राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा किया

Newspoint24/ newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ
नई दिल्ली। राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। पेरारिवलन को कोर्ट ने उसके अच्छे बर्ताव को देखते हुए जेल से छोड़ा है। बता दें कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन दया याचिका की सुनवाई में देरी के चलते बाद में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया। वैसे, राजीव गांधी की हत्या में 7 लोग शामल थे, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता 4 लोग थे। वहीं पेरारिवलन ने इनकी मदद की थी।
21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेंरबदूर में हुए एक आत्मघाती बम धमाके में राजीव गांधी की मौत हो गई थी। राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या की साजिश भारत से बाहर रची गई थी। राजीव गांधी की हत्या की साजिश कैसे, कब और कहां रची गई और इसके मुख्य साजिशकर्ता कौन थे, आइए जानते हैं।
श्रीलंका में रची गई थी हत्या की साजिश :
बता दें कि राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या की साजिश नवंबर, 1990 में जाफना (श्रीलंका) में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन और उसके 4 साथियों ने रची थी। इनमें बेबी सुब्रह्मण्यम, शिवरासन, मुथुराजा और मुरूगन शामिल थे। राजीव गांधी की हत्या की जिम्मेदारी इन्हीं चार लोगों को दी गई थी।
जानें किसे मिली क्या जिम्मेदारी :
मुथुराजा : प्रभाकरन का खास आदमी, हमलावरों के लिए कम्युनिकेशन और पैसों का इंतजाम करना।
बेबी सुब्रमण्यम : लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) विचारक, हमलावरों के लिए रहने और छुपने का इंतजाम करना।
मुरुगन : विस्फोट करने में माहिर, आत्मघाती हमले के लिए जरूरी सामान का इंतजाम करना।
शिवरासन : लिट्टे के लिए रेकी और जासूसी करने का काम।
शिवरासन ने साजिश में चचेरी बहनों को भी शामिल किया :
मार्च, 1990 की शुरुआत प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक शिवरासन चेन्नई पहुंचा। यहां वो पोरूर इलाके में रुका और यहीं पर राजीव गांधी की हत्या की पूरी साजिश का खाका तैयार हुआ। शिवरासन ने अपने प्लान में चेन्नई की नलिनी, मुरूगन और भाग्यनाथन के साथ मानवबम की तलाश की। जब मानवबम नहीं मिला तो वो जाफना लौट गया। इसके बाद प्रभाकरन ने शिवरासन की चचेरी बहनों धनू और शुभा को उसके साथ भारत भेजा।
पेरारिवलन ने ऐसे की थी शिवरासन की मदद :
शिवरासन धनू और शुभा को अपने साथ नलिनी के घर ले गया। यहां उसने बम एक्सपर्ट से एक ऐसा बम बनाने को कहा, जिसे औरत की कमर में बांधा जा सके। इसके बाद बम एक्सपर्ट ने एक ऐसा बेल्ट तैयार किया, जिसमें RDX से भरे 6 ग्रेनेड रखे जा सकें। इसी बम में धमाके के लिए एजी पेरारिवलन ने मुख्य आरोपी शिवरासन को 9 वोल्ट की बैटरी खरीदकर दी थी।
कमर में बम बांध की प्रैक्टिस :
21 मई को श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की चुनावी सभा होनी थी। शिवरासन ने फैसला कर लिया था कि इसी दिन इस घटना को अंजाम देना है। 20 मई की रात नलिनी के घर पर शुभा ने धनू को आत्मघाती बम वाली बेल्ट पहनाकर प्रैक्टिस करवाई। इसके बाद अगली सुबह पेरंबदूर की रैली में राजीव गांधी जब भाषण देने पहुंचे तो एक महिला सब-इंस्पेक्टर धनू को उनके करीब जाने से रोकने लगी। इस पर राजीव गांधी उसे टोकते हुए कहा-सबको आने का मौका मिलना चाहिए। बाद में धनू ने राजीव गांधी को माला पहनाई और जैसे ही पैर छूने के लिए झुकी तो तेज धमाका हुआ।
यह भी पढ़ें : गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया