कांग्रेस चिंतन शिविर : सोनिया गांधी सख्त नजर आई बोलीं अब कर्ज उतारने की जरूरत

कांग्रेस के चिंतन शिविर में सोनिया गांधी सख्त नजर आई। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत कांग्रेसियों को नसीहत सी की। उन्होनों कहा दिनरात पसीना बहाने के लिए कांग्रेसीजनों को तैयार रहना होगा।
पार्टी में निराशा का माहौल नहीं होना चाहिए। पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के तेवर कड़े नजर आए।
Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ
उदयपुर। कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया है। शिविर के पहले दिन सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने कहा, भाजपा-RSS की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है।
सोनिया गांधी ने कहा, हम विशाल प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं, हमे निजी अपेक्षा को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा, पार्टी ने बहुत दिया है, अब कर्ज उतारने की जरूरत है। एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है, हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन लाने की जरूरत होती है। हमें सुधारों की सख्त जरुरत है, ये सबसे बुनयादी मुद्दा है।
सोनिया गांधी ने कहा, अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ से क्या मतलब है? इसका अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं।
सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा-RSS की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है, सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है।
इसके पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया कि चिंतन शिविर में एक परिवार एक टिकट पर चर्चा की जा रही है, इस पर सभी एकमत हैं, उन्होंने कहा, अगर परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट लेना है, तो उसे पार्टी में 5 साल काम करना होगा।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा दो सबसे महत्वपूर्ण विषय हैं,एक राजनीतिक और दूसरा संगठन। चिंतन शिविर के बाद अमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेगा, लोकतंत्र में हथियार अब बहुत से आ गए हैं लेकिन हमें जो बदलाव करना चाहिए था वो हम नहीं कर पाए। बूथों को मजबूत करने की हमारी कोशिश रहेगी, कांग्रेस का एक अपना इंटरनल डिपार्टमेंट होना चाहिए जो जनता के बीच कौन सा मुद्दा लेकर जाना है उसपर रिसर्च करे। उनहोंने कहा कि जो अच्छा काम कर रहा है उसे आगे बढ़ाया जाए, जो नहीं कर रहा उसको बैठा देना चाहिये। पार्टी के अंदर अनुशासन बहुत आवश्यक है। एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने पर कहा कि अगर चुनाव लड़ना है तो काम करना पड़ेगा, 5 साल संगठन के अंदर उस व्यक्ति को काम करना होगा।
वहीं गुजरात कांग्रेस के कद्दावर नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस के चिंतन शिविर में नहीं पहुंचे , हालांकि, उन्हें चिंतन शिविर में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे। पिछले दिनों से हार्दिक पटेल की कांग्रेस से नाराजगी की खबरें लगातार आ रही हैं। इतना ही नहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि वे बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस के चिंतन शिविर में सोनिया गांधी सख्त नजर आई। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत कांग्रेसियों को नसीहत सी की। उन्होनों कहा दिनरात पसीना बहाने के लिए कांग्रेसीजनों को तैयार रहना होगा। पार्टी में निराशा का माहौल नहीं होना चाहिए। पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के तेवर कड़े नजर आए।
450 से अधिक नेता हैं शामिल
इस शिविर में देशभर के 450 से अधिक सीनीयर कांग्रेसी शामिल हुए हैं। राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, सोनिया गांधी इस मीटिंग की मुख्य वक्ता हैं। अशोक गहलोत ने अपने भाषण में कहा भाजपा ईडी, सीबीआई का बेजा दुरुपयोयग कर रही है। इस वजह से कई नेताओं को परेशान किया जा रहा है। शिविर में सोनिया गांधी के कड़े तेवर देख कई नेताओं में उत्साह नजर आया तो कइयों ने भय दिखा। सोनिया गांधी ने कहा वक्त अत्यधिक सक्रियता का है।
देश के हालात में लोग कांग्रेस की ओर देख रहे
पार्टी के सीनियर नेताओं ने भी इस मौके पर भाषण दिए। लगभग साढ़े 4 सौ कांग्रेसियों से खचाखच भरे इस मीटिंग हॉल में सोनिया की स्पीच शुरू होते ही पिनड्रॉप साइलेंस आ गया। सभी कांग्रेसी गौर से उनकी बात सुनने लगे। उन्होंने पहले कांग्रेस में उत्साह का संचार किया। इसके बाद वे नसीहत की ओर आईं। उन्होंने दोटूक शब्दों में कहा कांग्रेसियों को मेहनत बढ़ानी होगी। जो जितना ज्यादा पसीना बहा सकेगा वह उतना आगे निकलेगा। पार्टी में एक्टिवनेस की भारी जरूरत है। हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता को एक साथ होकर आगे आना होगा।
हमे सुधारों की भी जरूरत है
कांग्रेस संगठन से लचीलापन अपनाने की उम्मीद की जा रही है। आज कांग्रेस के सामने नई परिस्थिति है। इसका हमें सब को मिलकर सामना करना होगा। 13 मई से शुरू हुए इस चिंतन शिविर का समापन 15 मई 2022 को होगा। मीटिंग से मीडिया को दूर रखा गया है। मीटिंग स्थल से दूर मीडिया ब्रीफिंग सेंटर बनाया गया है। यहां देर से सूचनाएं दी जा रही हैं।