अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे रविवार की सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली 

Billionaire investor Rakesh Jhunjhunwala breathed his last at Mumbai's Breach Candy Hospital on Sunday morning

झुनझुनवाला ने पिछले हफ्ते ही 'अकासा' एयरलाइन के साथ एविएशन सेक्टर में भी एंट्री ली थी। झुनझुनवाला एक समय में स्टॉक मार्केट में बियर थे यानी मंदड़िए।

उन्होंनें 1992 में हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा होने पर शॉर्ट सेलिंग के जरिए बड़ा मुनाफा कमाया था।

1990 के दशक में भारतीय स्टॉक मार्केट में कई प्रतिष्ठित कार्टेल थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शोक जताया है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

मुंबई। अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का रविवार सुबह 62 साल की उम्र में निधन हो गया। सूत्रों के अनुसार सुबह 6.45 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनकी मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला के निधन पर दुख जताया है। 

मल्टी ऑर्गन फेल्योर के चलते हुई मौत
राकेश झुनझुनवाला को डायबिटीज की बीमारी थी। कुछ दिन पहले भी चेकअप के लिए उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई थी। शनिवार देर रात अचानक झुनझुनवाला की तबियत बिगड़ गई। परिजन आनन-फानन में उन्हें लेकर ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे। रविवार सुबह उनकी मौत हो गई। मौत की वजह मल्टी ऑर्गन फेल्योर बताया जा रहा है।

5000 रुपए के साथ शेयर बाजार में किया था प्रवेश 
राकेश झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में सिर्फ 5000 रुपए के साथ शेयर बाजार में प्रवेश किया था। वह उस समय कॉलेज में पढ़ रहे थे। फोर्ब्स ने उनकी कुल संपत्ति लगभग 5.5 बिलियन डॉलर आंकी है। झुनझुनवाला ने हाल ही में अकासा एयर (Akasa Air) के साथ विमानन उद्योग में कदम रखा था। अकासा एयर के विमान ने 7 अगस्त को पहली उड़ान भरी थी। झुनझुनवाला एक निवेशक होने के अलावा, एप्टेक लिमिटेड और हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष थे। वह कई भारतीय फर्मों के निदेशकों में भी थे। वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के अंतरराष्ट्रीय मूवमेंट के सलाहकार भी थे।

Rakesh Jhunjhunwala

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, "राकेश झुनझुनवाला अदम्य थे। वह जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक थे। वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं। वह भारत की प्रगति के प्रति भी बहुत भावुक थे। उनका जाना दुखद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। शांति।"

 
पिता की बात से शेयर बाजार के प्रति झुनझुनवाला में जगी थी दिलचस्पी
झुनझुनवाला अपने पिता को दोस्तों के साथ शेयर बाजार पर चर्चा करते सुनते थे। इससे उनके अंदर भी शेयर बाजार के प्रति दिलचस्पी जगी थी। झुनझुनवाला ने कहा था कि उन्हें उनके पिता ने बताया था कि नियमित रूप से न्यूज पेपर पढ़ना चाहिए। समाचारों का असर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के रूप में दिखता है। उनके पिता ने उन्हें शेयर बाजार में काम करने की अनुमति दी थी, लेकिन पैसे नहीं दिए थे और दोस्तों से भी पैसे मांगने से मना किया था।

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