हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का एलान, 12 नवंबर को मतदान; 8 दिसंबर को आएंगे परिणाम

Assembly elections announced in Himachal Pradesh, voting on November 12; Results will come on 8th December

हिमाचल विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। राज्य की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। वहीं, 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। हिमाचल में 17 अक्‍टूबर से चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।

25 अक्‍टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 27 अक्‍टूबर को स्‍क्रूटनिंग होगी। 29 अक्‍टूबर तक प्रत्‍याशी नाम वापस ले सकेंगे। वहीं, 80 साल से ऊपर के लोग अपने घर से ही वोटिंग कर सकेंगे।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ


नई दिल्ली। हिमाचल विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। राज्य की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। वहीं, 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। हिमाचल में 17 अक्‍टूबर से चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। 25 अक्‍टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 27 अक्‍टूबर को स्‍क्रूटनिंग होगी। 29 अक्‍टूबर तक प्रत्‍याशी नाम वापस ले सकेंगे। वहीं, 80 साल से ऊपर के लोग अपने घर से ही वोटिंग कर सकेंगे। सभी मतदान केंद्रों को ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाया जाएगा। नामांकन तक नए मतदान अपना नाम जुड़वा सकेंगे। 

26 दिन बाद घोषित होंगे परिणाम

हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम 26 दिन बाद घोषित किए जाएंगे। 

हिमाचल में आदर्श आचार संहिता लागू

 हिमाचल विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू (Election Model Code Of Conduct) हो गई है। 

12 नवंबर को हिमाचल में होगा विधानसभा चुनाव, 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे

हिमाचल में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। 12 नवंबर को चुनाव होगा और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे।

ग्राउंड फ्लोर पर बनाए जाएंगे मतदान केंद्र

चुनाव आयोग ने कहा कि सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाए जाएंगे। सभी लोगों को उनके घर से दो किलोमीटर के अंदर ही पोलिंग स्टेशन देने की कोशिश की गई है।

80 साल के ऊपर के मतदाता घर से ही कर सकेंगे वोटिंग

चुनाव आयोग ने कहा कि 80 साल के ऊपर के मतदाता घर से ही वोटिंग कर सकते हैं।

प्रत्याशी की आपराधिक पृष्ठभूमि प्रसारित करेगा चुनाव आयोग

चुनाव आयोग का कहना है कि यदि किसी भी प्रत्याशी की आपराधिक पृष्ठभूमि है तो उसे चुनाव आयोग प्रसारित करेगा, ताकि वोटर के सामने स्थिति साफ रहे।

नामांकन तक जुड़ सकेंगे नए मतदाता- चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने कहा कि नामांकन तक जुड़ सकेंगे नए मतदाता। 

मतदान प्रतिशत को बढ़ाना मेरा लक्ष्य- मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मतदान प्रतिशत को बढ़ाना मेरा लक्ष्य है। कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए चुनाव की सारी तैयारियां पूरी की गई हैं।

इस बार कुछ पोलिंग स्टेशन पर 100 फीसद महिला कर्मी होंगी तैनात

आयोग के अनुसार इस बार पोलिंग स्टेशनों में से कुछ में 100 फीसद महिला कर्मी होंगी। इस कदम से आयोग महिला सशक्तिकरण का संदेश देना चाहती है।

भूपेंद्र पटेल सिंतबर 2021 में बने थे मुख्यमंत्री


गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले भाजपा ने भूपेंद्र पटेल को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। विजय रूपाणी के अचानक इस्तीफे के बाद गुजरात में सियासी सरगर्मी बढ़ गई थी। हालांकि भाजापा आलाकमान ने रूपाणी मंत्रीमंडल के सभी मंत्रियों को पटेल मंत्रीमंडल में भी शामिल किया था।

गुजरात और हिमाचल में अभी भाजपा की सरकार


2017 में हिमाचल में एक और गुजरात में दो चरण में चुनाव हुए थे। अभी दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है और कांग्रेस विपक्ष में है।

25 सीटों पर हिमाचल में नए उम्मीदवार उतार सकती है भाजपा


हिमाचल प्रदेश में ऐसी चर्चा है कि भाजपा 25 से अधिक विधान सभा सीटों पर नए उम्मीदवारों को टिकट दे सकती है। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के लिए हिमाचल प्रदेश के चुनाव कितने महत्‍वपूर्ण हैं, इसका अनुमान यहां से भी होता है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के बिलासपुर में कार्यक्रम के तुरंत बाद दिल्‍ली जाकर नड्डा फिर से हिमाचल लौट आए। प्रयोजन था, पंच परमेश्‍वर सम्‍मेलन। पार्टी के लोग बताते हैं कि यह कार्यक्रम पूर्व नियोजित नहीं था।

AAP की एंट्री से दिलचस्‍प मुकाबले के आसार


इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से दिलचस्‍प मुकाबले के आसार हैं। अरविंद केजरीवाल अपनी सभाओं में दिल्‍ली मॉडल का हवाला दे रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि गुजरात के लोगों ने आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली के विचारों को पसंद किया है। इन्‍हीं विचारों ने केंद्र सरकार को योजना में बाधा डालने के लिए प्रेरित किया है। सनद रहे आम आदमी पार्टी ने कृषि प्रधान पंजाब में ऐसे ही चुनावी वादे किए थे।

गुजरात विधानसभा 2017 चुनाव की दलीय स्थिति


साल 2017 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 2012 में उसने 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को हुए नुकसान के पीछे कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया गया था। इन वजहों में जीएसटी के खिलाफ लोगों का गुस्सा, पाटीदार आंदोलन और सौराष्ट्र क्षेत्र में कृषि संकट भी शामिल था। हालांकि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में किसानों पर पूरा फोकस किया था।

गुजरात में इस बार भी 2017 की तरह रहेगा किसानों का मुद्दा हावी


विश्‍लेषकों की मानें तो इस बार भी विधानसभा चुनाव में किसानों का मुद्दा हावी रहेगा। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस किसानों के मुद्दों को उठा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि किसानों को राज्य और केंद्र की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।


कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है AAP, भाजपा को घेरने में जुटे केजरीवाल


पंजाब विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद AAP की नजर गुजरात में भी बड़ी पैठ बनाने की है। दिल्ली के सीएम और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अब तक गुजरात में कई रैलियां की हैं। पार्टी दिल्ली के अपने सफल माडल को भुनाने की कोशिश कर रही है और गुजरात में मुफ्त बिजली और अच्छी शिक्षा का वादा कर रही है। गुजरात में AAP पिछले विधानसभा चुनाव में अपना खाता नहीं खोल पाई थी।

गुजरात विधानसभा 2017 में बीजेपी को मिली थी 99 सीटें


जब 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे, तब बीजेपी को 99 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि उसके बाद से कई और विधायक पार्टी में शामिल हो गए हैं। वर्तमान में विधानसभा में उसके 111 विधायक हैं।

गुजरात में क्या था पिछले चुनाव का गणित


गुजरात में कुल 182 सीटें हैं, जिसमें से 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो भाजपा को 99 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आई थीं। दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) और एक सीट NCP को मिली थी। बाकी तीन सीटों पर निर्दलीय जीते थे।

हिमाचल प्रदेश में क्या है सीटों का गणित

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सीटें हैं। 2017 में इतनी ही सीटों पर चुनाव हुए थे। तब राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थीं, जबकि तीन सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं। राज्य में 48 विधानसभा सीटें सामान्य वर्ग के लिए थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21 और अन्य ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी।

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर 900 करोड़ का आउटसोर्स भर्ती घोटाला करने का आरोप लगाया , सीबीआई से की जांच की मांग

 

Share this story