अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ चीनी रॉकेट : वैज्ञानिकों ने चेताया ; भारत और अमेरिका में क्रैश होने का खतरा, भारत ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन घोषित किया, स्पेन ने एयरपोर्ट बंद किए

अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ चीनी रॉकेट : वैज्ञानिकों ने चेताया ; भारत और अमेरिका में क्रैश होने का खतरा, स्पेन ने एयरपोर्ट बंद किए

चीन की हरकतों से एक बार फिर दुनिया परेशान है। दरअसल, चीन का एक रॉकेट बूस्टर स्पेस में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया है। वह कभी भी धरती पर गिर सकता है। यह रॉकेट तेज गति से धरती की ओर बढ़ रहा है।

अभी तय नहीं है कि यह कब और कहां गिरेगा, लेकिन स्पेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले कुछ घंटों में यह कहीं भी क्रैश कर सकता है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ


नई दिल्ली। चीन की हरकतों से एक बार फिर दुनिया परेशान है। दरअसल, चीन का एक रॉकेट बूस्टर स्पेस में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया है। वह कभी भी धरती पर गिर सकता है। यह रॉकेट तेज गति से धरती की ओर बढ़ रहा है। अभी तय नहीं है कि यह कब और कहां गिरेगा, लेकिन स्पेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले कुछ घंटों में यह कहीं भी क्रैश कर सकता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि चीनी रॉकेट के टुकड़े अमेरिका, भारत, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में गिर सकते हैं। वहीं इस खतरे को देखते हुए स्पेन ने अपना एयरपोर्ट बंद कर दिया है। स्पेन का कहना है कि स्पेनिश एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने 23 टन के चीनी रॉकेट के मलबे को अपने देश से गुजरते हुए नोटिस किया है।

 

अगर गिरा तो तबाह हो जाएगा क्षेत्र
चीन का रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी का कोर बूस्टर है। इसे 31 अक्टूबर को लॉन्च किया गया था। इस रॉकेट की मदद से तियांगोंगे स्पेस स्टेशन के लिए एक एक्सपेरिमेंटल लेबोरेटरी मॉड्यूल को स्पेस में भेजा गया था। रिपोर्टर्स के मुताबिक इसका वजन करीब 23 टन है, जिसकी ऊंचाई 59 फुट है। अगर यह रॉकेट किसी शहर या क्षेत्र में गिरता है तो बड़े स्तर पर जान-माल का नुकसान हो सकता है।

 

NASA बोला- चीन की हरकतें गैर-जिम्मेदाराना
अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी (NASA) का कहना है कि चीन के स्पेस अधिकारियों ने इस खतरे को पैदा किया है। NASA पहले भी कई बार चीन की ऐसी हरकतों को गैर-जिम्मेदार बता चुका है।

 

2 साल में चौथी बार है घटना
2 साल में यह चौथी बार है, जब चीनी रॉकेट का मलबा धरती पर गिर सकता है। इससे पहले 30-31 जुलाई की रात रॉकेट के कुछ टुकड़े धरती पर गिरे थे। 25 टन का ये रॉकेट 24 जुलाई को चीन के अधूरे तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन को पूरा करने के लिए एक मॉड्यूल लेकर निकला था। इसको लेकर भी वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की थी। जुलाई से पहले मई 2021 में हिंद महासागर और मई 2020 में आइवरी कोस्ट पर रॉकेट का मलबा गिरा था। हालांकि दोनों मामलों में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।

 

भारत के आगामी मिसाइल परीक्षण से डरा ड्रैगन
दरअसल, ड्रैगन की चालबाजी का कारण भारत आगामी दिनों में मिसाइल टेस्ट करना है। इससे पहले ही चीन ने हिंद महासागर में एक अनुसंधान पोत भेज दिया जो दरअसल जासूसी जहाज है। कुछ महीने पहले चीन ने इसी तरह का एक जासूसी जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर डॉक किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी नौसेना द्वारा समुद्र में तैनात किए जा रहे जासूसी जहाज एक ही कैटेगरी के हैं। ये जहाज युआन वांग VI बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह पर नजर रख सकते हैं। 



चीनी जासूसी जहाज युआन वांग VI हिंद महासागर में पहुंचा
मरीनट्रैफिक (MarineTraffic) के मुताबिक, चीनी जासूसी जहाज युआन वांग VI हिंद महासागर में प्रवेश कर चुका है और फिलहाल बाली के तट पर मौजूद है। मरीनट्रैफिक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो जहाजों की आवाजाही को ट्रैक करता है। इस चीनी जाजूसी जहाज का आगमन ऐसे समय में हुआ है, जब भारत कुछ ही दिनों में मिसाइल टेस्ट करने वाला है और इसकी तारीख की घोषणा की जा चुकी है। युआन वांग VI बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह पर नजर रखने में सक्षम  माना जाता है। 



भारत ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन घोषित किया
ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एक्सपर्ट डेमियन साइमन के मुताबिक, भारत ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन के लिए एक अधिसूचना जारी की है जिससे मिसाइल परीक्षण का संकेत मिल रहा है। भारत 10-11 नवंबर के बीच ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से एक मिसाइल टेस्ट कर सकता है। यह मिसाइल 2200 किलोमीटर तक उड़ान भर सकती है। इसके मद्देनजर पश्चिम में श्रीलंका और पूर्व में इंडोनेशिया के बीच के क्षेत्र को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिस पर मिसाइल किए जाने की उम्मीद है। 



चीन अब उस मिसाइल को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है। चीन भारतीय मिसाइल की क्षमताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहता है जैसे कि इसकी गति, सीमा और सटीकता। भारत व्हीलर द्वीप से अक्सर बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करता है, जो एक उचित मिसाइल टेस्ट रेंज है। 



चीनी जासूसी जहाज ने श्रीलंकाई बंदरगाह हंबनटोटा में डॉक किया था 
चीन इसी साल अगस्त के महीने में एक जासूसी जहाज ने श्रीलंकाई बंदरगाह हंबनटोटा में डॉक किया था। इस जासूसी जहाज का नाम युआन वांग वी V था। हंबनटोटा बंदरगाह भी भारत के लिए चिंता का सबब है जिसे श्रीलंका ने चीन को 99 साल के लिए लीज पर दिया है। उस वक्त भातचीनी जासूसी जहाज की तैनाती पर भारत ने आपत्ति जताई थी और श्रीलंका से कहा था कि वो चीनी जहाज को हंबनटोटा में डॉक करने की अनुमति न दे। इसके बावजूद चीन का पोत यहां पहुंचा था।

 

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