अगर भारत को नुकसान पहुंचाया तो किसी को छोड़ा नहीं जाएगा अमेरिका में गरजे राजनाथ सिंह

No one will be spared if India is harmed Rajnath Singh roars in America

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि एक संदेश (चीन को) जाएगा कि भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत छोड़ेगा नहीं।’ पैंगोंग झील वाले क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था।

फिर 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई। जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। जबकि चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए थे। इसके बाद से भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की 15 राउंड वार्ता हो गई है। ताकि पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का समाधान निकाला जा सके। 

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ

 

सान फ्रांसिस्को। चीन को कड़ा संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर भारत को नुकसान पहुंचाया तो किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के तौर पर उभरा है और दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने अपने अमेरिका दौरे के समय सान फ्रांसिस्को में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए चीन संग सीमा  पर भारतीय सैनिकों की वीरता के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘मैं खुलकर कह सकता हूं कि उन्होंने (भारतीय सैनिकों) क्या किया और हमने (सरकार) क्या फैसले लिए।’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि एक संदेश (चीन को) जाएगा कि भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत छोड़ेगा नहीं।’ पैंगोंग झील वाले क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था। फिर 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई। जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। जबकि चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए थे। इसके बाद से भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की 15 राउंड वार्ता हो गई है। ताकि पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का समाधान निकाला जा सके। इसका नतीजा ये हुआ है कि दोनों पक्षों ने बीते साल पैंगोंग झील के उत्तरी दक्षिणी किनारे के साथ-साथ गोगरा क्षेत्र में भी सैनिकों को पीछे करने की प्रक्रिया पूरी की है।

अमेरिका को भी दिया सख्त संदेश

रक्षा मंत्री ने अमेरिका को भी संदेश देते हुए कहा कि नई दिल्ली ‘जीरो सम गेम’ की डिप्लोमेसी में विश्वास नहीं करती है। किसी भी देश के साथ रिश्ते दूसरे की हानि की कीमत पर नहीं हो सकते। अगर भारत के एक देश के साथ अच्छे रिश्ते हैं, तो इसका ये मतलब कतई नहीं है कि किसी दूसरे देश के साथ उसके रिश्ते खराब हो जाएं। दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत अमेरिका 2+2 मंत्रीस्तरीय वार्ता के लिए वाशिंगटन डीसी आए थे। इसके बाद वह IndoPACOM मुख्यालय की बैठक के लिए हवाई गए और फिर सान फ्रांसिस्को आए।

भारत की तस्वीर बदली- रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूक्रेन संकट के बीच रूस को लेकर बनाए जा रहे अमेरिकी दबाव का जिक्र किए बिना कहा कि भारत जीरो सम गेम डिप्लोमैसी पर भरोसा नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘भारत ने कभी इस तरह की डिप्लोमैसी नहीं अपनाई है और ना ही कभी अपनाएगा। हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जीरो सम गेम में विश्वास नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि भारत द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास करता है, जो दोनों देशों के हितों के लिए अच्छे हों। सिंह ने कहा, ‘भारत की तस्वीर बदली है। उसकी प्रतिष्ठा में सुधार आया है। आने वाले कुछ वर्षों में कोई भी ताकत भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती।’

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