यूपी कोआपरेटिव बैंक के हेड ऑफिस से 146 करोड़ गबन : चार कर्मचारी सस्पेंड, पूर्व मैनेजर ने साथियों के साथ दिया घटना को अंजाम, जांच शुरू

यूपी कोआपरेटिव बैंक के हेड ऑफिस से 146 करोड़ गबन : चार कर्मचारी सस्पेंड, पूर्व मैनेजर ने साथियों के साथ दिया घटना को अंजाम, जांच शुरू का

महाप्रबंधक वीएन मिश्र के मुताबिक बैंक के 146 करोड रुपये सात खातों में ट्रांसफर किए गए थे। जिसमें से बैंक के खाते में 74 करोड सीज कर दिए गए। वहीं एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के खाते में गए 72 करोड रुपए के लिए संबंधित बैंक के खातों में फ्रीज करा दिया गया है।

यह साइबर क्राइम का प्रयास था।प्रारंभिक जांच में लापरवाही के चलते प्रबंधक मेवालाल, कैसियर विकास कुमार पांडेय, सहायक प्रबंधक अजय कुमार और गार्ड अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की विभागीय जांच हो रही है।

महाप्रबंधक वीएन मिश्र के मुताबिक बैंक के 146 करोड रुपये सात खातों में ट्रांसफर किए गए थे। जिसमें से बैंक के खाते में 74 करोड सीज कर दिए गए। वहीं एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के खाते में गए 72 करोड रुपए के लिए संबंधित बैंक के खातों में फ्रीज करा दिया गया है।

यह साइबर क्राइम का प्रयास था।प्रारंभिक जांच में लापरवाही के चलते प्रबंधक मेवालाल, कैसियर विकास कुमार पांडेय, सहायक प्रबंधक अजय कुमार और गार्ड अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की विभागीय जांच हो रही है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ । यूपी कोआपरेटिव बैंक (यूपीसीबी) मुख्यालय के खाते से सात खातों में अवैध रूप से ट्रांसफर हुए 146 करोड़ रुपए मामले में मंगलवार को बैंक प्रबंधक समेत चार को सस्पेंड कर दिया गया।

साइबर क्राइम के डीआईजी एन कोलांची ने मुख्यालय पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की। उन्होंने घटना में एक पूर्व कर्मचारी समेत कुछ लोगों का इसमें हाथ बताया। जिनके विषय में जानकारी एकत्र की जा रही है।

बैंक प्रबंधन की लापरवाही से हुई घटना

बैंक में विभागीय जांच शुरू होने के बाद मौके पर मौजूद सभी कर्मचारियों से एक-एक कर मंगलवार सुबह से ही पूछताछ हो रही है।

(बैंक में विभागीय जांच शुरू होने के बाद मौके पर मौजूद सभी कर्मचारियों से एक-एक कर मंगलवार सुबह से ही पूछताछ हो रही है।)

महाप्रबंधक वीएन मिश्र के मुताबिक बैंक के 146 करोड रुपये सात खातों में ट्रांसफर किए गए थे। जिसमें से बैंक के खाते में 74 करोड सीज कर दिए गए। वहीं एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के खाते में गए 72 करोड रुपए के लिए संबंधित बैंक के खातों में फ्रीज करा दिया गया है।

यह साइबर क्राइम का प्रयास था।प्रारंभिक जांच में लापरवाही के चलते प्रबंधक मेवालाल, कैसियर विकास कुमार पांडेय, सहायक प्रबंधक अजय कुमार और गार्ड अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की विभागीय जांच हो रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बैंक प्रबंधक और कैसियर की आईडी से ट्रांसफर हुए पैसे

बैंक के खाते से ट्रांसफर रुपये की जानकारी देते महाप्रबंधक वीएन मिश्र।

(बैंक के खाते से ट्रांसफर रुपये की जानकारी देते महाप्रबंधक वीएन मिश्र)

बैंक प्रबंधन के मुताबिक 15 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे के जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आठ बार में 146 करोड रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर हुए।जिसमें 72 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक लखनऊ के खाताधारकों के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर हुए। जिसे से बैंक कर्मचारी विकास पाण्डेय और प्रबंधक मेवालाल की आईडी से भेजा गया। हालांकि इन लोगों ने इस तरह से पैसे के लेनदेन से इनकार किया।

पूर्व प्रबंधक है मास्टर माइंड, शनिवार सुबह आया था मुख्यालय

डीआईजी साइबर क्राइम एन कोलांची ने कहा कि साइबर ठगी का प्रयास हुआ है। बैंक विभागीय जांच कर रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीआईजी साइबर क्राइम एन कोलांची ने कहा कि साइबर ठगी का प्रयास हुआ है। बैंक विभागीय जांच कर रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बैंक प्रबंधक की जांच के मुताबिक 15 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे से 09:30 बजे के बीच बैंक के पूर्व प्रबंधक इंदिरानगर निवासी आरएस दुबे एक साथी के साथ आए थे। जिनको गार्ड शैलेंद्र ने रोका भी था। इस पर उन्होंने बैंक मुख्यालय के 8वें तल स्थित एनएडी अनुभाग में आने की बात कही। घटना की जानकारी के बाद सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर इन लोगों के कंप्यूटर विभाग में जाते और पीसी को ऑन कर छेडछाड करता हुआ पाया गया।

शनिवार शाम को बैंक अधिकारियों को हुई जानकारी

गार्ड शैलेंद्र के मुताबिक पूर्व कर्मचारी आरएस दुबे ने टोकने पर गेस्ट हाउस जाने की बात कही, लेकिन वह ऑफिस पहुंच गया।

गार्ड शैलेंद्र के मुताबिक पूर्व कर्मचारी आरएस दुबे ने टोकने पर गेस्ट हाउस जाने की बात कही, लेकिन वह ऑफिस पहुंच गया।

हजरतगंज में जिलाधिकारी आवास के पास स्थित सहकारी बैंक के खाते से जालसाजों ने करीब 146 करोड़ रुपये उड़ा दिए। मामले की जानकारी होते ही बैंक में हड़कंप मच गया। बैंक सूत्रों के मुताबिक शनिवार शाम को बैंक अधिकारियों को बैंक की करीब 146 करोड़ की रकम सात खातों में भेजी गई।

जिसके बाद अधिकारियों ने जांच की और हजरतगंज थाने में संपर्क किया। जहां से मामला साइबर मुख्यालय के लिए ट्रांसफर कर दिया गया। जहां सोमवार को बैंक अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज किया गया। जिसेक बाद साइबर एक्सपर्ट के साथ एसटीएफ की टीम ने भी जांच शुरू कर दी।

बैंक के गार्ड को बैंक में दिखे थे संदिग्ध, सीसीटीवी फुटेज की जांच

बैंक में सीसीटीवी में संदिग्ध युवक दिखे हैं। जिन्हें साइबर सेल तलाश कर रही है।

(बैंक में सीसीटीवी में संदिग्ध युवक दिखे हैं। जिन्हें साइबर सेल तलाश कर रही है।)

बैंक अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को गार्ड शैलेंद्र को बैंक में कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखी थी। जिसके बाद उसने बैंक प्रबंधन को सूचना दी। जांच में साइबर ठगी की बात सामने आई। साइबर टीम के मुताबिक घटना की जानकारी के बाद सहायक महाप्रबंधक अजय कुमार त्रिपाठी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। बैंक की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। साथ ही बैंक खातों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : सीबीआई कार्यालय से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया का बडा दावा अफसरों ने इशारों में मुझे बीजेपी जॉइन करने को कहा

Share this story