राज ठाकरे का ऐलान मस्जिदों  के बाहर से लाउडस्पीकर हटे नहीं तो उनकी पार्टी मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाएंगी 

Raj Thackeray announces that if loudspeakers are removed from outside mosques, then his party will play Hanuman Chalisa in front of mosques

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ  

मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना  के प्रमुख राज ठाकरे  ने शनिवार को कहा कि वो किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर राज्य सरकार मस्जिदों  के बाहर से लाउडस्पीकर  नहीं हटाती है तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा  बजाएंगे।  राज ठाकरे ने शनिवार को शिवाजी पार्क रैल में अपने गुड़ी पड़वा के संबोधन में कहा कि आपको मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर की आवश्यकता क्यों है? धर्म की स्थापना के समय क्या लाउडस्पीकर थे। अगर सरकार इन्हें नहीं हटाती तो मनसे कार्यकर्ताओं हनुमान चालिसा बजाएंगे। ठाकरे ने कहा कि मैं किसी प्रार्थना या किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं हूं। मुझे अपने धर्म पर गर्व है।

मुंबई के मुस्लिम इलाकों में मदरसों को आदेश देने के लिए ठाकरे ने पीएम मोदी से अपील की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी समर्थक इन झोपड़ियों में रह रहे हैं। मुंबई पुलिस जानती है कि वहां क्या हो रहा है। हमारे विधायक वोट बैंक के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके पास आधार कार्ड नहीं है, लेकिन विधायक उनके आधार कार्ड बनवाते हैं। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए मनसे प्रमुख ने कहा कगि राकांपा ने राज्य में लोगों को जाति के आधार पर बांटा है।

हम महाराष्ट्र का विकास चाहते हैं

उन्होंने कहा कि हम जाति की राजनीति से बाहर नहीं निकले तो हिंदू कैसे बनेंगे। बीजेपी के लिए अपने शब्दों को सावधानी से चुनते हुए मनसे प्रमुख ने कहा कि मुझे ये देखकर खुशी हो रही है कि उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है। हम महाराष्ट्र में भी ऐसा ही विकास चाहते हैं। मैं अयोध्या जाऊंगा, लेकिन आज मैं आपको ये नहीं बताऊंगा कि कब। मैं हिंदुत्व की बात भी करूंगा।

ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर भी कटाक्ष किया, जिनकी पार्टी शिवसेना 2019 में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से अलग हो गई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे मंच पर मौजूद थे लेकिन उन्होंने कभी सीट बंटवारे के फॉर्मूले का जिक्र नहीं किया। उद्धव ने इसे तभी उठाया जब उन्हें एहसास हुआ कि भाजपा उनकी मदद के बिना (2019 के चुनावों के बाद) सरकार नहीं बना सकती है।

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