PM मोदी के मंच के नीचे पिंजरे में होंगे चीते, चीतों को लाने के लिए एक विशेष जंबो जेट बी 747 नामीबिया की राजधानी विंडहोक पहुंचा , चीतों को खाली पेट भारत लाया जाएगा

Cheetahs will be in a cage under Modi's platform, a special jumbo jet B747 reached Namibian capital Windhoek to bring cheetahs, Cheetahs will be brought to India empty stomach
 Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

नई दिल्ली। भारत की सरजमीं पर 70 साल बाद चीतों की आमद की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चीतों को लाने के लिए एक विशेष जंबो जेट बी 747 नामीबिया की राजधानी विंडहोक पहुंच चुका है। इस विमान को बाहर से ही नहीं, अंदर से भी चीतों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है, ताकि उसमें पिंजरों को आसानी से रखा जा सके।

17 सितंबर को यह विमान 16 घंटे की उड़ान भरकर नामीबिया से सीधे जयपुर उतरेगा। इसी दिन पीएम इसे कूनो पार्क में छोड़ेंगे। पिंजरों के बीच इतनी जगह होगी कि उड़ान के दौरान पशु चिकित्सक आसानी से चीतों पर नजर रख सकें। चीतों को खाली पेट भारत लाया जाएगा। एक्सपर्ट के मुताबिक शिफ्टिंग के दौरान जानवर का पेट खाली होना चाहिए।

17 सितंबर को देश को समर्पित करेंगे पीएम मोदी
विमान में ऐसी व्यवस्था की गई है कि चीतों को यह नहीं लगे कि उन्हें जंगल से बाहर कहीं और ले जाया जा रहा है। नामीबिया में भारत के हाईकमीशन ने उस विमान का फोटो शेयर किया है और लिखा है कि बाघ की जमीन पर सद्भावना के दूतों को ले जाने के लिए एक विशेष विमान बहादुरों की भूमि पर उतरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में तीन चीतों को बाड़े में छोड़कर देश को समर्पित करेंगे।

विमान का फ्लैग म्यूजियम में रखा जाएगा
चीता प्रोजेक्ट में एविएशन सेक्टर से जुड़ी कंपनी ने इस फ्लाइट को स्पेशल फ्लैग नंबर 118 दिया है। फ्लाइट के बाद कंपनी इस फ्लैग को अपने म्यूजियम में रखेगी। दुनिया में पहली बार चीतों को शिफ्ट करने के लिए स्पेशल फ्लाइट ऑपरेट हो रही है, इसलिए यह उनके लिए ऐतिहासिक अवसर है।

शुक्रवार रात 8 बजे विमान जयपुर के लिए भरेगा उड़ान
नामीबिया में चीतों की निगरानी कर रहे दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ ने बताया कि भारत आने वाले 8 चीते फिलहाल सीसीएफ सर्किल (वन संरक्षित क्षेत्र) में हैं। इनमें 5 मादा और 3 नर हैं। दो सगे भाई हैं। इन्हें यहां से शुक्रवार सुबह 9:30 बजे एयरपोर्ट ले जाया जाएगा। एयरपोर्ट तक पहुंचने में 4 से 5 घंटे लगेंगे। चीतों को लेकर विमान शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार रात 8 बजे) जयपुर के लिए उड़ान भरेगा। शनिवार को जयपुर से इन्हें हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क में लाया जाएगा। चीतों को सही सलामत पहुंचाने के लिए नामीबिया के वेटरनरी डॉक्टर एना बस्टो विमान में साथ आ रहे हैं।

शिकार के लिए बाड़े में चीतल छोड़े गए
प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ ने बताया कि नामीबिया से जयपुर और फिर वहां से राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के दौरान चीतों को कोई खाना नहीं दिया जाएगा। कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचने पर ही चीतों को खाना दिया जाएगा। यात्रा शुरू करते समय जानवर का पेट खाली होना चाहिए, हालांकि चीते रोज खाना नहीं खाते हैं। इस कारण से उन्हें लाने में कोई परेशानी नहीं होगी। कुनो पहुंचने के बाद भूख लगने पर वे एक या दो दिन के भीतर शिकार कर सकते हैं, इसलिए छोटे बाड़े में चीतल छोड़े गए हैं। अगर चीते शिकार नहीं करते हैं तो उन्हें भैंस या बकरी का मांस दिया जाएगा।

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चीतों की उम्र ढाई से साढ़े पांच साल
कूनो लाए जा रहे चीतों की उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। इनमें दो सगे भाई हैं। ये अभी नामीबिया के एक प्राइवेट रिजर्व में रखे गए हैं। नामीबिया से आने वाली मादा चीतों को कुछ साल पहले जंगल में छोड़ा गया था। आमतौर पर चीते की औसत उम्र 12 साल होती है।

कूनो में स्पेशल हेलिपैड बनाया गया
चीतों के लिए कूनो में स्पेशल हेलिपेड बनाया गया है। वहां से उन्हें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से सीधे कूनो नेशनल पार्क के बीचोबीच उतारा जाएगा। पार्क में चीतों के हेलिकॉप्टर के लिए पहले से हेलिपैड तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आने से ठीक चार घंटे पहले यानी सुबह करीब आठ बजे चीते कूनो पहुंच जाएंगे।

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तीस दिनों तक क्वारैंटाइन किया जाएगा
चीतों को लेकर कूनो नेशनल पार्क में तैयारी पूरी हो चुकी है। चीतों के आने के बाद उन्हें एक बाड़े में रखकर तीस दिनों तक क्वारैंटाइन किया जाएगा। इस दौरान उनके व्यवहार, सेहत व अनुकूलन पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी कि वे यहां के माहौल में खुद को कैसे एडजस्ट कर रहे हैं। एक महीने बाद इन चीतों को एक किलोमीटर जितने बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। एक से डेढ़ महीने बाद थर्ड स्टेज में उन्हें कूनो में खुला छोड़ दिया जाएगा।

मोदी के मंच के नीचे पिंजरे में होंगे चीते
कूनो नेशनल पार्क के टिकटौली गेट से 18 किलोमीटर भीतर पांच हेलिपैड बने हैं। इनमें से तीन प्रधानमंत्री और उनकी सुरक्षा के लिए आए हेलिकॉप्टर के लिए रिजर्व हैं। यहां से 500 मीटर के दायरे में 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्म नुमा मंच तैयार किया गया है। मंच की ऊंचाई 10 से 12 फीट होगी। मंच पर पीएम मोदी के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन मंत्री और मध्य प्रदेश के वन मंत्री होंगे। इसी मंच के ठीक नीचे छह फीट के पिंजरे में चीते होंगे।

मादा चीता अलग-अलग बाड़ों में रखी जाएंगी
नर चीते दो या दो से अधिक के ग्रुप में रहते हैं। नर चीतों को ग्रुप में एक साथ रखा जाएगा। हर मादा चीता अलग-अलग बाड़ों में रखी जाएंगी। बड़े बाड़ों में माहौल सही होने पर पहले नर चीतों को और उसके बाद मादा चीतों को खुले में छोड़ा जाएगा।

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