पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दिया : 9 साल में 58 प्लॉट्स रजिस्ट्री, 800 कट्ठा जमीन लिया बैनामा, पार्टी ने पूछा कहां से आया धन?

जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ एक साजिश रची गई है क्योंकि मैं मंत्री बन गया था।
उन्होंने जदयू को डूबता जहाज बताते हुए कहा, 'नीतीश कुमार सात जन्मों में कभी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
उन्होंने कहा कि जलन का दुनिया में कोई इलाज नहीं है।'
Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
पटना। जमीन खरीदने के स्कैम में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है। जदयू के अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह पर पार्टी ने जमीन खरीदने के आरोपों पर नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा था। पार्टी छोड़ने के बाद आरसीपी ने कहा कि जदयू एक डूबती हुई नाव है।
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह व बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार में काफी दिनों से अनबन चल रही थी। जदयू नेता आरसीपी से नीतिश कुमार, उसी समय से नाराज चल रहे थे जब उनकी सहमति के बिना ही उन्होंने नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला किया। हालांकि, जदयू ने उनको दुबारा राज्यसभा में नहीं भेजा था और उनको पिछले महीना ही राज्यसभा से रिटायर होना पड़ा।
मैं मंत्री बनूंगा लेकिन नीतिश कभी पीएम नहीं बनेंगे
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ एक साजिश रची गई है क्योंकि मैं मंत्री बन गया था। उन्होंने जदयू को डूबता जहाज बताते हुए कहा, 'नीतीश कुमार सात जन्मों में कभी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि जलन का दुनिया में कोई इलाज नहीं है।'
दरअसल, आरसीपी सिंह जनता दल यूनाइटेड के भले ही रहे लेकिन वह बिहार में बीजेपी के प्रतिनिधि के रूप में हमेशा माने जाते रहे हैं। वह जदयू नेता नीतिश कुमार को बाइपास करते हुए हमेशा सीधे ही केंद्र सरकार या बीजेपी से बात दिल्ली में बात करते रहे हैं। कई बार पार्टी में इसका विरोध भी हुआ है।
गांव से ही दे दिया इस्तीफा
आरसीपी सिंह पिछले कुछ दिनों से नालंदा में अपने गांव में थे। वह अपने क्षेत्र में आधार मजबूत करने के लिए डेरा डाले हुए हैं। यहीं से उन्होंने यह घोषणा कर दी कि वह जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
क्यों दिया है आरसीपी सिंह ने इस्तीफा?
जदयू ने आरसीपी सिंह से उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों के बारे में जवाब मांगा था। दरअसल, पार्टी ने आरसीपी सिंह पर लगे आरोपों की जांच कराई थी। इस हफ्ते की शुरुआत में जदयू ने पिछले नौ वर्षों में अर्जित की गई संपत्तियों पर श्री सिंह से जवाब मांगा। यह वीडियो सामने आने के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें आरसीपी सिंह एक कार्यक्रम में मौजूद दिखे जिसमें उनको मुख्यमंत्री बनाने संबंधी नारे लग रहे हैं। श्री सिंह ने आज कहा, 'उन्होंने नारों के बारे में एक बड़ी बात की। कुछ लोगों के नारे लगाने में क्या गलत है? [नीतीश कुमार] इस तरह की बात बर्दाश्त नहीं कर सकते।' उन्होंने पार्टी के आरोपों को खारिज किया कि उनके संपत्ति सौदों में अनियमितताएं हैं। उन्होंने कहा, 'ये संपत्तियां मेरी पत्नी और अन्य आश्रितों की हैं, जो 2010 से टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि पार्टी क्या जांचना चाहती है। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।'
क्या है नोटिस में आरोप?
आसीपी सिंह को जारी कारण बताओ नोटिस में आरोप है कि 9 सालों में जदयू नेता आरसीपी सिंह ने परिवार के नाम पर 58 प्लॉट की रजिस्ट्री कराई है। इस तरह कुल 800 कट्ठा जमीन की खरीद हुई है। नोटिस में आरसीपी सिंह से पूछा गया है कि इतनी संपत्ति उन्होंने कैसे अर्जित की? खरीदारों में आरसीपी सिंह की आईपीएस बेटी लिपि सिंह का भी नाम है। जेडीयू के नोटिस में आरोप है कि आरसीपी सिंह ने नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में ही 40 बीघा जमीन खरीदी है। माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह ने बिहार के दूसरे जिलों में भी संपत्ति है आरसीपी की ज्यादातर जमीन पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियां लिपि सिंह व लता सिंह के नाम पर है।
जुलाई में देना पड़ा था मंत्रिमंडल से इस्तीफा
जून में, आरसीपी सिंह को पटना के वीआईपी क्षेत्र में एक विशाल बंगले से बेदखल कर दिया गया था। जुलाई में पीएम मोदी के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद से वह अपने पैतृक गांव में हैं और आसपास के इलाकों का दौरा कर रहे हैं।
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