बाइडेन-पुतिन आमने सामने : रूस ने यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के बीच मास्को में अमेरिकी राजनयिक मिशन के उप प्रमुख को निष्कासित किया

Biden-Putin face-off: Russia expels deputy head of US diplomatic mission in Moscow amid rising tensions over Ukraine

गुरुवार का दिन एक लिहाज से रूस और अमेरिकी के सीधे टकराव के तौर पर देखा जा सकता है।

दरअसल, रूस की शह पर बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंकों ने एक बेहद भड़काऊ बयान दिया।

उन्होंने एटमी हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे डाली। उधर, अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी

साफ कर दिया कि रूस के सैनिक यूक्रेन बॉर्डर से हटाने के बजाए बढ़ाए जा रहे हैं।
 

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ

मॉस्को। यूक्रेन के मुद्दे पर अब अमेरिका और रूस बिल्कुल आमने-सामने नजर आ रहे हैं। रूस ने अमेरिका के नंबर दो डिप्लोमैट को मॉस्को एम्बेसी से निकाल दिया है। उन्हें देश छोड़ने को कहा गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भी गुरुवार को रूस के इस फैसले की पुष्टि कर दी।

गुरुवार का दिन एक लिहाज से रूस और अमेरिकी के सीधे टकराव के तौर पर देखा जा सकता है। दरअसल, रूस की शह पर बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंकों ने एक बेहद भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने एटमी हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे डाली। उधर, अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी साफ कर दिया कि रूस के सैनिक यूक्रेन बॉर्डर से हटाने के बजाए बढ़ाए जा रहे हैं।

इससे हालात बिगड़ेंगे
रूस ने जब अमेरिकी डिप्लोमैट को मॉस्को छोड़ने को कहा तो अमेरिका के एक अधिकारी ने इसे भड़काऊ कदम बताते हुए साफ कर दिया कि अमेरिकी किसी भी मामले में पीछे हटने वाला नहीं है। उन्होंने कहा- यह तो साफ तौर पर तनाव बढ़ाने वाला कदम है। इन तरीकों के इस्तेमाल से डिप्लोमैटिक सॉल्यूशन नहीं खोज सकते।

हालांकि, रूस ने यह कदम बहुत सोच समझकर उठाया होगा। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अगर रूस चाहता तो चीफ एम्बेसेडर जॉन सुलिवान को भी देश छोड़ने को कह सकता था, लेकिन उसने अमेरिका को संकेत दिया कि वो यूक्रेन मुद्दे पर पश्चिमी देशों से टकराने को तैयार है और डिप्लोमैट को निकाला जाना इसका सबूत है।

 
अब अमेरिकी जवाब का इंतजार
डिप्लोमैसी के दांव-पेंचों को अगर आप बारीकी से देखें तो पाएंगे कि जब एक देश किसी दूसरे के राजनयिक यानी डिप्लोमैट के खिलाफ कार्रवाई करता है तो बदले में दूसरा देश भी इसी स्तर की जवाबी कार्रवाई करता है। हालांकि, अमेरिका की तरफ से अब तक जवाब नहीं दिया गया है। लेकिन, आशंका यही है कि अमेरिका भी ठोस जवाब देगा और इससे तनाव बढ़ेगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बार्ट गोर्मेन मॉस्को एम्बेसी में नंबर दो पोजिशन पर थे। उनके पास तीन साल का वीजा है और इसकी मियाद पूरी नहीं हुई है। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने मामले की पुष्टि तो की, लेकिन इससे ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। अब अमेरिका विचार कर रहा है कि रूस को किस तरह का जवाब दिया जाए। रूस की अमेरिकी एम्बेसी में काफी कर्मचारी हैं। दूसरी तरफ, रूस ने वॉशिंगटन में अपना डिप्लोमैटिक स्टाफ हमेशा कम रखा।

 
आग में घी डाल रहे लुकाशेंको

रूस के सहयोगी देश बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अमेरिका को धमकी दी है। लुकाशेंको ने अमेरिका और नाटो का नाम लिए बगैर कहा- अगर हमारे देश पर खतरा मंडराया तो हमें एटमी हथियार इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं होगा। हमारे पास बहुत ताकतवर एटमी हथियार हैं और हम अपनी सरहदों की हिफाजत करना भी जानते हैं।

कल पुतिन से मुलाकात
लुकाशेंको का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब वो शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करने मॉस्को जा रहे हैं। लुकाशेंको ने कहा- अगर मेरे देश के खिलाफ बेवकूफाना हरकतें हुईं, हमला हुआ तो फिर एटमी हथियारों का विकल्प खुला है। अगर ऐसा नहीं तो हम भी इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

बेलारूस भी सोवियत संघ का ही हिस्सा था। तकनीकि या कहें घोषित तौर पर बेलारूस एटमी ताकत नहीं है। अगले महीने वो संविधान संशोधन करने जा रहा है ताकि देश में एटमी हथियार रखे जा सकें। माना जा रहा है कि लुकाशेंकों रूस के एटमी हथियारों को अपने देश लाने (होस्ट) की धमकी दे रहे हैं। लुकाशेंको 1994 से सत्ता में हैं।

यह भी पढ़ें : 

यूक्रेन पर रूस के हमलों की आशंका के बीच बाइडन ने कही बड़ी बात,रूस बनावटी बातें कर रहा है ताकि वह अंदर जाने का बहाना तलाश सके

Share this story