संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में बोले एंटोनिओ गुटेरस ने कहा कि अब बहुत हो गया है , यूक्रेन का दावा- रूस ने किया प्रतिबंधित वैक्यूम बम का इस्तेमाल

Antonio Guterres said in the General Assembly of the United Nations that enough is enough, claims Ukraine - Russia used banned vacuum bombs

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है और बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने देश के ग़ैर-परमाणु हथियार वाले दर्जे को बदलने की घोषणा की है।

इस संदर्भ में गुटेरस ने कहा, ''परमाणु संघर्ष का विचार समझ से बाहर है. परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है।''

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ
 
  
यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा (यूएनजीए) को संबोधित करते हुए यूएन प्रमुख एंटोनिओ गुटेरस ने कहा कि अब बहुत हो गया है। 

इस प्रस्ताव में रूस की निंदा की गई है और तत्काल युद्धविराम के साथ यूक्रेन के क्षेत्र से रूसी सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा गया है।

गुटेरस ने कहा कि यूक्रेन में लड़ाई बंद होनी चाहिए। यूएन प्रमुख ने कहा, ''हम यूक्रेन के लिए तो त्रासदी झेल ही रहे हैं, साथ में यह एक बड़ा क्षेत्रीय संकट है और इसका प्रभाव विनाशकारी है।''

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है और बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने देश के ग़ैर-परमाणु हथियार वाले दर्जे को बदलने की घोषणा की है।


इस संदर्भ में गुटेरस ने कहा, ''परमाणु संघर्ष का विचार समझ से बाहर है। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है।''

गुटेरस के बोलने के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधि आपस में उलझ गए। यूएनजीए की अध्यक्षता मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्लाह शाहिद के पास है।

यूएन में यूक्रेन के राजदूत सेर्गेई किसलित्स्या ने कहा कि रूसी कार्रवाई और परमाणु हथियारों को लेकर घोषणा पागलपन है। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचेगा तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा।'

संयुक्त राष्ट्रमें रूसी राजदूत वैसिली नेबेन्ज़िया ने आरोप लगाया कि इस शत्रुता की शुरुआत रूस ने नहीं यूक्रेन ने की है। रूसी राजदूत ने दावा किया कि यूक्रेन की सरकार ने इस संकट की जड़ रोपी है और उसने 2015 के मिंस्क समझौते का पालन नहीं किया।

यूक्रेन पर प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र आम सभा के 11वें सत्र में सुना जा रहा है। इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भेजा है। सुरक्षा परिषद में अमेरिका के नेतृत्व में रूस के ख़िलाफ़ यह प्रस्ताव लाया गया था, जिसे रूस ने वीटो कर दिया था। इस प्रस्ताव में भारत, चीन और यूएई वोटिंग से बाहर रहे थे।

बताया जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र आम सभा में इस प्रस्ताव पर वोटिंग में भारत के शामिल नहीं होने की उम्मीद है। कई लोगों का कहना है कि भारत प्रस्ताव के टेक्स्ट देखने के बाद आख़िरी फ़ैसला लेगा। उम्मीद है कि यूएनजीए में रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पर मंगलवार को किसी भी वक़्त वोटिंग हो सकती है। 100 से ज़्यादा सूचीबद्ध वक्ता बोलेंगे। भारत भी अपना बयान जारी करेगा।

बहस से पहले जो ड्राफ़्ट लोगों के बीच बाँटा गया है, उसमें रूस को हमलावर कहा गया है और उसे यूक्रेन से तत्काल सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही पूर्वी यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्र दोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर दी गई रूसी मान्यता वापस लेने के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही तत्काल वार्ता शुरू करने की बात कही गई है।

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