ज्ञानवापी विवाद : सुनवाई हुई आदेश कल हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पढ़ने की मांग की

Gyanvapi dispute: Hearing order was held yesterday, Hindu side's lawyer Vishnu Jain demanded to read the survey report in court

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना-पत्र के साथ ही कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट और वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी कोर्ट में पढ़ने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब रिपोर्ट कोर्ट की कार्रवाई का हिस्सा है।

उस पर सभी पक्षों को आपत्ति दाखिल करने का अवसर मिलना चाहिए। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है।

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ


वाराणसी। ज्ञानवापी विवाद पर सोमवार को जिला जज की अदालत में लगभग एक घंटे तक सुनवाई हुई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी यानी मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई की मांग की। यानी कि यह पूरा मामला कोर्ट में सुनवाई के लायक है या नहीं...।

वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना-पत्र के साथ ही कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट और वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी कोर्ट में पढ़ने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब रिपोर्ट कोर्ट की कार्रवाई का हिस्सा है। उस पर सभी पक्षों को आपत्ति दाखिल करने का अवसर मिलना चाहिए। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट कल यानी 24 मई को अपना आदेश सुनाएगी।

19 वकील और चार याचिकाकर्ता ही कोर्ट रूम में मौजूद रहे
दोनों पक्षों ने बारी-बारी से अपनी दलीलों को रखा। इस दौरान दोनों पक्षों के 19 वकील और चार याचिकाकर्ता ही कोर्ट रूम में मौजूद रहे हैं। इस दौरान एडवोकेट कमिश्नर रहे अजय मिश्रा को कोर्ट रूम में जाने से रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। बाहर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे।

विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत ने दाखिल की याचिका
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी सोमवार को जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के स्नान, भोग-राग, शृंगार और पूजापाठ का अधिकार उन्हें दिया जाए। उन्होंने कहा कि हम न्यायिक तरीके से अपने भगवान विश्वेश्वर की पूजा का अधिकार मांगने आए हैं। डॉ. कुलपति के प्रार्थना पत्र पर फिलहाल अदालत ने आदेश नहीं सुनाया है।

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लागू नहीं होता: हिंदू पक्ष के वकील
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 1937 में दीन मोहम्मद के केस में 15 लोगों ने इस बात की गवाही दी थी कि वहां पूजा होती थी जो 1942 तक हुई। इसलिए वह एक्ट ज्ञानवापी प्रकरण में प्रभावी नहीं होगा। यही तथ्य हमने अदालत के सामने रखा है।

हिंदू सेना और भाजपा नेता भी आए आगे
ज्ञानवापी मामले को लेकर वाराणसी की कोर्ट में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता याचिका दाखिल करेंगे। विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में भी ज्ञानवापी मामले में खुद को वादी बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उधर, ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका सोमवार को दायर हुई है। इसे BJP नेता और एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय ने दाखिल किया है। उन्होंने मस्जिद कमेटी की अर्जी खारिज करने की मांग की है। कहा है कि मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद वैध नहीं होती, ऐसा इस्लामिक सिद्धांत है।

यह भी पढ़ें : कोर्ट में सुनवाई से पहले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पुरातत्व विभाग से कुतुबमीनार कॉम्प्लेक्स की खुदाई करने के लिए कहा

Share this story