मेरा निश्चय डिगा नहीं है, मेरी जिद अभी कायम है , शिवसेना के अस्तित्व पर सवाल उठानेवालों को अब दिखाने का वक्त है : उद्धव ठाकरे

‘दम है तो शिवसेना और ठाकरे का नाम लिए बिना खड़े होकर दिखाओ। मेरी तस्वीर दिखाए बिना लोगों के बीच जाकर दिखाओ। जो कहा करते थे कि मर जाएंगे लेकिन शिवसेना नहीं छोड़ेंगे, वे आज शिवसेना छोड़ कर चले गए।
बागियों ने शिवसेना को तोड़ने का पाप किया है। मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर जो देखना नहीं चाहते, उनकी महात्वाकांक्षा राक्षसी है। जो हमें छोड़ कर चले गए, उनके बारे में मैं क्या चिंता करूं।’
Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
मुंबई। सीएम उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों पर जमकर बरसे और उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वे उनका और उनकी पार्टी का नाम लिए बिना अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाएं।
‘दम है तो शिवसेना और ठाकरे का नाम लिए बिना खड़े होकर दिखाओ। मेरी तस्वीर दिखाए बिना लोगों के बीच जाकर दिखाओ। जो कहा करते थे कि मर जाएंगे लेकिन शिवसेना नहीं छोड़ेंगे, वे आज शिवसेना छोड़ कर चले गए। बागियों ने शिवसेना को तोड़ने का पाप किया है। मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर जो देखना नहीं चाहते, उनकी महात्वाकांक्षा राक्षसी है। जो हमें छोड़ कर चले गए, उनके बारे में मैं क्या चिंता करूं।’ महाराष्ट्र के राजनीतिक उलटफेर के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज (24 जून, शुक्रवार) जिला प्रमुखों और जिला संपर्कों की बैठक में शिवसेना में हुई बगावत को लेकर गुस्सा जाहिर किया और दुख व्यक्त किया। सीएम उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों पर जमकर बरसे और उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वे उनका और उनकी पार्टी का नाम लिए बिना अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाएं।
सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में हुई बगावत का जिम्मेदार बीजेपी को ठहराया। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की लगाई चिंगारी को आग के रूप में भड़काया। उद्धव ठाकरे ने जिला प्रमुखों की बैठक में कहा कि उन्हें सत्ता का लोभ नहीं है। उनकी आंखों में जो पानी है, वे आंसू नहीं हैं। यह कोरोना का पानी है।
‘लगा था कुर्सी हिल रही है, लेकिन रीढ़ की हड्डी हिल रही थी’
बागी विधायकों पर मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, ‘कौन किस तरह का व्यवहार कर रहा है, इसमे हमें जाना नहीं है। जो लोग बोलते थे, कि हम मरने पर भी शिवसेना नही छोड़ेंगे, वो मरने के पहले ही छोड़कर चले गए। वे ठाकरे और शिवसेना का नाम लिए बिना जी कर दिखाएं। बागी विधायकों ने शिवसेना को तोड़ने का काम किया है। मेरा फोटो इस्तेमाल किए बिना लोगों में घूमकर दिखाएं। जो छोड़कर गये,उनको लेकर मुझे क्यों बुरा लगेगा ? मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार नहीं करना एक तरह की राक्षसी महात्वाकांक्षा है। मुझे लगता था कि मेरी मुख्यमंत्री की कुर्सी हिल रही है,लेकिन यहां तो मेरी रीढ़ की हड्डी हिल रही थी।
मेरा निश्चय डिगा नहीं है, मेरी जिद अभी कायम है
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मैंने जिद नही छोड़ी है, मेरी जिद अभी भी कायम है। विधायकों को लालच देकर अपनी तरफ खींचा गया। एकनाथ शिंद के लिए क्या कम किया, नगर विकास मंत्रलाय दिया। संजय राठौड़ पर गम्भीर आरोप होते हुए भी उन्हें संभाला गया। पेड़ के फूल ले सकते हो, डालियां भी ले सकते हो ।लेकिन इनकी जड़े नहीं उखाड़ सकते। शिवसेना के अस्तित्व पर सवाल उठानेवालों को अब दिखाने का वक्त है कि सच्चे शिवसैनिकों के दिल में शिवसेना को लेकर निष्ठा क्या है।