दिलचस्प मोड़ पर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव :  गहलोत और शशि थरूर के नाम की चर्चा 

Congress President's election at an interesting juncture: Discussion of names of Gehlot and Shashi Tharoor

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर लगातार राजनीतिक हलचल तेज है। कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, क्या सर्वसम्मति से अगला अध्यक्ष चुना जाएगा, क्या कांग्रेस अध्यक्ष के लिए एक से अधिक उम्मीदवार होंगे, यह ऐसे तमाम सवाल हैं जो अभी भी अनुत्तरित हैं। सूत्रों का दावा है कि अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के लिए 26 तारीख को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। वहीं, खबर यह भी है कि शशि थरूर ने भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त कर दी है। जिसके बाद सोनिया गांधी की ओर से उन्हें हरी झंडी दे दी गई है। कांग्रेस नेताओं का साफ तौर पर मानना है कि अध्यक्ष पद का चुनाव कोई भी लड़ सकता है। यह स्वतंत्र रूप से खुला मंच है। हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। इसके साथ ही पूरी तरह से निष्पक्षता का दावा किया जा रहा है। 

शशि थरूर ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की, चुनाव लड़ने की इच्छा जताई
इन सबके बीच आज शशि थरूर ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। शशि थरूर पहले ही अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके थे। सोनिया गांधी के समक्ष भी उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। इस पर सोनिया गांधी ने शशि थरूर से कहा है कि इट्स योर कॉल। चुनाव चुनावी प्रक्रिया के तहत हो। इसका मतलब साफ है कि सोनिया गांधी ने अब गेंद शशि थरूर के ही पाली में डाल दिया है। शशि थरूर ने भी सोनिया गांधी के समक्ष चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा व्यक्त की है। इस पर सोनिया गांधी ने शशि थरूर से कहा है कि इट्स योर कॉल। चुनाव चुनावी प्रक्रिया के तहत हो। इसका मतलब साफ है कि सोनिया गांधी ने अब गेंद शशि थरूर के ही पाली में डाल दिया है। शशि थरूर ने भी सोनिया गांधी के समक्ष चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा व्यक्त की है। मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि कोई भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है। इसके साथ ही उन्होंने शशि थरूर से यह भी स्पष्ट किया है कि गांधी परिवार की ओर से चुनाव लड़ने के लिए कोई भी औपचारिक उम्मीदवार नहीं है। यह सभी दावे सूत्रों के हैं।


राहुल को होगी मनाने की कोशिश

कांग्रेस के अनुभवी नेताओं में से एक और गांधी परिवार के बेहद भरोसेमंद रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। गहलोत के सूत्रों का दावा है कि पहले वह राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। अगर राहुल गांधी इससे इनकार करते हैं तभी वह 26 को नामांकन दाखिल करेंगे। अगर कोई और नेता नामांकन दाखिल नहीं करता है तो अशोक गहलोत का अध्यक्ष पद ना तय होगा। लेकिन नामांकन दाखिल होने की स्थिति में 17 अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे। सूत्रों का यह भी दावा है कि सोनिया गांधी ने शशि थरूर से यह भी कह दिया है कि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इस बार अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगा। वहीं, अशोक गहलोत का साफ तौर पर कहना है कि राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनना चाहिए। 

सचिन पायलट ने भी ठोंकी ताल गहलोत के अध्यक्ष बनने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है

 भले ही अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। लेकिन उनकी नजर राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर है। अध्यक्ष बनने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। ऐसे में राजस्थान में किसी और नेता को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। ऐसे में पहला नाम सचिन पायलट का ही आता है। सचिन पायलट काफी समय से इसका इंतजार कर रहे हैं। सचिन पायलट फिलहाल दिल्ली दौरे पर भी आ चुके हैं। कांग्रेस पार्टी का भी एक वर्ग चाहता है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।

हालांकि सचिन पायलट के साथ अशोक गहलोत के रिश्ते कैसे हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। अशोक गहलोत किसी भी कीमत पर नहीं चाहेंगे कि सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। सूत्रों का दावा है कि अशोक गहलोत ने साफ तौर पर कहा है कि उनके अध्यक्ष बनने की स्थिति में राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री सचिन पायलट को नहीं बल्कि सीपी जोशी को बनाया जाए। सीपी जोशी अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाते हैं। इतना ही नहीं, वह फिलहाल राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी हैं। 

यह भी पढ़ें : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर भाजपा में शामिल हुए , पंजाब लोक कांग्रेस का भी भाजपा में विलय

Share this story