सीवीसी की रिपोर्ट में खुलासा : देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआइ के 75 अधिकारी और कर्मचारीयों पर भ्रष्टाचार के आरोप 

Revealed in CVC report: corruption allegations against 75 officers and employees of the country's premier investigating agency CBI

सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि आठ मामलों में उत्तर प्रदेश सरकार के 15 अफसर फंसे हैं।

उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति का इंतजार है।

जम्मू-कश्मीर में पांच मामलों में आठ कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त मिले हैं।

दिल्ली सरकार में चार मामलों में 36 अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ   
 
नई दिल्ली। देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआइ जहां अन्य सरकारी विभागों में घोटाले की जांच और मुकदमों में व्यस्त है, वहीं खुद इसके ही 75 अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इन मामलों में जांच चल रही है। इनमें 55 मामले समूह ए अफसरों के खिलाफ हैं। 20 मामले समूह बी और सी कर्मचारियों के खिलाफ हैं। सीवीसी का कहना है कि सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों को अभियोजन की अनुमति के अनुरोध पर त्वरित निर्णय लेना चाहिए।

वर्ष 2021 में बढ़ी संख्या
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की हाल में सार्वजनिक रिपोर्ट में बताया गया कि भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त सरकारी कर्मचारियों की संख्या 2021 में बढ़ गई। रिपोर्ट के मुताबिक, 171 मामलों में 633 सरकारी कर्मचारी घोटालों में लिप्त मिले हैं। इनके विरुद्ध मुकदमा चलाने के लिए अनुमोदन का इंतजार है।

वित्त मंत्रालय सबसे आगे
रिपोर्ट के मुताबिक, 65 मामले वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग से हैं, जिनमें 325 अफसर लिप्त हैं। इसी तरह 12 मामलों में 67 कर्मचारी सेंट्रल एक्साइज और कस्टम विभाग से, 30 अफसर रेल मंत्रालय से और 19 अफसर रक्षा मंत्रालय से भ्रष्टाचार के आरोपित हैं।

कई सरकारों के अफसर कठघरे में
सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि आठ मामलों में उत्तर प्रदेश सरकार के 15 अफसर फंसे हैं। उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति का इंतजार है। जम्मू-कश्मीर में पांच मामलों में आठ कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त मिले हैं। दिल्ली सरकार में चार मामलों में 36 अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई है।

90 दिनों में मामले निपटाने की सलाह
सीवीसी ने इसी के साथ अपनी रिपोर्ट में संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत सरकार या अधिकारियों को इन मामलों में अपना निर्णय 90 दिनों के भीतर देने की सलाह दी है। रिपोर्ट के अनुसार कुल 7,273 स्वीकृत पदों के मुकाबले वर्ष 2021 के अंत तक सीबीआइ में 1533 पद खाली मिले। सीवीसी ने कहा है कि ये मामले जितनी जल्द सुलझाए जाएंगे उतना अच्छा होगा।

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