इस्लामिक संगठन PFI पर 5 साल का बैन, टेरर फंडिग के आरोप में 8 और सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
नई दिल्ली। टेरर फंडिंग और देशविरोधी गतिविधियों(Terror funding and anti-national activities) में लिप्त चरमपंथी मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) पर सरकार ने बैन लगा दिया है। गृहमंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। एक दिन पहले ही यानी 27 सितंबर को NIA समेत दूसरी एजेंसियों ने दूसरी बार PFI के 8 राज्यों में 25 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। एनआईए की गिरफ्त में आए केरल से पीएफआई मेंबर शफीक पैठ ने पूछताछ में खुलासा किया था कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के टारगेट पर थी। इससे पहले इससे पहले 22 सितंबर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) के नेतृत्व में मल्टी-एजेंसी टीमों ने देश में आतंकी गतिविधियों को कथित रूप से समर्थन देने(Terror funding and training) के आरोप में 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर PFI के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI को 5 साल के लिए बैन कर दिया। पहले इस संगठन पर दिसंबर तक बैन लगाने की तैयारी थी। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है।
PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI),ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है।
PFI & its associates incl Rehab India Foundation(RIF), Campus Front of India(CFI), All India Imams Council(AIIC), National Confederation of Human Rights Org(NCHRO), National Women’s Front, Jr Front, Empower India Foundation &Rehab Foundation, Kerala declared unlawful associations
— ANI (@ANI) September 28, 2022
जांच एजेंसियों ने दो राउंड में ताबड़तोड़ छापे मारे थे
NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को PFIऔर उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग कार्यकर्ता हुए थे। 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी में 250 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।
16 साल पहले दक्षिण भारत से हुई शुरुआत
- साल 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 23 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।
- PFI का संगठित नेटवर्क है, जिसकी राजस्थान सहित देश के 20 से अधिक राज्यों में मौजूदगी है। PFI की एक राष्ट्रीय समिति भी है और राज्यों की अलग समितियां हैं। ग्राउंड लेवल पर इसके वर्कर हैं। PFI के अनुसार, समिति के सदस्य हर तीन साल में होने वाले चुनाव से चुने जाते हैं ।
- 2009 में PFI ने अपने राजनीतिक दल SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और छात्र संगठन CFI (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) का गठन किया था। दक्षिण भारत से उदय होने वाले PFI का हेडक्वार्टर फिलहाल दिल्ली में है।
- इस संगठन द्वारा PFI को एक्सपोज करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ केस भी लगातार दर्ज कराए जाते हैं। PFI ने साल 2020 तक ऐसे 1256 मामले दर्ज कराए थे, जिनमें से 34 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। ये आंकड़ा साल 2020 में PFI ने ही जारी किया।
- साल 2010 में केरल में प्रोफेसर जोसेफ पर एक प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के जरिए पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान का आरोप लगा था। इसके बाद आरोप है कि PFI कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काट दिए थे।
यह भी पढ़ें :