मिशन 2024 के लिए शह-मात का खेल शुरू: नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए निकले तो  बीजेपी भी एक्शन के मूड में  शाह ने मोर्चा संभाला 

Check-out game started for Mission 2024: When Nitish Kumar came out for opposition unity, BJP also took the front in the mood for action

लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थी। कुल 543 सीटों में सौ से अधिक सीटें विपक्षी दलों ने जीते थे। कांग्रेस ने 53 से अधिक सीटें जीती थीं।

अब बीजेपी यह चाहती है कि हारी हुई 114 सीटों पर फोकस बढ़ाई जाए ताकि वह सीटें जीती जा सके जिससे पार्टी को फायदा पहुंच सके। 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 
 

नई दिल्ली। मिशन 2024 के लिए शह-मात का खेल शुरू हो चुका है। एक तरफ नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के लिए निकल पड़े हैं तो बीजेपी भी एक्शन के मूड में आ चुकी है। गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी के लिए रणनीतिक स्तर पर मोर्चा संभाल लिया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए शाह ने मंगलवार को संगठन अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ केंद्रीय मंत्रियों के साथ मीटिंग की है। मीटिंग में 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी 114 सीटों पर स्पेशल रिपोर्ट मांगा गया। मंत्रियों से उनके प्रभार वाले क्षेत्रों की रिपोर्ट सरल पोर्टल पर डालने को भी कहा गया है।

2019 के चुनाव में बीजेपी ने जीते थे 303 सीट

लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थी। कुल 543 सीटों में सौ से अधिक सीटें विपक्षी दलों ने जीते थे। कांग्रेस ने 53 से अधिक सीटें जीती थीं। अब बीजेपी यह चाहती है कि हारी हुई 114 सीटों पर फोकस बढ़ाई जाए ताकि वह सीटें जीती जा सके जिससे पार्टी को फायदा पहुंच सके। 

एक मंत्री के जिम्मे तीन से चार लोकसभा क्षेत्र

बीजेपी ने अपने केंद्रीय मंत्रियों को तीन से चार लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी है। मंत्रियों को उन सीटों की जिम्मेदारी दी गई है जिसपर हार मिली है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार पिछले कई महीनों से केंद्रीय मंत्री अपनी जिम्मेदारी वाले लोकसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। इन मंत्रियों को लोकसभा क्षेत्रों की ग्राउंड रिपोर्ट लेने के बाद फीडबैक तैयार करना है।

मंत्रियों को सरल पोर्टल पर देना है फीडबैक

केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी वाले लोकसभा क्षेत्रों की फीडबैक, सरल नामक पोर्टल पर देना है। सरल पोर्टल पर सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों का विवरण, उनके बारे में अन्य जानकारियों को साझा करना है। मंत्रियों को यह भी लिखना है कि उनके प्रभार वाले क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की स्थिति क्या है। केंद्र व राज्य सरकारों ने योजनाओं का कितना लाभ आमजन तक पहुंचाया है। इसके अलावा मंत्रियों को जो भी तीन-चार सीटों की जिम्मेदारी दी गई है, उसकी राजनीतिक व भौगोलिक रिपोर्ट, ग्राउंड रिएलिटी, राज्य में इलेक्शन का विवरण आदि भी देना है। 

मंत्री, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को करेंगे बूस्टअप

मंत्रियों को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह जमीनी स्तर के बीजेपी कार्यकर्ताओं की फीडबैक ले। उनसे बातचीत कर उनको बूस्टअप करें। संगठन को मजबूत करने में उनका योगदान लिया जाए। इसके अलावा बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए फीडबैक लें और पूरी रणनीति साझा करें।

दरअसल, मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को चैलेंज देने के लिए विपक्षी एकता पर जोर दिया जा रहा है। बिहार में आए सियासी भूचाल के बाद नीतीश कुमार ने भी विपक्षी दलों को एकसाथ लाने की मुहीम छेड़ दी है। सोमवार को नीतीश कुमार ने कांग्रेस के राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है। बिहार के मुख्यमंत्री का विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करने का सिलसिला जारी है। नीतीश कुमार को राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के खिलाफ एक प्रमुख चेहरा माना जा रहा है। हालांकि, नीतीश कुमार खुद को पीएम का चेहरा होने से इनकार करने के साथ विपक्ष को एकमंच पर लाने की मुहीम पर बात कर रहे हैं।

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