महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट : उद्धव ठाकरे की एकनाथ शिंदे से फोन पर बातचीत , नहीं बनी बात
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, उनकी जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। वहीं सरकार में शामिल एनसीपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है, जिसे उद्धव ठाकरे सुलझा लेंगे।
उधर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बना दिया है, ताकि कांग्रेस विधायकों को एक साथ रखा जा सके।
Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
मुंबई। महाराष्ट्र में नए राजनीतिक संकट को खत्म करने की कोशिश के तहत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विद्रोही मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ फोन पर करीब 10 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उनसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा, लेकिन मीडिया सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे की कोशिशों से कोई सफलता नहीं मिली। इससे पहले शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर और रवि पाठक गुजरात के सूरत में ली मेरिडियन होटल में पार्टी के बगावत करने वाले नेताओं से मुलाकात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया। दोनों नेता शिंदे से मुलाकात के बाद मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं।
Shiv Sena leaders met the Deputy Speaker of Maharashtra Assembly Narhari Zirwal and handed over him a letter requesting to remove Eknath Shinde from the Legislative party leader's post and replace him with Ajay Chaudhary as Shiv Sena Legislative party leader. pic.twitter.com/95075UHVy9
— ANI (@ANI) June 21, 2022
इससे पहले सुबह सरकार के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी से बगावत कर दिया। शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं। वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी ने दावा किया है कि न तो शिंदे और न ही बीजेपी ने सरकार बनाने का प्रस्ताव भेजा है।
Shiv Sena leaders Milind Narvekar and Ravindra Phatak will convey about the talks they had with Eknath Shinde to CM Uddhav Thackeray: Shiv Sena MP Sanjay Raut
— ANI (@ANI) June 21, 2022
वहीं एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, उनकी जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। वहीं सरकार में शामिल एनसीपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है, जिसे उद्धव ठाकरे सुलझा लेंगे। उधर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बना दिया है, ताकि कांग्रेस विधायकों को एक साथ रखा जा सके।
Our MLAs are with us, with Congress... It's Shiv Sena's matter, they can settle themselves, their leader Uddhav Thackeray is handling the mater: Maharashtra Congress leader Nana Patole on brewing political crisis in the state pic.twitter.com/cSiumD8RMe
— ANI (@ANI) June 21, 2022
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव सरकार अल्पमत में आती दिख रही है। हालांकि दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए शिंदे को 37 विधायकों का समर्थन अनिवार्य है। वहीं दावा किया जा रहा है कि शिंदे के साथ 20 विधायक सूरत में मौजूद हैं। बगावत के बाद शिंदे ने ट्वीट करके अपना पक्ष भी रखा है। शिंदे ने कहा कि वो सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे। उन्होंने कहा वे कट्टर शिवसैनिक हैं और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ने उन्हें हिंदुत्व की शिक्षा दी।
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