ऐतिहासिक समारोह में ब्रिटेन के महाराज घोषित किये गये चार्ल्स III, ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार इस समारोह का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया

Charles III was declared King of Britain in the historic ceremony, for the first time in the history of Britain this ceremony was broadcast on television

राज नेताओं, पादरी वर्ग के वरिष्ठ सदस्यों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की प्रिवी काउंसिल नये महाराज की घोषणा से पहले एकत्र हुई और घोषणा से जुड़े कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया।

घोषणा के बाद, चार्ल्स तृतीय ने प्रिवी काउंसिल की पहली बैठक की और संप्रभुता के प्रति कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों की अपनी व्यक्तिगत घोषणा की तथा अपनी दिवंगत मां के पदचिह्नों पर चलने की बात कही।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 
लंदन। राज्यारोहण परिषद के एक ऐतिहासिक समारोह में ब्रिटेन के महाराज घोषित किये जाने के बाद चार्ल्स तृतीय ने अपनी मां एवं दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया। ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार इस समारोह का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया। परिषद के लिपिक द्वारा घोषणा किये जाने के बाद वहां उपस्थित लोगों ने इसकी पुष्टि करते हुए एक स्वर में कहा, ‘‘ईश्वर महाराज की रक्षा करें।’’

राज्यारोहण परिषद ने नये महाराज के नाम की घोषणा करने की एक पारंपरिक भूमिका निभाई
राज्यारोहण परिषद ने नये महाराज के नाम की घोषणा करने की एक पारंपरिक भूमिका निभाई। इसके बाद चार्ल्स का संबोधन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन की घोषणा करने के उनके कर्तव्य के साथ शुरू हुआ। चार्ल्स तृतीय (73) ने कहा, ‘‘मेरी मां का शासन समर्पण के साथ अद्वितीय था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन जिम्मेदारियों को उठाते हुए मैं संवैधानिक सरकार को बरकरार रखने के उनके प्रेरक उदाहरण का अनुसरण करूंगा तथा इन द्वीपों के लोगों, और राष्ट्रमंडल देशों तथा विश्व भर में फैले क्षेत्रों में शांति, सौहार्द्र एवं समृद्धि के लिए काम करूंगा।’’

उनकी मां एवं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को निधन हो जाने के बाद पूर्व प्रिंस ऑफ वेल्स की ताजपोशी की गई है। शनिवार का समारोह लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में ताजपोशी की औपचारिक घोषणा करने और उनके शपथ ग्रहण के लिए आयोजित किया गया। चार्ल्स तृतीय अपनी पत्नी क्वीन कॉन्सर्ट कैमिला तथा अपने बेटे एवं उत्तराधिकारी प्रिंस विलियम के साथ समारोह में शरीक हुए। विलियम नये प्रिंस ऑफ वेल्स हैं। चार्ल्स ने औपचारिक घोषणा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये।

ब्रिटेन के सभी छह जीवित प्रधानमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए 
चार्ल्स ने ब्रिटेन में शाही खर्च को पूरा करने वाले अनुदान के एवज में सभी राजस्व और क्राउन एस्टेट देश को सुपुर्द करने की परंपरा की पुष्टि की। ब्रिटेन के सभी छह जीवित प्रधानमंत्रियों-सर जॉन मेजर, टोनी ब्लेयर, गार्डन ब्राउन, डेविड कैमरन, टेरेजा मे और बोरिस जॉनसन- तथा नयी प्रधानमंत्री लिज ट्रस और विपक्ष के नेता सहित अन्य लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। लोगों को समारोह की कार्यवाही दिखाने के लिए राज्यारोहण परिषद में पहली बार टीवी कैमरों को अनुमति देने का फैसला चार्ल्स तृतीय का था।

चार्ल्स शुक्रवार को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल से लौटें, जहां महारानी की तबीयत बिगड़ गई थी और उन्होंने अंतिम सांस ली थी। दिवंगत महारानी के लिए शोक प्रकट करने को लेकर पैलेस के ऊपर ध्वज झुका दिया गया था, जिसे राज्यारोहण परिषद की घोषणा के बाद फिर से पूर्ववत कर दिया गया। समारोह के बीच, गार्टर किंग ऑफ आर्म्स द्वारा पहली बार सार्वजनिक रूप से मूल घोषणा पढ़ी गई। साथ ही, लंदन के हाइड पार्क में महाराज के ट्र्रूप रॉयल हॉर्स आर्टिलरी ने 41 तोपों की सलामी दी। तुरही बजाने वाले बैंड ने शाही सलामी दी और बैंड ऑफ कोल्डस्ट्रीम गार्ड्स ने इसके बाद राष्ट्रीय धुन बजायी।

घोषणा के बाद, चार्ल्स तृतीय ने प्रिवी काउंसिल की पहली बैठक की

राज नेताओं, पादरी वर्ग के वरिष्ठ सदस्यों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की प्रिवी काउंसिल नये महाराज की घोषणा से पहले एकत्र हुई और घोषणा से जुड़े कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। घोषणा के बाद, चार्ल्स तृतीय ने प्रिवी काउंसिल की पहली बैठक की और संप्रभुता के प्रति कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों की अपनी व्यक्तिगत घोषणा की तथा अपनी दिवंगत मां के पदचिह्नों पर चलने की बात कही। चार्ल्स ने शुक्रवार शाम टेलीविजन पर प्रसारित अपने प्रथम संबोधन में कहा, ‘‘महारानी ने खुद जिस समर्पण के साथ काम किया मैं भी अब संकल्प लेता हूं कि शेष समय में ईश्वर मुझे संवैधानिक सिद्धांतों को हमारे राष्ट्र के हित में कायम रखने की शक्ति दें।’’

इस बीच, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस (47) और उनकी सरकार के वरिष्ठ सदस्यों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में महाराज चार्ल्स तृतीय के प्रति निष्ठा रखने की शपथ ली। सबसे पहले, हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष लिंडसे हॉयले ने संकल्प लिया कि वह महामहिम महाराज चार्ल्स और उनके उत्तराधिकारियों के प्रति सच्ची निष्ठा रखेंगे। इसके बाद सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसदों और प्रधानमंत्री ने महाराज के प्रति वफादारी की शपथ ली।

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