बांदा: यमुना नदी में सवारियों से भरी नाव पलटी 3 की डूबने से मौत, 17 लापता, करीब 40 लोग सवार थे

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "हम अपने गांव से पत्नी को लेकर ससुराल खागा राखी बंधवाने के लिए जा रहे थे। जब हम नदी के किनारे पहुंचे तो सिर्फ एक ही नाव थी।
दोपहर तीन बजे का समय था नदी पार जाने वालों की भीड़ ज्यादा थी। देखते देखते नाव में करीब 40 लोग सवार हो गए और कुछ मोटर साइकिल भी नाव पर रख दी गईं।"
Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
बांदा। बांदा से फतेहपुर जा रही नाव के यमुना नदी में डूबने से 17 लोग लापता हैं , जबकि 15 लोग तैरकर बाहर आ गए। हादसे में तकरीबन 20 लोग डूबे बताए जा रहे हैं। गुरुवार को दोपहर 3 बजे महिलाएं रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए नाव पर सवार होकर मायके जा रही थीं। पानी का बहाव तेज होने से पतवार टूट गई, जिससे नाव अनियंत्रित होकर डूब गई। हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, डीएम भी पहुंचे
रिपोर्टस के अनुसार नाव में 30 से अधिक लोग सवार थे। यह सभी लोग नदी को पारकर फतेहपुर जा रहे थे। इसी बीच मरका थाना अंतर्गत क्षेत्र से यह घटना सामने आई। घटना को लेकर तहसीलदार ने जानकारी दी कि तकरीबन 20 लोगों के डूब जाने की सूचना मिली है। हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है और उसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है। वहीं हादसे की जानकारी मिलने के साथ ही डीएम भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
गोताखारों ने लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी है और अब तक 3 शव बरामद हुए हैं। नाव पलटने की घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी, डीआईजी, एनडीआरएफ , एसडीआरएफ, की टीम को तत्काल मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं।
मौके पर पहुंचे एसपी अभिनंदन ने बताया, "नाव में करीब 35 करीब सवार थे। जिनमें से 15 लोग सुरक्षित तैरकर निकल आए, जबकि 17 लोग अभी भी लापता हैं। 3 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें एक पुरुष, एक महिला व उसका बच्चा शामिल है।"
बीच धार में पहुंचते ही पलटी नाव
रक्षाबंधन पर्व पर समगरा गांव से महिलाएं व लोग मरका घाट पर पहुंचे थे। यमुना नदी पार करके फतेहपुर जिले के असोथर घाट जाने के लिए नाव पर करीब 40 लोग सवार हुए थे। यमुना नदी में बीच धारा में पहुंचते ही नाव असंतुलित होकर पलट गई।
"बीच धार में बह गए लोग"
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "हम अपने गांव से पत्नी को लेकर ससुराल खागा राखी बंधवाने के लिए जा रहे थे। जब हम नदी के किनारे पहुंचे तो सिर्फ एक ही नाव थी। दोपहर तीन बजे का समय था नदी पार जाने वालों की भीड़ ज्यादा थी। देखते देखते नाव में करीब 40 लोग सवार हो गए और कुछ मोटर साइकिल भी नाव पर रख दी गईं।"
उन्होंने बताया, "नाव जब बीच नदी में पहुंची तो हिचकोले खाने लगी। लोग डर गए और इधर उधर खिसकने लगे। इसी बीच एक तरफ लोगों की संख्या ज्यादा हो गई और नाव एक दम से पलट गई। कुछ लोग तो तैरने लगे, लेकिन महिलाएं और बच्चे डूबने लगे। देखते-देखते बीच धार में लोग बहते चले जा रहे थे। इसी बीच पास में आई एक दो नाव ने कुछ लोगों को खींचना शुरू कर दिया। इसी में मैं भी एक नाव पर चढ़ गया। लेकिन कई महिलाएं और बच्चे बह गए।"
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, " नाव पर 40-50 लोग सवार थे। इसमें से 15 लोगों को बचाया गया है।"
नदी से बचकर आए एक यात्री ने बताया, "मैं लखनऊ से समधरा आया था। समधरा में अपनी वाइफ को छोड़ कर अपने बहन के घर राखी बंधवाने जा रहा था। मुझे बरैची जाना था। मैं मोटरसाइकिल से अकेला जा रहा था। मैं नाव पर मोटरसाइकिल के साथ सवार हुआ, मेरी मोटर साइकिल डूब गई।"
यात्री ने कहा, "मैं किसी तरह बांस के सहारे बाहर निकल पाया। नाव की पतवार अचानक से टूट गई। तेज बहाव की वजह से नाव डिस्बैलेंस हो गई। नाविक संभाल नहीं पाया। उसके बाद नाव पलट गई। कुछ लोग तो बच गए हैं, लेकिन अभी बहुत लोग नहीं बाहर आ पाएं हैं।"
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