सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाई

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी क्षेत्र में बुधवार को शुरू होने वाले अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगा दी।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल के विशेष उल्लेख पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। खंडपीठ ने कहा,“ हम इस मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध करेंगे।”
जहांगीरपुरी क्षेत्र में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर आयोजित शोभायात्रा के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। इसके मद्देनजर इलाके में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
गौरतलब है कि तनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने की घोषणा की थी।
9 बुलडोजरों के साथ पहुंची 14 टीमें
सुबह 9:30 बजे 14 टीमों के साथ बुलडोजर दिल्ली के जहांगीरपुरी पहुंचा, जहां 16 अप्रैल को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी। नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने यहां अतिक्रमण हटाने के लिए 9 बुलडोजर लगाए थे। इस अभियान के लिए 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। बुलडोजर के साथ सैकड़ों अधिकारियों ने कुछ दुकानों और एक मस्जिद को घेर लिया जहां शनिवार को झड़पें हुई थीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दीपेंद्र पाठक ने बताया कि हम यहां सुरक्षा देने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त किए गए हैं।
जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, ने कहा कि अगर वो (दुकान और मकान) अनाधिकृत थे तो 7 साल से बीजेपी की सरकार क्यों सो रही थी ? आपने(सरकार) एक समुदाय को निशाना बनाकर उनकी दुकान और घर को नुकसान पहुंचाया है। कौन अपराधी है यह कोर्ट फैसला करेगा। आपने मस्जिद के सामने की दुकानों को तोड़ दिया लेकिन मंदिर के सामने की दुकान को क्यों नहीं तोड़ा। ये एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं कोर्ट का शुक्रगुजार हूं कि उसने इस पर रोक लगाई।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने खा कि क़ानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस अपना काम कर रही है। हम इलाके में अमन कायम किए हुए हैं। हमने पर्याप्त तैनाती की है। हम शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्र के नागरिकों के संपर्क में हैं।
जहांगीरपुरी में माकपा नेता वृंदा करात
जहांगीरपुरी के लोगों से मैं इतना ही कहूंगी कि सभी लोग सद्भाव और शांति बनाए रखें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यहां बुलडोजर रूक चुका है। सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार करें। दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुधवार को बुलडोजर से आरोपियों के मकान गिराने की कार्रवाई के दौरान सीपीएम नेता वृंदा करात (brinda Karat) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेशों की प्रति लहराते हुए बुलडोजर को रोका। दो घंटे के तनावपूर्ण माहौल के बीच नगरीय निकाय के ड्राइवर ने अदालत के आदेश के बावजूद अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने से इनकार कर दिया।
वृंदा करात के पहुंचने के बाद भी चलता रहा ड्रामा
भारी तनाव के बीच मस्जिद की एक दीवार और एक गेट को तोड़ा गया और आसपास की कुछ दुकानों को गिरा दिया गया। दोपहर करीब 12 बजे सीपीएम नेता वृंदा करात आदेश की कॉपी के साथ मौके पर पहुंचीं और पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों को तत्काल कार्रवाई बंद करने को कहा। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे बुलडोजर के सामने खड़ी होकर उसका रास्ता रोक रही थीं। उन्होंने बुलडोजर रोकने के लिए पुलिस से भी मुलाकात की। इसी दौरान याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अतिक्रमण गिराना बंद नहीं हुआ है।
उनका कहना है कि आदेश की जानकारी नहीं है। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने सीजेआई से कहा कि कोर्ट के आदेश की खबर मीडिया के जरिये तुरंत सामने आई, लेकिन फिर भी कार्रवाई जारी है। ऐसा हुआ तो बहुत देर हो जाएगी। इस पर सीजेआई ने महासचिव या महापंजीयक (शीर्ष न्यायालय के) के माध्यम से तुरंत सूचित करने के आदेश दिए। इसके बाद सीजेआई ने कोर्ट स्टाफ को नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के मेयर, कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के नंबर लेने के आदेश दिए। तब जाकर कहीं दो घंटे बाद अभियान रुक पाया।
इस मामले में राजा इकबाल सिंह, मेयर,नॉर्थ MCD, दिल्ली ने कहा कि ये हमारा रूटीन का काम है कि जहां अवैध निर्माण और सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हो, वो जगह हम खाली करवाते हैं। आज भी हम वही काम करने वाले हैं। हमारा यही संदेश है कि लोग सार्वजनिक ज़मीन को फ्री छोड़ दें।
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