महाराष्ट्र के नासिक-औरंगाबाद मार्ग पर होटल मिरची चौक पर प्राइवेट बस में लगी आग, 11 की मौत, 38 घायल

Fire in private bus at Hotel Mirchi Chowk on Maharashtra's Nashik-Aurangabad road, 11 killed, 38 injured
पुलिस के अनुसार यवतमाल के चिंतामणी ट्रैवल्स कि स्लीपर कोच बस मुंबई जा रही थी। धुलियां से मुंबई जा रहे एक ट्रक ने नासिक-औरंगाबाद मार्ग पर स्थित मिरची होटल चौराहे पर इस बस को टक्कर मार दी। हादसे के वक्त बस में सवार सभी यात्री सो रहे थे। हादसे के तुरंत बाद बस में आग लग गई। आग की लपटों में घिरे 11 लोगों की झुलसने से मौत हो गई। 38 यात्री घायल हो गए। ट्रैवल्स कंपनी के मालिक गुड्डू ने बताया है कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Newspoint24/ newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

नासिक (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के नासिक में शनिवार सुबह 4ः40 बजे हुए बस हादसे से कोहराम मच गया। यह हादसा नासिक-औरंगाबाद मार्ग पर होटल मिरची चौक पर हुआ। इस हादसे में निजी यात्री बस जलकर राख हो गई। हादसे में 11 यात्रियों की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।

पुलिस के अनुसार यवतमाल के चिंतामणी ट्रैवल्स कि स्लीपर कोच बस मुंबई जा रही थी। धुलियां से मुंबई जा रहे एक ट्रक ने नासिक-औरंगाबाद मार्ग पर स्थित मिरची होटल चौराहे पर इस बस को टक्कर मार दी। हादसे के वक्त बस में सवार सभी यात्री सो रहे थे। हादसे के तुरंत बाद बस में आग लग गई। आग की लपटों में घिरे 11 लोगों की झुलसने से मौत हो गई। 38 यात्री घायल हो गए। ट्रैवल्स कंपनी के मालिक गुड्डू ने बताया है कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

45 से 50 लोग सवार थे
हादसा नासिक-औरंगाबाद रूट पर नंदूरनाका के पास हुआ। बस चिंतामणि ट्रेवल्स की थी। इसमें 45-50 लोग सवार थे। पुलिस उपायुक्त अमोल तांबे ने हादसे की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 10 लोगों की मौत हुई है। पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उधर, महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने कहा है कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।

चश्मदीद ने बताया- अचानक शोर की आवाज से उठे, दूसरा जीवन मिल गया
पूजा चव्हाण नाम की एक महिला यात्री ने बताया, 'मैं अपने दो बच्चों के साथ बस यात्रा कर रही थी। हम सो रहे थे तभी अचानक लोगों का शोर सुनाई दिया। बस के अगले हिस्से में आग नजर आई। इसके बाद हमने खिड़की से अपने दोनों बच्चों के साथ छलांग लगा दी। इसमें उनका हाथ झुलस गया है। हालांकि, इस कोशिश से मेरे दोनों बच्चे सेफ हैं। हमें दूसरा जीवन मिला है। अगर कुछ देर हो जाती तो हमारे साथ कुछ भी हो सकता था।'

खिड़की से कूदकर बचाई जान
वाशिम जिले के लोनी की रहने वाली अनीता सुकदेव चौधरी ने बताया, 'जब मैं सो रही थी, बस और ट्रक में टक्कर हुई। मैं सीट से नीचे गिर पड़ी। इसके बाद बस के अगले हिस्से से आग की लपटें निकलने लगी। मैंने खिड़की से कूद कर जान बचाई। 20 मिनट बाद दमकल की गाड़ी यहां पहुंची।'

यवतमाल के पिराजी सुभाष धोत्रे ने बताया, 'मैं अपने चाचा-चाची के साथ कल्याण जा रहा था। सभी लोग सोए हुए थे। आग से चाचा जी काफी झुलस गए हैं। हालांकि, समय पर खिड़की से कूदने के कारण हम तीनों की जान बच गई।'

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