ममता का बड़ा खुलासा : पेगासस स्पाइवेयर  बेचने के लिए पश्चिम बंगाल आए थे , इजरायल की कंपनी एनएसओ के लोग

Big disclosure of Mamta: People of Israeli company NSO came to West Bengal to sell Pegasus spyware

Newspoint24/संवाददाता/एजेंसी इनपुट के साथ


कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि इजरायल की कंपनी एनएसओ के लोग पेगासस स्पाइवेयर  बेचने के लिए पश्चिम बंगाल आए थे। उनकी सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। 

ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार को कुछ साल पहले एनएसओ समूह का पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। ममता बनर्जी ने कहा, “वे हमारे पुलिस विभाग में अपना सॉफ्टवेयर (पेगासस स्पाइवेयर) बेचने आए थे। उन्होंने पांच साल पहले इसके लिए 25 करोड़ की मांग की थी। यह प्रस्ताव मेरे पास आया और मैंने कहा कि नहीं, हम ऐसे सॉफ्टवेयर नहीं खरीदना चाहते।"

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर यह देश विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा के लिए होता तो बात कुछ और हो सकती थी, लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अधिकारियों और जजों पर किया जा रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है। गौरतलब है कि ममता बनर्जी का यह खुलासा उस समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट भारत में कुछ लोगों की निगरानी के लिए इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर विचार कर रहा है।

क्या है पेगासस विवाद?
पिछले साल एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया था कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और दो केंद्रीय मंत्री (अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल) उन लोगों में शामिल थे, जिनके फोन नंबर लीक हुई सूची में शामिल थे।

जुलाई 2021 में केंद्र सरकार ने जासूसी के आरोपों को खारिज कर दिया था। आईटी मंत्रालय ने कहा था कि कोई "अनधिकृत निगरानी" नहीं हुई। इस बीच पेगासस निर्माता एनएसओ ग्रुप ने भी कहा था कि उसका स्पाइवेयर आतंकवाद और संगठित अपराध का मुकाबला करने में सरकारी एजेंसियों द्वारा सख्ती से उपयोग के लिए था।

 यह भी पढ़ें :  मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक : भारत रूस से लेगा क्रूड ऑयल ,तेल का भुगतान डॉलर की जगह भारतीय रुपए में

Share this story