महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट : उद्धव ठाकरे की एकनाथ शिंदे से फोन पर बातचीत , नहीं बनी बात  

Political crisis in Maharashtra: Uddhav Thackeray's conversation with Eknath Shinde over phone, did not work Mumbai In an attempt to end the new political crisis in

एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, उनकी जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। वहीं सरकार में शामिल एनसीपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है, जिसे उद्धव ठाकरे सुलझा लेंगे।

उधर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बना दिया है, ताकि कांग्रेस विधायकों को एक साथ रखा जा सके।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

मुंबई। महाराष्ट्र में नए राजनीतिक संकट को खत्म करने की कोशिश के तहत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विद्रोही मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ फोन पर करीब 10 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उनसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा, लेकिन मीडिया सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे की कोशिशों से कोई सफलता नहीं मिली। इससे पहले शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर और रवि पाठक गुजरात के सूरत में ली मेरिडियन होटल में पार्टी के बगावत करने वाले नेताओं से मुलाकात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया। दोनों नेता शिंदे से मुलाकात के बाद मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं।


इससे पहले सुबह सरकार के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी से बगावत कर दिया। शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं। वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी ने दावा किया है कि न तो शिंदे और न ही बीजेपी ने सरकार बनाने का प्रस्ताव भेजा है।


वहीं एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, उनकी जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। वहीं सरकार में शामिल एनसीपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है, जिसे उद्धव ठाकरे सुलझा लेंगे। उधर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बना दिया है, ताकि कांग्रेस विधायकों को एक साथ रखा जा सके।


एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव सरकार अल्पमत में आती दिख रही है। हालांकि दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए शिंदे को 37 विधायकों का समर्थन अनिवार्य है। वहीं दावा किया जा रहा है कि शिंदे के साथ 20 विधायक सूरत में मौजूद हैं। बगावत के बाद शिंदे ने ट्वीट करके अपना पक्ष भी रखा है। शिंदे ने कहा कि वो सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे। उन्होंने कहा वे कट्टर शिवसैनिक हैं और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ने उन्हें हिंदुत्व की शिक्षा दी।

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