उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में अज्ञात बंदूकधारी आतंकवादियों ने एक गैर-स्थानीय मजदूर की गोली मारकर हत्या की  

Unidentified gunmen shot dead a non-local laborer in Bandipora district of North Kashmir

जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस के पहले आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं। राजौरी में आर्मी कैम्प पर गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 3 जवान शहीद हो गए थे। 5 घायल हैं।

इस बीच सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया था। पिछले 3 दिनों में 5 आतंकी मारे गए हैं।

जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि राजौरी के दरहाल इलाके परगल स्थित सेना कैंप की बाड़ पार करने की कोशिश की गई थी। 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 


श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के अजस के सदुनारा इलाके में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात अज्ञात बंदूकधारी आतंकवादियों ने एक गैर-स्थानीय मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के एक टॉप आफिसर ने बताया कि आतंकवादियों ने तड़के लगभग 12:30 बजे एक गैर-स्थानीय मजदूर को बहुत करीब से गोली मार दी। अधिकारी ने बताया कि उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मजदूर की पहचान मोहम्मद अमरेज पुत्र मोहम्मद जलील निवासी बिहार निवासी के रूप में हुई है।

भाई बोला- सोया था, तभी होने लगी फायरिंग
अमरेज के भाई ने मीडिया को बताया कि हम दोनो भाई सो रहे थे तभी मेरे भाई ने मुझे उठाकर बोला कि फायरिंग हो रही है, लेकिन मैंने बोला कि ये होता रहता है, सो जा। कुछ देर बाद भाई टॉयलेट के लिए गया और फिर लौटा नहीं। मै उसे ढूंढने गया तो देखा कि वो खून से लथपथ था। मैंने सुरक्षाबलों से संपर्क किया और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

स्वतंत्रता दिवस के पहले बढ़ीं आतंकी घटनाएं
जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस के पहले आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं। राजौरी में आर्मी कैम्प पर गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 3 जवान शहीद हो गए थे। 5 घायल हैं। इस बीच सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया था। पिछले 3 दिनों में 5 आतंकी मारे गए हैं। जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि राजौरी के दरहाल इलाके परगल स्थित सेना कैंप की बाड़ पार करने की कोशिश की गई थी। 

कश्मीर में 5 साल में 28 प्रवासियोंI की हत्या
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सदन में बताया था कि आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में 2017 से 5 जुलाई 2022 तक 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या की। इनमें सबसे ज्यादा बिहार के 7 मजदूर मारे गए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के 2 और झारखंड के 1 मजदूर की हत्या हुई।
अधिकृत आंकड़े बताते हैं कि 2018 में 271 आतंकवादी मारे गए थे। 86 आम नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि 95 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। 2019 में 163 आतंकवादी मारे गए थे, 42 आम नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि 78 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। 2020 में 232 आतंकवादियों का एनकाउंटर हुआ था, 33 आमजन मारे गए थे, जबकि 56 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। 2021 में 193 आतंकवादी मारे गए थे, 36 आमजनों की मौत हुई थी, जबकि 45 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। इस साल अब तक 139 आतंकवादी मारे गए, 20 आमजनों की मौत हुई, जबकि 22 सुरक्षाबल शहीद हुए। इन आंकड़ों में हाल में मारे गए आतंकवादी, शहीद जवान और आमजनों की संख्या शामिल नहीं है।

श्रीनगर में करप्शन के मामले बढ़े
श्रीनगर में पिछले सात महीनों में जम्मू-कश्मीर के अन्य जिलों की तुलना में भ्रष्टाचार के अधिक मामले सामने आए हैं। इस अवधि के दौरान हर चौथा केस शहर से भ्रष्टाचार या आधिकारिक पद के दुरुपयोग का है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अनुसार, 1 जनवरी, 2022 से अब तक कुल 94 भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अकेले श्रीनगर जिले में 24 मामले दर्ज किए गए। श्रीनगर में एसीबी पुलिस स्टेशन (जिसमें गांदरबल और बडगाम जिलों में भ्रष्टाचार के मामले भी शामिल हैं) में इसी अवधि में कुल 32 मामले थे। एसीबी के बारामूला पुलिस स्टेशन (जिसमें बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिले भी शामिल हैं) ने 23 मामले दर्ज किए, जबकि एसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के चार जिलों को कवर करने वाले अनंतनाग पुलिस स्टेशन में 13 मामले थे। जम्मू प्रांत में आंकड़ों से पता चला है कि 10 जिलों में केवल 19 मामले दर्ज होने से भ्रष्टाचार बहुत कम है। एसीबी के जम्मू पुलिस स्टेशन ने पहले सात महीनों में 11 मामले दर्ज किए, जबकि डोडा पुलिस स्टेशन ने पांच मामले दर्ज किए। आंकड़ों में कहा गया है कि एसीबी केंद्रीय पुलिस स्टेशन ने साल के पहले सात महीनों में भ्रष्टाचार के पांच मामले दर्ज किए। 


यह भी पढ़ें : बांदा: यमुना नदी में सवारियों से भरी नाव पलटी 3 की डूबने से मौत, 17 लापता, करीब 40 लोग सवार थे

Share this story