कांग्रेस ने करारी हार की समीक्षा के बाद सिद्धू सहित पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को हटाया     

After reviewing the crushing defeat, the Congress removed the state presidents of the five states including Sidhu.

Newspoint24/संवाददाता/एजेंसी इनपुट के साथ


नई दिल्ली। पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद समीक्षा और कार्रवाईयों का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस ने अपने हारे हुए पांच राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को हटा दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच राज्यों के पार्टी प्रमुखों को हटाने का फैसला लिया जहां पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। इन पांचों राज्यों में अब पार्टी का पुनर्गठन किया जाएगा। हटाए गए अध्यक्षों में आठ महीने पहले ही नियुक्त पंजाब के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हैं।


 


नई कार्यकारिणी का होगा गठन

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि राज्य कांग्रेस इकाइयों के पुनर्गठन के लिए इस्तीफे मांगे गए थे। पांचों राज्यों में नए सिरे से संगठन को मजबूत किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह कदम रविवार को कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में बाद उठाया है। सीडब्ल्यूसी मीटिंग में पांच राज्यों में कांग्रेस की हार पर चर्चा की गई थी। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने भी की थी इस्तीफे की पेशकश

दरअसल, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के पोल पोस्टमॉर्टम में वरिष्ठ नेताओं के सामने सोनिया गांधी ने भी अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि वह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार, श्रीमती गांधी ने इस्तीफे की पेशकश को "पार्टी के हित में अंतिम बलिदान" के रूप में प्रस्तुत किया। लेकिन इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया।

वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पार्टी के लिए अपने पदों का त्याग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम सभी ने इसे खारिज कर दिया।

हालांकि, राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोई पद नहीं संभाला है। उन्होंने कांग्रेस के 2019 के राष्ट्रीय चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली थी।

पंजाब में अंदरूनी कलह से पार्टी का बुरा हाल

कांग्रेस पंजाब को अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) से हार गई। अन्य चार राज्यों में एक विश्वसनीय लड़ाई लड़ने में विफल रही, जहां उसे वापसी की उम्मीद थी। यहां तक ​​कि भाजपा के साथ एक करीबी मुकाबला करने में भी विफल रही। विशेषज्ञों की मानें तो पंजाब की हार सबसे खराब थी। महीनों की अंदरूनी कलह के बाद कांग्रेस का पतन होता गया क्योंकि सिद्धू अनुभवी अमरिंदर सिंह के साथ-साथ नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से भी सार्वजनिक रूप से भिड़ते रहे और बयानबाजी करते रहे।

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