यूक्रेन पर रूस के हमले के छठवें दिन राजधानी कीव में आम नागरिकों पर खतरा गहराया , इंडियन एंबेसी ने सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत कीव छोड़ने को कहा

On the sixth day of Russia's attack on Ukraine, the threat to civilians deepened in the capital Kyiv, the Indian Embassy asked all Indian citizens to leave Kyiv immediately.

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ

कीव/नयी दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले के छठवें दिन राजधानी कीव में आम नागरिकों पर खतरा गहरा गया है। यूक्रेन में मौजूद इंडियन एंबेसी ने सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत कीव छोड़ने को कहा है। एंबेसी की तरफ से जारी इमरजेंसी एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय जिस हाल में हैं, उसी स्थिति में तुरंत शहर से बाहर निकल जाएं।


अमेरिका ने दिखाया यूक्रेन के लिए समर्थन


रूस से जंग के बीच अमेरिका, यूक्रेन को समर्थन दे रहा है। अमेरिका ने न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को यूक्रेन के झंडे में लपेटा है। इसके पहले भी कई देशों ने यूक्रेन का समर्थन करने के लिए ऐतिहासिक इमारतों को यूक्रेनी झंडे के रंगों में रंग दिया था।

अपडेट्स...

  • SBI ने रूस की प्रतिबंधित संस्थाओं के साथ व्यापार करना बंद कर दिया। वहीं, रूस ने अपने लोगों के विदेश में मनी ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
  • फ्रांस ने यूक्रेन में अपनी ऐंबैसी को कीव से लीव में ट्रांसफर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन को 75 मिलियन डॉलर देगा। यूरोपीय देश यूक्रेन को 75 फाइटर प्लेन देंगे।
  • यूक्रेन के अधिकारियों ने रूसी सेना पर खार्किव में एक रिहायशी इलाके में रॉकेट दागने का आरोप लगाया, जिसमें दर्जनों नागरिक मारे गए।
  • यूरोपियन यूनियन ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव और रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट के CEO इगोर सेचिन पर बैन लगा दिया है।

 


राजधानी कीव से महज 27 किमी दूर है रूसी फौज


सैटेलाइट-इमेजिंग कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज की तरफ से जारी सैटेलाइट में दिखाई दे रहा है कि रूस की सेना राजधानी कीव से लगभग 27 किलोमीटर दूर एंटोनोव हवाई अड्डे के पास तक पहुंच चुकी हैं। यहां करीब 65 किलोमीटर लंबा सैन्य ट्रकों और टैंकों का काफीला दिखाई दिया। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात रूस की सेना के करीब 75% सैनिक यूक्रेन में प्रवेश कर चुके हैं।

यूक्रेन युद्ध में अब तक का हाल


यूक्रेन की सेना ने कहा- रूसी सेना ने खार्किव और कीव के बीच ओख़्तिरका शहर में एक मिलिट्री बेस पर गोलाबारी की, जिसमें कम से कम 70 यूक्रेनी सैनिक मारे गए। साथ ही दावा किया है कि अब तक की लड़ाई में लगभग 5,300 रूसी सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेनी सेना ने लगभग 151 टैंक, 29 विमान और 29 हेलिकॉप्टर को तबाह कर दिया है। दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने यूक्रेन में 94 लोगों की मौत और कम से कम 376 नागरिकों के घायल होने की पुष्टि की है।

पुतिन ने दी धमकी
इधर, दुनिया भर के कई देश यूक्रेन को मिलिट्री इक्विपमेंट भेजकर मदद कर रहे हैं। रूस ने इन देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन इक्विपमेंट का रूस के खिलाफ इस्तेमाल किया गया तो, इन्हें भेजने वाला देश जिम्मेदार होगा। इसके पहले भी पुतिन ने नाटो को यूक्रेन का साथ देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। वहीं, फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल न होने के लिए चेतावनी दी थी।

जंग खत्म करने डिप्लोमैटिक कोशिशें जारी

सैन्य टकराव के बीच इस संकट को हल करने की डिप्लोमैटिक कोशिशें भी जारी हैं। यूक्रेन संकट पर यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल (UNHRC) ने इमरजेंसी डिबेट का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विपक्ष में 5 वोट पड़े। भारत समेत 13 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। UNHRC में कुल 47 सदस्य हैं।

अमेरिका ने 12 रूसी डिप्लोमैट को अपने यहां से निकाला
दूसरी तरफ अमेरिका ने रूस के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उसके 12 डिप्लोमैट्स को अपने यहां से निकाल दिया है। अमेरिका का कहना है कि गैर-राजनयिक 'गतिविधियों' के कारण UN के 12 रूसी डिप्लोमैट्स को निकाला गया है।

यूक्रेन संकट पर UN में भारतीय प्रतिनिधि के बयान की प्रमुख बातें

UN में भारत के प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने यूक्रेन संकट पर चिंता जाहिर करते हुए सभी देशों से डिप्लोमैटिक रास्ते पर लौटने की मांग की।
यूक्रेन में मानवीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने दवाओं सहित तत्काल राहत आपूर्ति भेजने का फैसला किया है। इन्हें बुधवार को यूक्रेन की जनता के लिए भेजा जाएगा।
भारत हमेशा सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की बात कहता रहा है। भारत सरकार का मानना है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए जो कुछ भी कर सकता है वह कर रहा है। भारतीय नागरिकों को बाहर निकलना हमारी प्राथमिकता है।
मैं यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोलीं। हम अपने पड़ोसी और विकासशील देशों के फंसे लोगों की मदद के लिए तैयार हैं।

UNGA में हुई बहस

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के विशेष सत्र में रूस और यूक्रेन के डिप्लोमैट्स ने एक दूसरे पर निशाना साधा। यूक्रेनी डिप्लोमैट सर्गेई किस्लिट्सिया ने कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचता है, तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा।

रूस के प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने UN में कहा कि कीव के नागरिक शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी परेशानी के राजधानी छोड़कर जा सकते हैं। रूसी ऑपरेशन किसी महत्वपूर्ण सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावित नहीं करता है। मौजूदा परेशानी यूक्रेन की वजह से उपजी है।

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