को उसके ठिकाने पर छापा मारा था। इस दौरान वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था। इसके बाद से पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी। पत्नी को एयरपोर्ट पर रोके जाने के दो दिन बाद उसने सरेंडर किया। अमृतपाल को मोगा से बठिंडा ले जाया गया। यहां से उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जाएगा। अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल में रखा जाएगा और यहीं उससे पूछताछ होगी।

अजनाला कांड के बाद से फरार था अमृतपाल
'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख अमृतपाल 36 दिन बाद पुलिस की गिरफ्त में आया है। उसके कई साथी पकड़े गए थे, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था। अमृतपाल अपना हुलिया बदलकर छिपा हुआ था। वह अजनाला कांड के बाद से फरार था। 23 फरवरी को अमृतपाल के समर्थकों ने अमृतसर जिले के अजनाला थाना पर हमला किया था। बंदूकों और तलवारों से लैस अमृतपाल के समर्थकों ने गिरफ्तार किए गए एक आरोपी को जबरन छुड़ा लिया था। आरोपी अमृतपाल का करीबी था। हमले के दौरान पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई थी।

लंदन नहीं जा सकी थी अमृतपाल सिंह की पत्नी
20 अप्रैल को अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को अमृतसर एयरपोर्ट पर पुलिस ने रोक दिया था। वह लंदन जाने के लिए आई थी। पंजाब पुलिस ने किरणदीप को हिरासत में लिया था और पूछताछ की थी। किरणदीप कौर के पास यूके की नागरिकता है। उसने इसी साल फरवरी में अमृतपाल के साथ शादी की है। विवाह के बाद वह यूके छोड़कर अमृतपाल के पैतृक गांव पंजाब के जल्लूपुर खेड़ा में रहने लगी थी।

बेहद सुरक्षित है डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल
डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल बेहद सुरक्षित जेल है। यह पूर्वोत्तर के सबसे पुराने जेलों में से एक है। इस जेल में मल्टीलेयर सिक्योरिटी सिस्टम है। असम पुलिस के ब्लैक कैट कमांडो जेल की सुरक्षा करते हैं। जेल परिसर में हो रही हर हरकत की निगरानी सीसीटीवी कैमरे की मदद की जाती है।

1859-60 में हुई थी जेल की स्थापना
डिब्रूगढ़ जेल की स्थापना ब्रिटिश राज के दौरान 1859-60 में हुई थी। अंग्रेज हुकूमत ने जेल के निर्माण के लिए 2700 रुपए की मंजूरी दी थी। पैसे कम खर्च हो इसके लिए कैदियों से काम लिया गया था। उस वक्त जेल की स्थिति बाड़े जैसी थी। बाद में जेल के पक्के मकान का निर्माण कराया गया था। यह असम ट्रंक रोड के पास फूल बागान इलाके में मौजूद है। जेल परिसर का क्षेत्रफल 76206 वर्ग मीटर है। इसके चारों ओर 30 फीट ऊंची दीवारें बनाई गईं हैं।

डिब्रूगढ़ जेल में 680 कैदियों को रखने की क्षमता है। इसमें 94 शौचालय, एक अस्पताल और एक स्कूल है। सजायाफ्ता कैदियों से जेल के गार्डन में काम कराया जाता है। कैदियों को हस्तशिल्प की ट्रेनिंग दी जाती है। उसने घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान बनवाये जाते हैं। जेल में कई कुख्यात कैदी बंद हैं। अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है। ऐसे हाई प्रोफाइल कैदियों के रखे जाने से डिब्रूगढ़ जेल चर्चा में है।

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