अग्निपथ योजना वापस नहीं होगी , भर्ती से पहले युवाओं का पुलिस वेरिफिकेशन होगा , पहला बैच दिसंबर में    

Agneepath scheme will not be returned, police verification of youth will be done before recruitment, first batch in December

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ के विरोध में कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने वालों ने छात्रों को भड़काकर प्रदर्शन कराया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर बनने वाला शपथपत्र देगा कि उसने कोई प्रदर्शन नहीं किया है न तोड़फोड़ की।

बिना पुलिस वेरिफिकेशन के कोई सेना में शामिल नहीं होगा।

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली। केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद रक्षा मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें साफ कर दिया गया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी और यह भी कि सभी भर्तियां इसी स्कीम के तहत होंगी। 25 हजार अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में आर्मी जॉइन कर लेगा।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ के विरोध में कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने वालों ने छात्रों को भड़काकर प्रदर्शन कराया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर बनने वाला शपथपत्र देगा कि उसने कोई प्रदर्शन नहीं किया है न तोड़फोड़ की। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के कोई सेना में शामिल नहीं होगा।

पुरी ने कहा कि युवा फिजिकली तैयार हों, ताकि वह हमारे साथ जुड़कर ट्रेनिंग कर सकें। हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सभी को लिखित में देना होगा कि वे किसी भी तरह की आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं थे।

नौसेना में तैनात होंगी महिला अग्निवीर
इस दौरान भारतीय नौसेना की ओर से कहा गया कि 21 नवंबर से पहला नौसैनिक अग्निवीर बैच ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों को जाने की अनुमति होगी। भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में विभिन्न भारतीय नौसेना के जहाजों पर 30 महिला अधिकारी हैं। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हमने तय किया है कि अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं की भी भर्ती होगी जिन्हें युद्धपोतों पर भी तैनात किया जाएगा।

अग्निवीर योजना को लाने के दिए गए तर्क

अनिल पुरी ने कहा- तीनों सेना प्रमुख और CDS ने मिलकर दुनिया के सभी देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी गई। सेना में बदलाव का प्रोसेस 1989 से चल रहा है। सेना की औसत उम्र 32 साल थी, इसे 26 पर लाना हमारा लक्ष्य था। हमें सेना में यूथ चाहिए। हमें जुनून जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है।

जिस दिन अग्निपथ की घोषणा हुई उस दिन दो ऐलान हुए पहला देश भर में साढ़े दस लाख नौकरियां और 46 हजार वेकेंसी सेना में अग्निवीर के रूप में, लेकिन लोगों तक केवल 46 हजार की बात ही पहुंची।

अगले 4-5 साल में हमारे सैनिकों की संख्या 50-60 हजार होगी और बाद में बढ़कर 90 हजार से 1 लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए 46,000 के छोटे ग्रुप से शुरुआत की है।

घोषणा के बाद हुए बदलाव किसी डर से नहीं बल्कि ये सब पहले से ही तैयार थे। उम्र में बदलाव कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के कारण किए गए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, भारतीय नौसेना के प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और भारतीय वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा भी मौजूद हैं।

दो दिन में लगातार दूसरी समीक्षा बैठक
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर तीनों सेना प्रमुखों की बैठक हुई थी। इस मीटिंग में अग्निपथ योजना को लागू करने और आंदोलनकारियों को शांत करने के तरीकों पर चर्चा हुई थी। योजना को लेकर राजनाथ सिंह द्वारा दो दिनों में बुलाई गई यह दूसरी समीक्षा बैठक थी।

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