अलवर में मास्टर प्लान के तहत अतिक्रमण के नाम पर 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चला , मूर्तियां कटर से काटने पर आक्रोश

In the name of encroachment under the master plan in Alwar, a bulldozer ran on the 300-year-old temple, anger over cutting the idols with cutters

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ


अलवर। मास्टर प्लान के तहत कस्बे के गोल सर्किल से मेला का चौराहा के मध्य मार्ग में बाधा रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए रविवार को शुरू हुई बुल्डोजर कार्रवाई ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है। अलवर में एक मंदिर को तोड़ने का मामला गरमा गया है। सरकार ने इसे अतिक्रमण माना था, जबकि भाजपा का कहना है कि यह मंदिर 300 साल पुराना है। इस कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है इसे लेकर अब कांग्रेस सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं।  इस पूरे मामले को लेकर राजगढ़ थाने में FIR दर्ज कराई गई। वहीं, राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी ने कहा- ''मैं माफी के साथ कहना चाहूंगा कि मंदिर के मामले में जो मुद्दे बनाए जाते हैं, उसके आगे पीछे की जो स्थिति होती है वो लोगों के सामने नहीं रखी जाती। हम मंदिरों का पूरा सम्मान करते हैं।''

मूर्तियां कटर से काटने पर आक्रोश
अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत 250-300 साल पुराने तीन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया है। इसे लेकर हिंदू संगठनों ने पुलिस में शिकायत की है। हालांकि अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियां कटर से काटकर हटाने से लोग नाराज हैं। इसके विरोध में लोग लामबंद हुए, लेकिन पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें साइट से हटा दिया।


राजगढ़ विधायक पर लगाया साजिश का आरोप
बताया जाता है कि 17 अप्रैल से लगातार इस तरह के मामले राजगढ़ में सामने आ रहे हैं। हिंदू संगठनों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीणा पर साजिश का आरोप लगाया है। लोगों का आरोप है कि यह ड्राइव लोगों को भड़काने के लिए चलाई जा रही है। राजगढ़ के लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि 34 पार्षद मेरे पास ले आओ, यह कार्रवाई रोक दी जाएगी।

रविवार को शुरू की गई थी बड़े पैमाने पर कार्रवाई
अतिक्रमण हटाने से पहले शनिवार को एसडीएम केशव कुमार मीणा व नगर पालिका ईओ बीएल मीणा के नेतृत्व में अन्य अधिकारियों ने बाजार की स्थिति का जायजा लिया था। साथ ही सभी से अपनी दुकानों-मकानों से सामान हटाने की अपील की थी। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई मास्टर प्लान के अनुसार की गई है। यहां कई सालों से बहुत अधिक अतिक्रमण हो गया था। यहां राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार करीब 60 फीट का रास्ता है। लेकिन यह मुश्किल से 25 फीट बचा था। जेसीबी से अतिक्रमण हटाया गया है।

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
भाजपा आईटी विभाग के इंचार्ज अमित मालवीय ने tweet किया-राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर। करौली और जहांगीरपुरी पर आसूं बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म। 

कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा ने तर्क दिया कि राजगढ़ में भाजपा का बोर्ड है, इसलिए वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। हालांकि नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई प्रशासन के स्तर पर हुई। प्रशासन तर्क दे रहा है कि अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव नगर पालिका बोर्ड में पारित हुआ। उसके बाद यह कार्रवाई की गई। 2012 के मास्टरप्लान में यह 60 फीड रोड है।

भाजपा सासंद किरोड़ीलाल मीणा ने माना है कि भाजपा बोर्ड से यह गलती हुई है। यह मंदिर नही तोड़ा जाना चाहिए था। इस सबसे परे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि जब यह मंदिर 300 साल पुराना है, तो अतिक्रमण कैसे कहा जा सकता है? भाजपा ने मामले की जांच के लिए अपनी एक टीम भेजने का फैसला किया है। यह तीन दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
 
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बदले की भावना के साथ वोट बैंक की पॉलिटिक्स को बढ़ा रहे हैं। जबकि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 2018 में भाजपा मंडल अध्यक्ष ने खुद कलेक्टर को चिट्‌ठी लिखकर अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी। भाजपा बेवजह की राजनीति कर रही है।  कहा जा रहा है कि राजगढ़ में भाजपा बोर्ड के अध्यक्ष सतीश गुहारिया ने अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास किया था। 

 

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